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राजनीतिक विश्लेषकों की राय- 'डॉक्टर' कन्हैया कुमार से बिहार कांग्रेस में 'जान' लौटने की उम्मीद कम

वामपंथी राजनीति से होते हुए कन्हैया कुमार कांग्रेस में शामिल हो गये हैं. वे बिहार विधानसभा के उपचुनाव में प्रचार भी कर रहे हैं. उनके शामिल होने से बिहार कांग्रेस को कोई फायदा होगा या नहीं, इस बारे में ईटीवी भारत ने राजनीतिक विश्लेषकों से बातचीत की. पढ़ें विशेष रिपोर्ट.

(Kanhaiya Kumar
(Kanhaiya Kumar
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Published : Oct 23, 2021, 10:46 PM IST

पटना: युवा नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. वे अब बिहार विधानसभा के उपचुनाव (Bihar assembly by-elections) के लिए प्रचार भी कर रहे हैं. ऐसे में सवाल जरूर उठता है कि क्या कन्हैया के आने से बिहार कांग्रेस (Congress) मजबूत होगी या कोई खास फर्क नही पड़ेगा. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी के राजनीतिक विश्लेषकों से उनके विचार जानने की कोशिश की.

ये भी पढ़ें: तेजस्वी के प्रचार के बाद शुरू हुआ कन्हैया का चुनावी अभियान, इसके पीछे की वजह समझिये

राजनीतिक विश्लेषक कन्हैया भेलारी (Kanhaiya Bhelari) का कहना है कि बिहार में कांग्रेस पूरी तरह से दिव्यांग हो चुकी है. एक डॉक्टर कन्हैया कुमार उन्हें मिले हैं जरूर लेकिन उनके आने से बिहार कांग्रेस में कोई खास परिवर्तन नहीं होगा. पहले से कांग्रेस के कई बड़े नेता बिहार में बैठे हुए हैं. उनसे आज तक कुछ नहीं हुआ है तो फिर कन्हैया कुमार से कोई उम्मीद करना ही गलत होगा. बिहार में जो परिस्थिति है, उसमें कांग्रेस का रिवाइवल कभी नहीं हो सकता है.

उन्होंने कहा कि जातीय समीकरण को भी अगर देखिए तो कन्हैया कुमार किस जाति से आते हैं. कहीं ना कहीं उस जाति का वोटर भारतीय जनता पार्टी के साथ है. यादव वोट को वह अपनी तरफ ला नहीं सकते हैं. ऐसे हालात में कन्हैया कुमार को कांग्रेस में शामिल होने से बिहार कांग्रेस को कभी भी कोई फायदा होता नजर नहीं आ रहा है.



ये भी पढ़ें: तेज प्रताप पर कांग्रेस का पलटवार- 'जिसे खुद उनकी पार्टी गंभीरता से नहीं लेती वो उपदेश ना दें'

कुछ इसी तरह की बात राजनीतिक विश्लेषक श्रीकांत व्यास (Shrikant Vyas) का भी कहना है. उनके मुताबिक बिहार में कांग्रेस पार्टी में कुछ नहीं बचा है. ऐसी हालत में वामदल छोड़कर कन्हैया यहां आए हैं लेकिन उससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. उन्होंने कहा कि जो बिहार में जातीय समीकरण है, लोग जाति के आधार पर वोटिंग करते हैं. उसमें कन्हैया कभी भी अपने जाति का वोट कांग्रेस की तरफ नहीं मोड़ सकते हैं. हमको नहीं लगता है कि कन्हैया कुमार के आने से बिहार कांग्रेस में कोई फायदा होगा.

देखें रिपोर्ट

वहीं राजनीतिक विशेषज्ञ रवि उपाध्याय (Ravi Upadhyay) की अगर हम बात करें तो उनका यह मानना है कि बिहार कांग्रेस को बहुत बड़ा फायदा कन्हैया कुमार के आने से मिलेगा. कन्हैया कुमार की वाकपटुता अच्छी है. लोगों को अपनी तरफ ले जाने में सफल हो पाएंगे और कहीं ना कहीं बिहार कांग्रेस को कन्हैया संजीवनी देंगे. संजीवनी के रूप में काम करेंगे. रवि उपाध्याय ने कहा कि अगर कोई कहता है कि बिहार में कॉन्ग्रेस में कुछ नहीं है तो वह गलत है.

