पटनाः बिहार में अपराधिक वारदातों में लगातार वृद्धि हो रही है. खासकर हत्या जैसे जघन्य वारदातों में राजधानी पटना सहित राज्य के अन्य जिलों में काफी बढ़ोतरी (Criminal Incidents Increasing in Bihar) हुई है. 2021 की तुलना में 2022 में आपराधिक वारदातों में काफी बढ़ोतरी हुई है. अकेले हत्या के मामले में राज्य में 6.1% की वृद्धि हुई है. बीते साल की तुलना में इस साल जनवरी से मार्च महीने में यह बढ़ोतरी देखी गयी है. यह हम नहीं बल्कि बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़े बता रहे हैं. अन्य जघन्य मामलों में कमोबेश यही स्थिति है.
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शराब माफिया ने की पत्रकार की हत्याः बिहार में आए दिन अपराधियों की ओर से किसी ने किसी बड़ी घटना को अंजाम दिया जा रहा है. यही नहीं शराब माफियाओं की ओर से आम लोगों को तो छोड़िए, पुलिस वालों को भी नहीं बख्शा जा रहा है. विगत 26 मई को बेगूसराय की युवा पत्रकार सुभाष महतो को शराब माफियाओं ने गोली मारकर हत्या कर दी. शराबबंदी वाले बिहार में माफिया इतने बेखौफ हो गए हैं कि अब पुलिस को ही निशाना बना रहे हैं.
शराब माफिया पुलिस की कर रहे हैं हत्याः ताजा मामला सिवान के हुसैनगंज थाना क्षेत्र का है, जहां एएसआई सुरेंद्र कुमार गहलोत को शराब तस्करों ने अपनी गाड़ी से कुचल दिया. बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. दरअसल एक कार में अवैध शराब की सप्लाई की जा रही थी, जिसे रोकने की पुलिस की ओर से कोशिश की गई. अंततः कार चालक ने पुलिस वाले को ही उड़ा डाला
3 महीने में 679 हत्याएंः पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों पर अगर ध्यान दें तो साल 2021 के शुरुआती 3 महीने की तुलना में साल 2022 के 3 महीनों में हत्या जैसे वारदात में 6.1% की वृद्धि हुई है. बढ़ती हत्या जैसे वारदात को लेकर विपक्षी ही नहीं सरकार के सहयोगी दल और विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने भी सरकार पर हमला बोल चुके हैं. साल 2022 के जनवरी, फरवरी और मार्च महीने में पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के अनुसार 679 हत्या की वारदात दर्ज किए गए हैं जबकि साल 2021 के जनवरी, फरवरी और मार्च में 640 हत्या की वारदात पुलिस रिकार्ड में दर्ज है.
पटना की सुरक्षा में 13 आईपीएस तैनातः खास बात यह है कि राजधानी पटना जहां पर बिहार पुलिस मुख्यालय में सभी आला अधिकारी बैठते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित सभी विभाग के मंत्री रहते हैं. इसके बाद भी राजधानी पटना की सुरक्षित नहीं है. बिहार के अन्य जिलों की बात तो छोड़िए राजधानी पटना इन दिनों आपराधिक घटनाओं का हॉट स्पॉट बना हुआ है. पटना जिला की बात करें तो 13 आईपीएस अधिकारी को पटना जिला संभालने के लिए तैनात किया गया है.
हत्या और डकैती मामले में पटना नंबर वनः भारी संख्या में आईपीएस और पुलिस जवानों की तैनाती के बाद भी पटना हत्या, डकैती और चोरी के मामलों में नंबर वन पर है. जब की लूट के मामले में चौथे नंबर पर है. पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों को देखें तो पिछले 4 महीने में पटना में 97 हत्या, 10 डकैती 54, लूट 206, 1785 चोरी की वारदात दर्ज किये गये हैं. इनमें पटना सिटी इलाके में सबसे ज्यादा हत्या के वारदात हुआ है. पटना सिटी इलाके में हर दिन एक हत्या होती है।
"बिहार में बढ़ते अपराध और केसों का अनुसंधान ससमय नहीं होने को लेकर पुलिस मुख्यालय काफी चिंतित है. इस कारण पुलिस मुख्यालय ने सभी जिले के थानेदारों को हर दिन अपराधियों की गिरफ्तारी का निर्देश दिया है, जो थानेदार 2 दिन तक किसी भी अपराधी की गिरफ्तारी नहीं करेंगे वैसे थानेदारों से पुलिस मुख्यालय जबाव मांगेगा. आखिर किस कारण से अपराधियों की गिरफ्तारी उस थाने अंतर्गत नहीं हो रही है."-जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, बिहार पुलिस मुख्यालय
एक लाख केस जांच के लिए पेंडिंगः दरअसल बिहार में बढ़ते अपराध के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय के 28 आला अधिकारियों को फील्ड में उतारा है. समीक्षा के दौरान अधिकारियों को यह पता चला है कि लगभग एक लाख मामले अनुसंधान के लिए लंबित है. ऐसे मामलों को जल्द से जल्द अनुसंधान किया जा सके इसको लेकर अब पुलिस मुख्यालय ने राज्य सरकार के निर्देश पर रिटायर्ड जमादार, दारोगा, रेंज अधिकारियों को संविदा पर जल्द से जल्द बहाल करने का निर्देश सभी पुलिस अधीक्षकों को दिया है. ताकि लंबित पड़े मामलों को जल्द से जल्द अनुसंधान किया जा सके और अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा सके ताकि अपराध पर लगाम लगे.
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नोट- आपके शहर या क्षेत्र में कोई अपराध या हादसे की सूचना मिलती है, तो आप इसकी जानकारी इस नंबर 1860 345 6999 पर दे सकते हैं.
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