मसौढ़ी: राजधानी से सटे मसौढ़ी में भगवान अनंत यानी सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा की जा रही है घरों में मंदिरों में मसौढ़ी के बड़ी ठाकुरबाड़ी मंदिर, विश्वनाथ मंदिर, मनीचक सूर्य मंदिर तालाब घाट समेत विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना किया जा रहा है. अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi Puja) के शुभ अवसर पर तमाम मंदिरों में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की आराधना के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है. मंदिरों में जुटे लोग अनंत चतुर्दशी की कथा सुन भगवान अनंत के जयकारे लगाते हुए व्रत रखकर, भगवान विष्णु को अनंत सूत्र बांधकर पूजा अर्चना करते नजर आ रहे हैं.
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अनंत व्रत से धन, यश, कीर्ति मिलती है: सुख शांति और वैभव की कामना को लेकर पूरे देश भर में आज अनंत चतुर्दशी पर्व आस्था श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. मान्यता है कि अनंत के व्रत से व्यक्ति की खोई हुई संपत्ति के साथ ही धन धान्य यश कीर्ति सब वापस मिल जाता है. कथा के साथ प्रसाद के रूप में कच्चे सूत के 14 गांठों के धागों को बांह में पहन कर लोगों ने आस्था जताते हैं. जबकि कई लोग दिनभर उपवास रख कर व्रत करते हैं.
आनंद के धागे पहनते हैं स्त्री और पुरुष: इस व्रत के महत्व के बारे में बताया जाता है कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को यह व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. इस व्रत को धारण करने से व्यक्ति भगवान विष्णु के लोक को प्राप्त होता है जिसका कोई अंत ना हो यानी अनंत भगवान विष्णु को कहा जाता है कथा सुनकर ने के बाद आनंद के धागे को स्त्री बाएं हाथ में और पुरुष दाएं हाथ में पहनते हैं.
इस व्रत से नष्ट हो जाते हैं पूर्व जन्मों के पाप: बताया जाता है कि धृत खेड़ा में सब कुछ हार कर बनवास गये पांडवों को इस बात का बहुत ही मलाल था. इसके लिए भगवान श्री कृष्ण से पूछा कि यह कौन सा पाप है जिसकी वजह से हम राजाओं को भिखारी की तरफ भटकना पड़ रहा है, इस पर भगवान श्री कृष्ण उपाय से बताते हुए कहा कि आप सब अनंत भगवान का व्रत करें. ये भी कहा जाता है कि इस व्रत को करने से पूर्व जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं. इसी पर्व को लेकर लोगों में उत्साह दिखाई दे रहा है. लोगों के घरो में मंदिरों में पुरोहित भगवान की कथा सुना रहें हैं. तमाम श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया है पूजा पाठ का क्रम दोपहर तक चलता रहेगा शाम के बाद पूजा-पाठ और भजन का दौर चलेगा.
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