पटना: प्रधानमंत्री मोदी ने 3 जनवरी से देश में 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन (Vaccination of Children in Bihar) की शुरुआत की घोषणा की है. दूसरी ओर प्रदेश में और खासकर बिहार की राजधानी पटना में 3 जनवरी से बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर संशय (Doubts on vaccination of children in Bihar) की स्थिति बनी हुई है. बच्चों के वैक्सीनेशन के संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभी तक कुछ दिशा-निर्देश जारी नहीं हुआ है. ऐसे में वैक्सीनेशन कार्य में लगे अधिकारियों का कहना है कि बच्चों के वैक्सीनेशन की दिशा में अभी वे कुछ नहीं कह पाएंगे. हालांकि अधिकारियों ने साफ कहा कि बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू होगा तो उन्हें कोवैक्सीन का टीका लगेगा. जायकोविड वैक्सीन अभी प्रदेश में नहीं पहुंचा है. यदि आता भी है तो पहले 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को लगेगा.
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पटना जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एसपी विनायक ने बताया कि बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से उनके पास कोई दिशा-निर्देश नहीं आया है. जब दिशा-निर्देश आएगा तो उसको लेकर तैयारी है. सभी वैक्सीनेटर बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर मानसिक रूप से तैयार हैं. दिशा-निर्देश मिलते ही बच्चों के वैक्सीनेशन कैंप या सामान्य वैक्सीनेशन सेंटर के बारे में फैसला लिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि अभी कोविन पोर्टल में भी बदलाव करना होगा क्योंकि पोर्टल के हिसाब से 18 से कम उम्र के लोगों का रजिस्ट्रेशन अभी बंद है. ऐसे में अगर विभाग की तरफ से दिशा-निर्देश आता है तो यह भी देखना होगा कि पोर्टल पर बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन हो पा रहा है या नहीं. कई बच्चों के पास आधार कार्ड भी नहीं होते हैं, ऐसे में पहचान पत्र के लिए स्कूल आईडी पर वैक्सीनेशन के लिए विचार चल रहा है.
उन्होंने साफ किया कि अभी सभी जानकारियां अनाधिकृत हैं. विभाग की तरफ से जब दिशा-निर्देश आ जाएगा, तभी क्लियर होगा कि बच्चों का वैक्सीनेशन कैसे होगा और किन प्रकार की आईडी कार्ड के माध्यम से वैक्सीनेशन के लिए बच्चों का रजिस्ट्रेशन हो पाएगा. बताते चलें कि पटना में एक अनुमानित आंकड़े के मुताबिक 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों की संख्या 4,30,000 है.
वहीं, प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने कहा कि उन्होंने बहुत पहले ही सभी प्राइवेट स्कूलों को निर्देशित कर दिया था कि बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर तैयार रहें. उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार को पत्र भी लिखा है कि प्राइवेट स्कूलों में एक-एक दिन का कैंप लगाकर वैक्सीनेशन करें ताकि कम समय में अधिक से अधिक बच्चों को वैक्सीनेशन से लाभान्वित किया जा सके.
शमायल अहमद ने कहा कि वह प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत करते हैं कि 3 जनवरी से बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो रहा है. उन्होंने कहा कि देशभर के एसोसिएशन से जुड़े दो लाख से अधिक स्कूलों और प्रदेश के 25,000 से अधिक स्कूलों को निर्देशित किया है कि स्कूल प्रबंधन और शिक्षक वैक्सीनेशन को लेकर बच्चों को मानसिक रूप से तैयार करें. स्कूल ऐसी व्यवस्था करें कि जिस दिन वैक्सीनेशन का कैंप हो, उस दिन 15 से 18 आयु वर्ग के स्कूल के सभी बच्चे वैक्सीनेटेड हो जाएं. अभिभावकों को भी वैक्सीनेशन को लेकर सकारात्मक रूख रखने की अपील करेंगे.
शमायल अहमद ने कहा कि ऐसे लोग जो अभी तक वैक्सीनेटेड नहीं हैं, उनसे अपील करेंगे कि वैक्सीनेशन पूरी तरह सुरक्षित है. यही कोरोना से बचाव का रास्ता भी है. इसलिए वैक्सीनेशन से जुड़ी भ्रांतियां अपने मन से दूर करें और जल्द से जल्द वैक्सीनेशन अभियान में भाग लेकर खुद को वैक्सीनेटेड करें. आने वाले समय में जिस प्रकार से वायरस म्यूटेट कर रहा है, आगे और बड़े खतरे आएंगे इसलिए वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है. बढ़-चढ़कर इस अभियान में चले.
प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों में जो बच्चे नामांकित हैं, वह रेगुलर स्कूल आते हैं. ऐसे में अगर स्कूल में कैंप लगाकर बच्चों का वैक्सीनेशन होता है तो कम समय में अधिक से अधिक बच्चे वैक्सीनेट हो जाएंगे.
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