पटना : बिहार विधानसभा के 2 सीटों पर हो रहे उपचुनाव (Bihar By Election) में 30 अक्टूबर को वोट डाला जाएगा. लेकिन बिहार सरकार के अधिकांश मंत्री चुनाव प्रचार में पिछले कई दिनों से लगे हैं. जदयू कोटे के तो सभी मंत्री चुनाव प्रचार में हैं. अशोक चौधरी (Ashok Chowdhury) पिछले एक महीने से तारापुर की कमान संभाले हुए हैं. वही संजय झा (Sanjay Jha) कुशेश्वरस्थान में डंटे हैं.
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जदयू कोटे के दोनों मंत्रियों को व्यवस्था करने की पूरी जिम्मेवारी दी गई है. दोनों मंत्री लगातार चुनाव प्रचार का सारा इंतजाम कर रहे हैं. इनको जदयू के सभी मंत्रियों का सहयोग मिल रहा है. 28 अक्टूबर तक मंत्रियों को दोनों विधानसभा क्षेत्रों में ही रहने का आदेश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की तरफ से दिया गया है. 28 अक्टूबर को शाम पांच बजे चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा.
बता दें कि जल संसाधन मंत्री संजय झा और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी के जिम्मे महत्वपूर्ण विभाग हैं. अशोक चौधरी एक दिन के लिए राष्ट्रपति के कार्यक्रम को लेकर पटना भी आए थे लेकिन संजय झा राष्ट्रपति के कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए. इन दोनों मंत्रियों के अलावा मदन सहनी, जयंत राज, सुनील कुमार, लेसी सिंह, श्रवण कुमार, शीला मंडल भी चुनावी प्रचार में लगे हैं.
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बसपा से आए मंत्री जमा खान भी लगातार विधानसभा के चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. इसके अलावा सुमित कुमार सिंह तारापुर में प्रचार कर रहे हैं. तो वहीं विजय कुमार चौधरी कुशेश्वरस्थान में प्रचार करते रहे हैं. अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ चुनावी सभा में जा रहे हैं. इसके अलावा बिजेंद्र यादव बीमार हैं.
बात बीजेपी की करें तो उसके भी कई मंत्री चुनाव प्रचार में साथ दे रहे हैं. सम्राट चौधरी तारापुर में कैंप किए हुए हैं. जीवेश मिश्रा कुशेश्वरस्थान में मदद कर रहे हैं. बीजेपी के अन्य मंत्रियों की भी आवश्यकता अनुसार मदद ली जा रही है.
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ऐसे में 2 सीटों के चुनाव प्रचार में बिहार सरकार के अधिकांश मंत्रियों के कूदने के कारण सरकार के कामकाज पर ही असर पड़ रहा है. मुख्यमंत्री ने पिछले सप्ताह कैबिनेट की बैठक भी नहीं की और यह दूसरा सप्ताह है जब बैठक होने की उम्मीद कम है.
''मंत्री के कामकाज का तरीका दूसरा होता है. जहां रहते हैं वहीं संचिका पहुंच जाती है. लेकिन मुख्यालय से बाहर रहने के कारण संचिका के निष्पादन पर भी असर पड़ता है. कुल मिलाकर इसका असर योजनाओं पर होता है.''- रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार
''जाहिर सी बात है जब मंत्री चुनाव प्रचार में व्यस्त रहेंगे तो जनता के कामकाज ठप होना ही है. बिहार की जनता भी यह जानती है''- एजाज अहमद, प्रवक्ता आरजेडी
वैसे तो विपक्ष हमेशा ही यह आरोप लगाता रहा है कि नीतीश सरकार अधिकारियों के बूते चलती रही है. लेकिन सच्चाई यह भी है कि मंत्रियों के मुख्यालय से बाहर रहने का असर पड़ रहा है. हालांकि जदयू के नेता इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. ऐसे में अब 28 अक्टूबर के बाद ही मंत्रियों के पटना लौटने पर फिर से सचिवालय में चहल-पहल बढ़ेगी.