पटना: मुख्यमंत्री के जनता दरबार में कृषि सहित कई विभागों के मामलों की सुनवाई हुई. जिन विभागों का मामला होता है उससे संबंधित मंत्री भी जनता दरबार पहुंचते हैं. इसलिए कृषि मंत्री सुधाकर सिंह भी जनता दरबार में पहुंचे थे. कृषि विभाग से संबंधित एक मामला आने के बाद मुख्यमंत्री ने कृषि मंत्री काे फाेन लगाया. पूछा, हेलाे- जगह पर हैं ना. एक मामला आया है देख लीजिएगा. उसके बाद फोन रख दिया. इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कृषि मंत्री के बीच कोई बातचीत नहीं हुई. ऐसा लगता है कि कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री के बीच अभी भी दूरियां बनी हुई हैं (distance between CM and Agriculture Minister).
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कृषि विभाग भी था आज के जनता दरबार मेंः सुधाकर सिंह ने कहा कृषि विभाग भी आज जनता दरबार में था, इसलिए मेरा रहना वहां जरूरी था. पूरे बिहार से जो किसान आते हैं उनकी समस्याओं को सुलझाने का संयुक्त दायित्व है. बहुत मुद्दे थे जिसे हम भी कर चुके थे लेकिन एक दो मामले जो बच गए थे उसे भी एक-दो दिनों में हल कर देंगे. खगड़िया के एक किसान की शिकायत थी कि उनकी फसल बर्बाद हो गई लेकिन अधिकारियों ने गलत रिपोर्ट दी. हमने अधिकारियों को रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है.
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अलग-अलग बैठने की थी व्यवस्थाः मुख्यमंत्री से कोई बातचीत हुई, इस पर किसी मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा जनता दरबार में असल में सब मिलकर काम करते हैं, लेकिन अलग-अलग बैठने की व्यवस्था होती है. कामकाजी जो रिश्ते हैं वह रहती हैं वहां पर. कैबिनेट जैसी चर्चा नहीं होती है. कोविड-19 के कारण भी दरबार में बैठने की अलग-अलग व्यवस्था की गई थी, वह आज भी उसी तरह से है.
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कृषि मंत्री और सीएम के बीच अभी भी बनी हुई है दूरियांः बता दें कि पिछले दिनाें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के बीच कुछ कड़वाहट देखी गयी. सुधाकर सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा था कि उनके विभाग के अधिकारी चोर हैं और वे चोरों के सरदार हैं. इस पर सरकार की काफी छिछालेदर हुई थी. कैबिनेट की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कृषि मंत्री से इस बयान के बाबत जानकारी मांगनी चाही तो सुधाकर सिंह बैठक से उठकर चले गये थे. इस बारे में खुद मुख्यमंत्री ने भी कहा था कि मैंने सुधाकर सिंह से जानना चाहा लेकिन बिना बताए चले गए. आज दाेनों जनता दरबार में मौजूद थे लेकिन दूरियां बनी हुई थी(Chief Minister and Agriculture Minister in Janata Darbar).
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