ETV Bharat / city

कश्मीर से धारा 370 हटाने पर बोले दीपांकर भट्टाचार्य- सरकार को चुनाव करवाकर लेना चाहिए फैसला

दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि जिस तरह यूएपीए कानून में संशोधन किया गया उससे ऐसा लगा कि एक बार फिर से 1919 के रौलट एक्ट को लागू कर दिया गया हो. जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा छीन लेना उसके साथ क्रूर मजाक है.

दीपांकर भट्टाचार्य, महासचिव CPLI(ML)
author img

By

Published : Aug 14, 2019, 11:16 PM IST

पटना: भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने धारा 370 समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि इस बार सदन के सत्र में केंद्र सरकार ने एक के बाद एक कई कानून लोकसभा और राज्यसभा में बिना व्यापक चर्चा के पारित कराए. उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं है.

दीपांकर भट्टाचार्य, महासचिव CPLI (ML)

'USPA कानून- निजी अधिकारों का हनन'
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि जिस तरह यूएपीए कानून में संशोधन किया गया उससे ऐसा लगा कि एक बार फिर से 1919 के रौलट एक्ट को लागू कर दिया गया हो. उन्होंने कहा कि इस कानून के माध्यम से लोगों के निजी अधिकारों का हनन होगा और किसी को भी आतंकवादी बताकर 2 साल के लिए परेशान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो तीन तलाक बिल पारित किया, वह मुस्लिम पुरुषों के खिलाफ अन्याय है. उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ किया था कि तीन तलाक मान्य नहीं तो फिर इस पर कानून बनाने का औचित्य समझ से परे है.

  • तेजस्वी के ट्वीट पर बीजेपी का पलटवार- पहले अपना पता बताएं तब पूछें सवाल https://t.co/03lcWfsafE

    — ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) August 14, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
'जम्मू कश्मीर से राज्य का दर्जा छीन लेना क्रूर मजाक' माले नेता ने कहा कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाया गया उससे जम्हूरियत कश्मीरियत और इंसानियत का गला घोंटा गया है. उन्होंने कहा कि धारा 370 को हटाने के लिए जम्मू कश्मीर की विधानसभा से इसे पारित कराना चाहिए था. उन्होंने कहा कि सरकार अगर 370 हटाना चाहती थी तो उसको जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव करवाने चाहिए थे. अगर सरकार कह रही है कि जम्मू कश्मीर के लोग इस फैसले से खुश हैं तो इन्हें अपने मेनिफेस्टो में चुनाव के वक्त शामिल करना चाहिए था और जीतने के बाद यह फैसला लेना चाहिए था. जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा छीन लेना उसके साथ क्रूर मजाक है.

पटना: भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने धारा 370 समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि इस बार सदन के सत्र में केंद्र सरकार ने एक के बाद एक कई कानून लोकसभा और राज्यसभा में बिना व्यापक चर्चा के पारित कराए. उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं है.

दीपांकर भट्टाचार्य, महासचिव CPLI (ML)

'USPA कानून- निजी अधिकारों का हनन'
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि जिस तरह यूएपीए कानून में संशोधन किया गया उससे ऐसा लगा कि एक बार फिर से 1919 के रौलट एक्ट को लागू कर दिया गया हो. उन्होंने कहा कि इस कानून के माध्यम से लोगों के निजी अधिकारों का हनन होगा और किसी को भी आतंकवादी बताकर 2 साल के लिए परेशान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो तीन तलाक बिल पारित किया, वह मुस्लिम पुरुषों के खिलाफ अन्याय है. उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ किया था कि तीन तलाक मान्य नहीं तो फिर इस पर कानून बनाने का औचित्य समझ से परे है.

  • तेजस्वी के ट्वीट पर बीजेपी का पलटवार- पहले अपना पता बताएं तब पूछें सवाल https://t.co/03lcWfsafE

    — ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) August 14, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
'जम्मू कश्मीर से राज्य का दर्जा छीन लेना क्रूर मजाक' माले नेता ने कहा कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाया गया उससे जम्हूरियत कश्मीरियत और इंसानियत का गला घोंटा गया है. उन्होंने कहा कि धारा 370 को हटाने के लिए जम्मू कश्मीर की विधानसभा से इसे पारित कराना चाहिए था. उन्होंने कहा कि सरकार अगर 370 हटाना चाहती थी तो उसको जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव करवाने चाहिए थे. अगर सरकार कह रही है कि जम्मू कश्मीर के लोग इस फैसले से खुश हैं तो इन्हें अपने मेनिफेस्टो में चुनाव के वक्त शामिल करना चाहिए था और जीतने के बाद यह फैसला लेना चाहिए था. जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा छीन लेना उसके साथ क्रूर मजाक है.
Intro:राजधानी पटना के छज्जू बाग स्थित मालय कार्यालय में माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने धारा 370 समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस क्रिया. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि इस बार जो सदन का सत्र चला इस दौरान केंद्र सरकार ने एक के बाद एक कई कानून लोकसभा और राज्यसभा में बिना व्यापक चर्चा के पारित कराए. उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं है.


Body:दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि जिस तरह यू ए पी ए में संशोधन हुआ उससे लगा कि एक बार फिर से 1919 के रौलट एक्ट को लागू कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस कानून के माध्यम से लोगों के निजी अधिकारों का हनन होगा और किसी को भी आतंकवादी बताकर 2 साल के लिए परेशान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जो सरकार ने तीन तलाक बिल लाया वह मुस्लिम पुरुषों के खिलाफ अन्याय है. उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया था कि तीन तलाक मान्य नहीं तो फिर इस पर कानून कानून बनाने का क्या औचित्य है समझ में नहीं आया.


Conclusion:दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि जिस तरह से जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाया गया यह जम्हूरियत कश्मीरियत और इंसानियत का गला घोटा गया है. मैंने कहा कि धारा 370 को हटाना कश्मीरियों के खिलाफ अन्याय है और उनके अधिकारों का हनन हुआ है. उन्होंने कहा कि धारा 370 को हटाने के लिए जम्मू कश्मीर की विधानसभा से इसे पारित कर आना चाहिए था जबकि इसे नहीं कराया गया. उन्होंने कहा कि सरकार अगर 370 हटाना चाहती थी तो उसको जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव करवाने चाहिए थे और अगर वह कह रही है कि जम्मू कश्मीर के लोग इस फैसले से खुश हैं तो इन्हें अपने मेनिफेस्टो में चुनाव के वक्त शामिल करना चाहिए था और जीतने के बाद यह फैसला लेना चाहिए था. यह जम्मू कश्मीर के साथ क्रूर मजाक हुआ है कि उसे राज्य का दर्जा छीन लिया गया है और यूनियन टेरिटरी बना दिया गया है. धारा 370 जैसे कई राज्यों को विशेष दर्जा मिले हैं. उन्होंने कहा कि जो संसद में गृह मंत्री जी ने कहा कि धारा 370 टेंपरेरी था यह सरासर गलत है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.