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अब वायु प्रदूषण फैलाया तो खैर नहीं, 'डैश बोर्ड' बता देगा पॉल्युशन का कारण

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Bihar State Pollution Control Board) ने डैश बोर्ड के जरिए वायु प्रदूषण (Air Pollution) के कारणों की पहचान की शुरुआत की है. पढ़ें रिपोर्ट..

पटना
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Published : Sep 9, 2021, 7:55 PM IST

पटना: बिहार में वायु प्रदूषण (Air Pollution) पिछले कई सालों से परेशानी का सबब बना हुआ है. वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कई तरह के प्रयास हो रहे हैं, जिनमें प्रमुख तौर पर ग्रीन एनर्जी पर जोर और पौधारोपण के अलावा प्रदूषण के कारणों की पहचान पर हो रहे कार्य भी शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- प्रदूषण मुक्त बनेगा अपना पटना... जानिए क्या है सरकार का प्लान

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Bihar State Pollution Control Board) ने इस दिशा में डैश बोर्ड के जरिए वायु प्रदूषण के कारणों की पहचान की शुरुआत की है. फिलहाल, संबंधित विभाग वायु प्रदूषण की वजह बता रहे हैं, लेकिन भविष्य में आम लोगों को भी डैशबोर्ड के जरिए वायु प्रदूषण की वजह बताने का मौका मिलेगा.

देखें रिपोर्ट

बिहार में पटना, गया और मुजफ्फरपुर वायु प्रदूषण के मामले में देश के टॉप शहरों में शामिल हैं. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले कुछ सालों में पटना, गया और मुजफ्फरपुर के अलावा बिहार के विभिन्न शहरों में एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन के स्थापना की है, जिनके जरिए यह पता चलता है कि किस शहर के किस खास इलाके में वायु प्रदूषण की स्थिति क्या है. वायु प्रदूषण निगरानी के लिए जो मॉनिटर पटना समेत राज्य के विभिन्न शहरों में लगाए गए हैं, उनके जरिए पीएम 2.5 और वातावरण में उपस्थित अन्य प्रदूषित वायु कणों के बारे में जानकारी मिलती है.

ये भी पढ़ें- वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए 'प्राण' पोर्टल लॉन्च, दिल्ली को मिला पहला 'कार्यात्मक' स्मॉग टॉवर

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक घोष ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि मॉनिटरिंग स्टेशन के जरिए हम इस बात पर नजर रख रहे हैं कि वायु प्रदूषण कितना है, लेकिन यह पता लगाना मुश्किल था कि अगर किसी इलाके में वायु की गुणवत्ता खराब है तो उसकी वजह क्या है. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने क्लीन एयर डैशबोर्ड के एक ऑनलाइन पोर्टल की शुरूआत की है.

''बिहार के नगर विकास विभाग, भवन निर्माण विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के साथ-साथ पथ निर्माण विभाग के अधिकारी प्रदूषण फैलाने वाले कारकों और स्रोतों की पहचान करेंगे और उसे डैशबोर्ड के जरिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास पहुंचाएंगे. ऑनलाइन पोर्टल से मिलने वाली जानकारी के आधार पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इससे संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए भेजेगा.''- डॉ.अशोक कुमार घोष, अध्यक्ष, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

ये भी पढ़ें- भारत दुनिया का सबसे प्रदूषित देश है, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में हालात बेकाबू

डॉ.अशोक घोष ने बताया कि एनजीटी की गाइडलाइंस के मुताबिक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कार्रवाई का भी अधिकार मिला है और हम उन तमाम औद्योगिक इकाइयों और अन्य लोगों पर कार्रवाई कर रहे हैं, जो प्रदूषण नियंत्रण के लिए उत्तरदायी है.

