पटनाः राजधानी पटना के राजीव नगर आवास बोर्ड की जमीन की खरीद बिक्री कर करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित करने वाले 31 नामजद भूमि माफियाओं की तलाश (EOU Action Against Accused Of Rajiv Nagar Land Scam) तेज हो गई है. पटना के राजीव नगर इलाके के नेपाली नगर में चल रहे जमीन विवाद को लेकर आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने मामले से जुड़े भूमि माफियाओं के संपत्ति की जांच शुरू कर दी है. ईओयू की टीम ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी अभियान तेज कर दी है. ईओयू के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रडार पर आए 31 भू माफिया गिरफ्तारी के डर से अपना मोबाइल बंद कर दिया. ज्यादातर पटना छोड़कर गायब हो गए हैं. ईओयू इनके करीबी लोगों और रिश्तेदारों की कुंडली खंगाल रही है.
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8 सदस्यीय टीम कर रही है जांचः बता दें कि जिला प्रशासन के आग्रह पर आर्थिक अपराध इकाई के भूमाफिया धनकुबेरों की संपत्ति की जांच करने के लिए आर्थिक अपराध इकाई के एसपी सुशील कुमार (Economic Offenses Unit SP Sushil Kumar ) के नेतृत्व में 8 सदस्य एसआईटी गठित की गई है. एसआईटी राजीव नगर आवास बोर्ड की जमीन की खरीद बिक्री से जुड़े लोगों की जांच शुरू कर दी है. आर्थिक अपराध इकाई की ओर से राजीव नगर थाने में मामले को लेकर प्राथमिकी भी दर्ज करायी गई है. इससे जुड़े लोगों के बारे में डिटेल आवास बोर्ड के एमडी और एसएसपी से मांगी गई है. ईओयू को सूचना मिली है कि कई भू माफियाओं ने राजधानी पटना और अन्य शहरों में भी मकान, दुकान, फ्लैट खरीदा है जिसकी जांच की जा रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इन भूमि माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए इनकी प्रॉपर्टी कुर्की जब्ती भी किया जाएगा.
कोलकाता से मंगाये जायेंगे दस्तावेजः बताया जा रहा है कि भू माफियाओं की जानकारी के लिए जिला प्रशासन की एक टीम जल्द ही कोलकाता से इनके दस्तावेजों को भी प्राप्त करेगी. दरअसल इन भूमि माफियाओं की ओर से आवास बोर्ड की जमीन बेचने का खेल कोलकाता में होता था. भूमि माफियाओं की ओर से पावर ऑफ अटॉर्नी कोलकाता में दिया जाता था उम्मीद जताई जा रही है कि कोलकाता कोर्ट में यह अभिलेख सुरक्षित है और वहां से जांच के लिए मंगाया जायेगा.
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