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पटना: प्रथम इंटर लेवल संयुक्त प्रतियोगिता 2014 के कउंसलिंग पर रोक लगाने की मांग, HC में दायर की गई रिट याचिका

पटना हाईकोर्ट में बिहार स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (Bihar Staff Selection Commission) द्वारा काउन्सलिंग के लिये चयनित पिछड़े और अत्यंत पिछड़े वर्गों के अभ्यर्थियों से 31 अक्टूबर 2014 / 13 मार्च, 2016 तक जारी किये गए नॉन क्रीमी लेयर जाति प्रमाण पत्र की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई है.

पटना हाईकोर्ट
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Published : Dec 17, 2021, 11:12 PM IST

पटना: रिट याचिका के निष्पादन तक प्रथम इंटर लेवल संयुक्त प्रतियोगिता (First Inter Level Combined Competitive Examination) परीक्षा 2014 के कउंसलिंग पर रोक लगाने के लिए एक रिट याचिका पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) में दायर की गई है.

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याचिका में बिहार स्टाफ सेलेक्शन कमीशन द्वारा काउन्सलिंग के लिये चयनित पिछड़े और अत्यंत पिछड़े वर्गों के अभ्यर्थियों से 31 अक्टूबर 2014 / 13 मार्च, 2016 तक जारी किये गए नॉन क्रीमी लेयर जाति प्रमाण पत्र की मांग को लेकर कमीशन के सचिव के हस्ताक्षर से जारी अधिसूचना को रद्द करने को लेकर आदेश देने का अनुरोध भी किया गया है. याचिका में यह भी कहा गया है कि ऐसी जानकारी विज्ञापन में नहीं दी गई थी. अतः जारी किया गया आदेश पूरी तरह से मनमाना है. इस याचिका के जरिये 11 दिसंबर, 2011 को जारी मेमो के अनुपालन पर रोक लगाने हेतु आदेश देने की मांग किया गया है.

ये भी पढ़ें- भ्रष्टाचार के खिलाफ पोल खोलनेवाले कुलपति प्रोफेसर कुद्दुस ने दिया इस्तीफा

गौरतलब है कि 1 सितंबर, 2014 को विभिन्न पदों पर नियुक्ति हेतु बिहार स्टाफ सेलेक्शन कमीशन द्वारा विज्ञापन निकाला गया था. जारी विज्ञापन के अनुसार पिछड़े व अत्यंत पिछड़े वर्गों के उम्मीदवारों से सर्किल ऑफिसर द्वारा जारी इस आशय का जाति प्रमाण पत्र मांगा गया था कि वे क्रीमी लेयर में नहीं आते हैं.

विज्ञापन में कहा गया था कि आवेदन के ऑनलाइन फाइलिंग के वक्त पिछड़े और अत्यंत पिछड़े वर्गों के लिये नॉन क्रीमी लेयर और एससी (अनुसूचित जाति) और एसटी ( अनुसूचित जनजाति) के लिए जाति प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी. काउन्सलिंग के समय इसकी जरूरत पड़ेगी.

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गौरतलब है कि 1 सितंबर, 2014 को विभिन्न पदों पर नियुक्ति हेतु बिहार स्टाफ सेलेक्शन कमीशन द्वारा विज्ञापन निकाला गया था. जारी विज्ञापन के अनुसार पिछड़े व अत्यंत पिछड़े वर्गों के उम्मीदवारों से सर्किल ऑफिसर द्वारा जारी इस आशय का जाति प्रमाण पत्र मांगा गया था कि वे क्रीमी लेयर में नहीं आते हैं.

विज्ञापन में कहा गया था कि आवेदन के ऑनलाइन फाइलिंग के वक्त पिछड़े और अत्यंत पिछड़े वर्गों के लिये नॉन क्रीमी लेयर और एससी (अनुसूचित जाति) और एसटी ( अनुसूचित जनजाति) के लिए जाति प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी. काउन्सलिंग के समय इसकी जरूरत पड़ेगी.

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