पटना: राजधानी के राजेंद्र चौक पर देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की 135 वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में प्रदेश के राज्यपाल, सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी के साथ दर्जनों मंत्री मौजूद रहे.
राजेंद्र चौक पर किया गया आयोजन
देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की आज 135वीं जंयती मनाई जा रही है. इस मौके पर पटना के राजेंद्र चौक पर लगी उनकी मूर्ति के सामने एक राजकीय समारोह का आयोजन किया गया. समारोह के दौरान बिहार के राज्यपाल फागु चौहान, सीएम नीतीश कुमार, डीप्टी सीएम सुशील मोदी और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी के साथ दर्जनों मंत्रियों ने डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. वहीं, बिहार की जनता के जरिए इस दिन को राष्ट्रीय ज्ञान दिवस के रूप में मनाने की लगातार मांग उठी रही है. सरकार इस साल इस दिन को राष्ट्रीय ज्ञान दिवस घोषित कर सकती है.
चरखा कात रही महिलाओं को किया सम्मानित
राजकीय समारोह के आयोजन में सूचना और जनसंपर्क विभाग के कलाकारों ने प्रस्तुति दी. इस दौरान चरखा समिति के जरिए महिलाओं ने प्रदर्शनी का भी आयोजन किया. राज्यपाल फागू चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदर्शनी में जाकर चरखा कात रही महिलाओं को सम्मानित भी किया.
सीवान के जीरादेई में हुआ था जन्म
राजेंद्र बाबू का जन्म बिहार के सीवान जिले के जीरादेई गांव में हुआ था. उनके पिता फारसी और संस्कृत भाषा के विद्वान थे. जबकि मां एक धार्मिक महिला थीं. पांच साल की उम्र से राजेंद्र प्रसाद को फारसी, हिंदी और गणित सीखने के लिए एक मौलवी के संरक्षण में रखा गया था. बाद में उन्हें छपरा जिला स्कूल भेजा गया. सिर्फ 12 साल की उम्र में राजेंद्र प्रसाद की शादी हो गई थी.
मातृभूमि के लिए दिए कई अहम योगदान
राजेंद्र प्रसाद स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति थे. राष्ट्र के लिए उनका योगदान बहुत गहरा है. वह जवाहरलाल नेहरू, वल्लभभाई पटेल और लाल बहादुर शास्त्री के साथ भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे. वह उन भावुक व्यक्तियों में से एक थे, जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना अहम योगदान दिया. उनके योगदान काफी रहे. उन्होंने संविधान सभा की आजादी के बाद के छोटे राष्ट्र के संविधान को डिजाइन करने की कसम खाई.