पटना: पटना के मीठापुर रेलवे ओवर ब्रिज (Mithapur Railway Over Bridge) के पुनपुन लेग के लिए भू अर्जन की प्रक्रिया 2007-2008 में शुरू की गई थी. इसे 15 जनवरी 2022 को पूरा कर लिया गया. हालांकि इस लेग निर्माण में आ रही बाधा को हटाने गई पुलिस टीम का स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध भी किया लेकिन इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया. वहीं, इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए पटना जिला प्रशासन की ओर से बताया गया है कि मीठापुर रेलवे ओवर ब्रिज के पुनपुन लेग के लिए 27 जमीन मालिकों से 77 डिसमिल जमीन का अर्जन किया गया है.
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इसकी अनुमानित राशि 21.72 करोड़ रुपये है. इस संबंध में जमीन मालिकों को तीन बार नोटिस दिया गया. पहला नोटिस 4 अगस्त 2021 को, दूसरी नोटिस 24 नवंबर 2021 को और तीसरा नोटिस 17 दिसंबर 2021 को दिया गया. हालांकि इस दौरान कुछ लोगों ने नोटिस नहीं लिए और कुछ लोग नोटिस लेकर भी भुगतान प्राप्त करने के लिए बैंक खाता आदि कागजात जमा करने के संबंध में विभाग नहीं पहुंचे. इस मामले को लेकर कई बार शिविर का आयोजन भी किया गया और अंत में में 29.12.2021 को दैनिक समाचार पत्रों में भी नोटिस का प्रकाशन किया गया था.
इसी प्रक्रिया के तहत सभी जानकारी देने और अपेक्षित कार्रवाई करने के बाद एलाइनमेंट में आने वाले घरों को तोड़ने की कार्रवाई शानिवार से शुरू की गई है. जमीन मालिकों से जमीन से संबंधित कागजात प्राप्त करने के लिए कार्यस्थल पर कैंप भी लगाया गया. इसमें 10 आवेदन प्राप्त हुए. इसके लिए 3 दिनों के भीतर मुआवजे का भुगतान कर देने का आदेश पटना जिला अधिकारी की ओर से जारी किया गया. इसके साथ ही स्थल पर शिविर का आयोजन रविवार को भी किया जाएगा.
गौरतलब हो कि इस परियोजना के लिए भू अर्जन की कार्यवाही सर्वप्रथम वर्ष 2007-08 में शुरू हुई थी जो पूरी नहीं हो सकी. पुनः वर्ष 2012-13 में भूअर्जन शुरू हुआ परंतु रद्द हो गया. वर्तमान में नए सिरे से भू अर्जन की कार्यवाही की जा रही है. कागजात जमा करने वाले सभी भुधारियों को 3 दिन में भुगतान करने की समुचित तैयारी की गयी है.
हालांकि इस दौरान मौके पर मौजूद अतिक्रमण हटाने गई टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. लोग हाथों में तख्तियां-बैनर लेकर अपने मकान के कुछ हिस्सों को तोड़ने का विरोध करते नजर आए. हालांकि पूरे मामले में हंगामा कर रहे लोगों को समझा-बुझाकर कैंप में लाकर उन्हें मुकम्मल भुगतान करने की तैयारी का आश्वासन पटना जिला अधिकारी की ओर से दिया गया. तब जाकर यह पूरा मामला शांत हुआ.
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