हमारा मानना है कि कन्हैया कुमार के आने से कांग्रेस को फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि सिर्फ कन्हैया कुमार ही नहीं, 3 युवा आए हैं. हार्दिक पटेल (Hardik Patel) और जिग्नेश मेवानी (Jignesh Mevani) भी गुजरात के हैं और बहुत अच्छे नेता हैं. इसका फायदा बिहार कांग्रेस को मिलेगा.

ये भी पढ़ें: चिराग-तेजस्वी पर कन्हैया का तंज- 'चुनावी उतार-चढ़ाव में भाई-भाई और चाचा-भतीजा हो रहे अलग'

पटना: युवा नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. वे अब बिहार विधानसभा के उपचुनाव (Bihar assembly by-elections) के लिए प्रचार भी कर रहे हैं. ऐसे में सवाल जरूर उठता है कि क्या कन्हैया के आने से बिहार कांग्रेस (Congress) मजबूत होगी या कोई खास फर्क नही पड़ेगा. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी के राजनीतिक विश्लेषकों से उनके विचार जानने की कोशिश की.

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राजनीतिक विश्लेषक कन्हैया भेलारी (Kanhaiya Bhelari) का कहना है कि बिहार में कांग्रेस पूरी तरह से दिव्यांग हो चुकी है. एक डॉक्टर कन्हैया कुमार उन्हें मिले हैं जरूर लेकिन उनके आने से बिहार कांग्रेस में कोई खास परिवर्तन नहीं होगा. पहले से कांग्रेस के कई बड़े नेता बिहार में बैठे हुए हैं. उनसे आज तक कुछ नहीं हुआ है तो फिर कन्हैया कुमार से कोई उम्मीद करना ही गलत होगा. बिहार में जो परिस्थिति है, उसमें कांग्रेस का रिवाइवल कभी नहीं हो सकता है.

उन्होंने कहा कि जातीय समीकरण को भी अगर देखिए तो कन्हैया कुमार किस जाति से आते हैं. कहीं ना कहीं उस जाति का वोटर भारतीय जनता पार्टी के साथ है. यादव वोट को वह अपनी तरफ ला नहीं सकते हैं. ऐसे हालात में कन्हैया कुमार को कांग्रेस में शामिल होने से बिहार कांग्रेस को कभी भी कोई फायदा होता नजर नहीं आ रहा है.



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कुछ इसी तरह की बात राजनीतिक विश्लेषक श्रीकांत व्यास (Shrikant Vyas) का भी कहना है. उनके मुताबिक बिहार में कांग्रेस पार्टी में कुछ नहीं बचा है. ऐसी हालत में वामदल छोड़कर कन्हैया यहां आए हैं लेकिन उससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. उन्होंने कहा कि जो बिहार में जातीय समीकरण है, लोग जाति के आधार पर वोटिंग करते हैं. उसमें कन्हैया कभी भी अपने जाति का वोट कांग्रेस की तरफ नहीं मोड़ सकते हैं. हमको नहीं लगता है कि कन्हैया कुमार के आने से बिहार कांग्रेस में कोई फायदा होगा.

देखें रिपोर्ट

वहीं राजनीतिक विशेषज्ञ रवि उपाध्याय (Ravi Upadhyay) की अगर हम बात करें तो उनका यह मानना है कि बिहार कांग्रेस को बहुत बड़ा फायदा कन्हैया कुमार के आने से मिलेगा. कन्हैया कुमार की वाकपटुता अच्छी है. लोगों को अपनी तरफ ले जाने में सफल हो पाएंगे और कहीं ना कहीं बिहार कांग्रेस को कन्हैया संजीवनी देंगे. संजीवनी के रूप में काम करेंगे. रवि उपाध्याय ने कहा कि अगर कोई कहता है कि बिहार में कॉन्ग्रेस में कुछ नहीं है तो वह गलत है.

हमारा मानना है कि कन्हैया कुमार के आने से कांग्रेस को फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि सिर्फ कन्हैया कुमार ही नहीं, 3 युवा आए हैं. हार्दिक पटेल (Hardik Patel) और जिग्नेश मेवानी (Jignesh Mevani) भी गुजरात के हैं और बहुत अच्छे नेता हैं. इसका फायदा बिहार कांग्रेस को मिलेगा.

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