पटना : चुनाव परिणाम आने के बाद बिहार में नेताओं के बयान अपने चरम पर हैं. जहां एक ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा कि महागठबंधन के जादुई आंकड़े से दूर रहने की वजह कांग्रेस है.
तारिक अनवर के बाद माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्या ने भी कांग्रेस को घेरा है. राबड़ी आवास पर महागठबंधन की बैठक से पहले उन्होंने कहा कि काग्रेस से 70 सीटें नहीं संभल पायी. अगर वाम दल को और सीटें मिलती तो आंकड़ा कुछ और ही होता.
''जाहिर सी बात है, कांग्रेस की स्ट्राइक रेट अच्छा नहीं रहा. शायद 70 सीटें संभाल पाना कांग्रेस के लिए मुश्किल साबित हुई. कांग्रेस कुछ कम सीटों पर लड़ती, उसके बदले राजद को, माले को या अन्य वाम घटक दल को देती तो शायद फर्क पड़ जाता. खैर अब जो हो गया सो हो गया.''- माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्या
एनडीए को पूर्ण बहुमत
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए ने कुल 125 सीटों पर जीत हासिल की है. एनडीए में शामिल भाजपा को 74, जेडीयू को 43, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (सेक्युलर) तथा विकासशील इंसान पार्टी को चार-चार सीटें मिली हैं.
महागठबंधन की स्थिति
वहीं, महागठबंधन कांटे की टक्कर में सत्ता की दौड़ से पीछे रह गया. आरजेडी नेता तेजस्वी के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने कुल 110 सीटों पर जीत दर्ज की है. जिसमें आरजेडी को 75, कांग्रेस को 19, सीपीआई (माले) को 12, सीपीएम और सीपीआई को दो-दो सीटें मिली हैं.
- बता दें कि, पिछली बार 2015 में कांग्रेस ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 27 पर जीत दर्ज की थी. वहीं, इस बार 70 सीटों पर बिहार चुनाव लड़ी, उसमें सिर्फ 19 सीटें ही जीत पाई.
5 सीटों पर AIMIM की जीत
एआईएमआईएम ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं, बसपा और एलजेपी ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की, जबकि एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार जीतने में सफल रहा.