पटनाः बिहार सरकार राज्य के सभी उपभोक्ताओं के घरों में प्रीपेड मीटर लगाने का प्रयास कर रही है. सरकार ने 2022 तक 24 लाख उपभोक्ताओं के घरों में प्रीपेड मीटर लगाने का करार किया है. प्रीपेड मीटर यानि की स्मार्ट मीटर को लेकर विभाग उपभोक्ता को सहूलियत देने की कोशिश कर रहा है.
स्मार्ट मीटर के आने से उपभोक्ताओं की गलत मीटर रीडिंग से जुड़ी दिक्कतें तो खत्म होगीं ही, साथ ही बिजली विभाग का बोझ भी कम होगा. लेकिन इन दिनों सहूलियत के बजाए प्रीपेड मीटर कई उपभोक्ताओं के लिए सिरदर्द बन गया है.
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प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं को आ रही हैं दिक्कतें
प्रीपेड मीटर उपभोक्ता बिना पेमेंट के बिजली का इस्तेमाल नहीं कर सकते. लेकिन जिन उपभोक्ताओं के यहां प्रीपेड मीटर लगा है, वहां अलग ही परेशानियां देखने को मिल रही हैं. उपभोक्ताओं की शिकायत है कि रिचार्ज कराने के ठीक एक से 2 घंटे में पूरा पैसा कट जा रहा है और बिजली गुल हो जाती है. शिकायत करने पर बताया जाता है कि रिचार्ज खत्म हो गया.
यह परेशानी किसी एक उपभोक्ता की नहीं है बल्कि राजधानी पटना के गर्दनीबाग के दर्जनों उपभोक्ता इससे जूझ रहे हैं. उपभोक्ताओं का कहना है कि कार्यालय के चक्कर काटने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. कहीं से कोई सही जवाब नहीं मिल रहा है.
क्या कहना है बिजली कंपनी का
बिजली कंपनी का इस मामले में कहना है कि बिलिंग के बाद से प्रीपेड मीटर लगने के दिन तक की खपत का शुल्क ही काटा जा रहा है. जितना उपयोग हो रहा है, उसी के अनुसार ही पैसा कटता है. अधिकारियों की मानें तो जब प्रीपेड मीटर का रिचार्ज खत्म हो जाता है तो 1 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाता है, ताकि उपभोक्ता फिर से रिचार्ज करा ले और उनके घर की बिजली गुल ना हो.
स्मार्ट प्रीपेड मीटर लक्ष्य में कोरोना बाधक
बताते चलें कि कोरोना काल के कारण स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का जो लक्ष्य सरकार ने रखा है, उसमें बाधा आ रही है. राजधानी पटना समेत कई जिलों में काम तेजी से चल रहा था लेकिन कोरोना के चलते यह प्रभावित हुआ है. उपभोक्ताओं के यहां प्रीपेड मीटर लग जाने से काफी सहूलियत होगी.