ईटीवी भारत ने डॉ.अशोक घोष से यह जानने की कोशिश की कि आम लोगों को इस डैशबोर्ड के जरिए ऑनलाइन शिकायत का मौका कब मिलेगा. इस बारे में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि हम लोग इस सिस्टम पर भी काम कर रहे हैं. फिलहाल, संबंधित विभागों के अधिकारियों को निगरानी के लिए ये सुविधा दी गई है. करीब 6 महीने बाद इस डैश बोर्ड के काम की समीक्षा हम करेंगे और फिर आम लोगों को भी इस डैशबोर्ड के जरिए प्रदूषण फैलाने वाले कारणों की जानकारी देने के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर सुविधा शुरू की जाएगी.

पटना: बिहार में वायु प्रदूषण (Air Pollution) पिछले कई सालों से परेशानी का सबब बना हुआ है. वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कई तरह के प्रयास हो रहे हैं, जिनमें प्रमुख तौर पर ग्रीन एनर्जी पर जोर और पौधारोपण के अलावा प्रदूषण के कारणों की पहचान पर हो रहे कार्य भी शामिल हैं.

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बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Bihar State Pollution Control Board) ने इस दिशा में डैश बोर्ड के जरिए वायु प्रदूषण के कारणों की पहचान की शुरुआत की है. फिलहाल, संबंधित विभाग वायु प्रदूषण की वजह बता रहे हैं, लेकिन भविष्य में आम लोगों को भी डैशबोर्ड के जरिए वायु प्रदूषण की वजह बताने का मौका मिलेगा.

देखें रिपोर्ट

बिहार में पटना, गया और मुजफ्फरपुर वायु प्रदूषण के मामले में देश के टॉप शहरों में शामिल हैं. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले कुछ सालों में पटना, गया और मुजफ्फरपुर के अलावा बिहार के विभिन्न शहरों में एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन के स्थापना की है, जिनके जरिए यह पता चलता है कि किस शहर के किस खास इलाके में वायु प्रदूषण की स्थिति क्या है. वायु प्रदूषण निगरानी के लिए जो मॉनिटर पटना समेत राज्य के विभिन्न शहरों में लगाए गए हैं, उनके जरिए पीएम 2.5 और वातावरण में उपस्थित अन्य प्रदूषित वायु कणों के बारे में जानकारी मिलती है.

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बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक घोष ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि मॉनिटरिंग स्टेशन के जरिए हम इस बात पर नजर रख रहे हैं कि वायु प्रदूषण कितना है, लेकिन यह पता लगाना मुश्किल था कि अगर किसी इलाके में वायु की गुणवत्ता खराब है तो उसकी वजह क्या है. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने क्लीन एयर डैशबोर्ड के एक ऑनलाइन पोर्टल की शुरूआत की है.

''बिहार के नगर विकास विभाग, भवन निर्माण विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के साथ-साथ पथ निर्माण विभाग के अधिकारी प्रदूषण फैलाने वाले कारकों और स्रोतों की पहचान करेंगे और उसे डैशबोर्ड के जरिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास पहुंचाएंगे. ऑनलाइन पोर्टल से मिलने वाली जानकारी के आधार पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इससे संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए भेजेगा.''- डॉ.अशोक कुमार घोष, अध्यक्ष, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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डॉ.अशोक घोष ने बताया कि एनजीटी की गाइडलाइंस के मुताबिक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कार्रवाई का भी अधिकार मिला है और हम उन तमाम औद्योगिक इकाइयों और अन्य लोगों पर कार्रवाई कर रहे हैं, जो प्रदूषण नियंत्रण के लिए उत्तरदायी है.

ईटीवी भारत ने डॉ.अशोक घोष से यह जानने की कोशिश की कि आम लोगों को इस डैशबोर्ड के जरिए ऑनलाइन शिकायत का मौका कब मिलेगा. इस बारे में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि हम लोग इस सिस्टम पर भी काम कर रहे हैं. फिलहाल, संबंधित विभागों के अधिकारियों को निगरानी के लिए ये सुविधा दी गई है. करीब 6 महीने बाद इस डैश बोर्ड के काम की समीक्षा हम करेंगे और फिर आम लोगों को भी इस डैशबोर्ड के जरिए प्रदूषण फैलाने वाले कारणों की जानकारी देने के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर सुविधा शुरू की जाएगी.

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