पटना: चीन के वुहान शहर से निकले कोरोना वायरस की जद में कैद पूरी दुनिया कराह रही है. बिहार के जेल भी इससे अछूते नहीं है. राज्य के कई जेलों में कोरोना काल में हालात बद-से-बदतर होते जा रहे हैं.
जेलों में कैदी लगातार संक्रमित
आलम ये है कि कई जिलों के जेलों में कैदियों के साथ-साथ जेलकर्मी भी कोरोना संक्रमित हो रहे हैं. किशनगंज, नालंदा, भागलपुर, औरंगाबाद, अररिया समेत कई जिलों के जेलों में कैदी लगातार संक्रमित हो रहे हैं.
कोरोना संक्रमण को रोकना जेल प्रशासन की चुनौती
अररिया में तो कुल 224 कैदी संक्रमित पाए गए हैं जिन्हें अलग से क्वारंटीन किया गया है. राज्य की 59 जेलों में तकरीबन 40 हजार कैदी बंद हैं, जबकि इतनी जेलों में 44 हजार कैदियों को रखा जा सकता है. ऐसे में जेल प्रशासन के सामने जेलों में कोरोना संक्रमण को रोकना किसी चुनौती से कम नहीं है.
कैदियों के साथ जेल कर्मी भी संक्रमित
किशनजगंज में 7 कैदी और 1 अधिकारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए, नालंदा में 4 जेल कर्मी पॉजिटिव हुए, भागलपुरल में 3 कैदी और 2 जेल कर्मी की कोरोना से मौत हो गई, अररिया में तो कुल 224 कैदी संक्रमित पाए गए औरंगाबाद जेल में दो महिला पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव हुए जिसके बाद कैदियों ने काफी हंगामा किया.
अधिकारियों ने दिया सतर्कता बरतने का आश्वासन
पूरे मामले में संबंधित अधिकारियों ने सतर्कता बरतने का आश्वासन दिया. कई जेलों से कैदियों को दूसरे जेलों में शिफ्ट किया गया, कैदियों के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. मास्क, सैनिटाईजर सभी की व्यवस्था की गई.
मुलाकातियों के आने पर भी रोक
जेल आईजी मिथिलेश कुमार ने कहा कि जेलों में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करवाया जा रहा है. संक्रमण के चेन को रोकने के लिए कई जेलों ने मुलाकातियों के आने पर भी रोक लगा दी है. संक्रमण की रोकथाम के लिए वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के जरिए मामलों की सुनवाई की जा रही है.
49 कैदी हमेशा के लिए रिहा
कोरोना काल के दौरान बिहार में 49 कैदियों को हमेशा के लिए रिहा कर दिया गया. ये ऐसे कैदी थे जिनकी सजा या तो पूरी होने वाली थी या इनका आचरण अच्छा था. हालांकि पैरोल पर किसी भी कैदी को नहीं छोड़ा गया है.
पैरोल पर भी लगी रोक
दरअसल पैरोल पर 6 हफ्ते के लिए छोड़ने का नियम है. लेकिन 6 हफ्ते बाद जब कैदी जेल में वापस आएगा, तो संक्रमण का खतरा और बढ़ सकता है. इस वजह से जेल प्रशासन ने ये कदम उठाया
जेल परिसर तक में सफाई का विशेष ध्यान
बिहार में जेल प्रशासन द्वारा बैरक से लेकर जेल परिसर तक में सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग से जारी की गई एडवाइजरी जेल की दीवारों पर भी चिपकाई गई है.
संक्रमण की आंच से नहीं बचे जेल
इन सबके बावदजूद बिहार के जेलों कि सच्चाई किसी से छुपी नहीं है. जेलों में जरुरत से ज्यादा कैदी, एक ही हॉल में उठना बैठना, शौचालयों की गंदगी ये सब किसी से छिपी नहीं है. यही वजह रही कि संक्रमण की आंच से जेल भी बच नहीं सके.