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छठ के दौरान घाटों पर उमड़ी भीड़, कोरोना को लेकर यह लापरवाही कहीं पड़ न जाए भारी!

छठ पूजा (Chhath Puja) के दौरान जिस तरह से छठ घाटों पर लोगों की भीड़ जुटी और इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन (Strictly Follow Corona Guidelines) नहीं कराया गया, उससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. चिकित्सक भी कहते हैं कि किसी तरह की कोई दिक्कत होने पर फौरन कोविड जांच करवाएं, क्योंकि महामारी का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है.

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Published : Nov 11, 2021, 10:28 PM IST

पटना: प्रदेश में कोरोना (Corona) का खतरा अभी टला नहीं है. गृह मंत्रालय ने भी 30 नवंबर तक कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन (Strictly Follow Corona Guidelines) कराने का निर्देश दिए हैं. कोरोना को लेकर गृह मंत्रालय ने 30 नवंबर तक अलर्ट पर सभी राज्यों को रखा है लेकिन छठ पूजा (Chhath Puja) में गंगा घाटों पर जिस प्रकार लोगों की बेतरतीब भीड़ बिना मास्क के नजर आई, इससे एक बार प्रदेश में फिर से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. सर्वाधिक खतरा उन लोगों पर ह, जो अब तक वैक्सीनेटेड नहीं है. खासकर 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर संक्रमण का खतरा काफी अधिक है.

ये भी पढ़ें: छठ के बाद बिहार से लौटने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर, रेलवे ने चलाईं कई स्पेशल ट्रेनें

छठ के दौरान जिला प्रशासन की ओर से लगातार कोरोना गाइडलाइन के पालन की अपील की जाती रही. कोरोना को लेकर हर जगह गंभीरता का दावा भी किया गया, लेकिन सख्ती के नाम पर कुछ भी नजर नहीं आया. कोरोना गाइडलाइन पालन कराने के लिए दंडाधिकारियों, अधिकारियों, पुलिस बल आदि की पर्याप्त नियुक्ति की गई, लेकिन जब पालन कराने की बात आई तो घाट पर गाइडलाइन पालन कराते कोई नजर नहीं आया. घाट पर जब छठ घाट निर्माण की तैयारी शुरू हुई तो वरीय अधिकारी बीते 2 सप्ताह से सभी अधिकारियों को गाइडलाइन कैसे पालन करना है. इस बात की प्रतिदिन जानकारी देते थे. समीक्षा बैठक में अलग से कोरोना गाइडलाइंस को लेकर आधे से 1 घंटे तक चर्चा होती थी, लेकिन पटना शहर की बात करें तो दीघा से लेकर पटना सिटी तक कहीं कोरोना को लेकर गंभीरता नहीं दिखी.

पटना शहर में कुल 96 घाट बनाए गए और जिले में कुल 550 घाट लेकिन हर जगह वही दृश्य नजर आया. लोग जिस प्रकार भीड़ में बिना चेहरे पर मास्क के दिखे हैं, उसके बाद चिकित्सक आने वाले दिनों के लिए चिंता जाहिर कर रहे हैं. चिकित्सकों का कहना है कि अगले 2 सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण हैं खासकर बच्चों के दृष्टिकोण से. जो बच्चे छठ घाट पर बिना चेहरे पर मास्क के भीड़ में छठ इंजॉय करते नजर आए हैं, उनके अभिभावकों को उनके स्वास्थ्य पर 2 सप्ताह गंभीरता से नजर बनाए रखनी होगी. फ्लू और फीवर की शिकायत आने पर तुरंत चिकित्सकों से परामर्श करें और कोरोना जांच कराएं.

ये भी पढ़ें: CHHATH PUJA 2021: बिहार में छठ पूजा का अलौकिक संगम, देखें तस्वीरें

डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि लोग छठ मनाने बाहर से आए हैं और उन प्रदेशों से भी आए हैं, जहां संक्रमण के मामले अभी भी काफी अधिक हैं. ऐसे लोग भले ही दोनों डोज का वैक्सीनेशन करा लिए हों, लेकिन वह साइलेंट कैरियर के तौर पर हो सकते हैं. इसलिए सतर्क रहने की आवश्यकता है.

पटना: प्रदेश में कोरोना (Corona) का खतरा अभी टला नहीं है. गृह मंत्रालय ने भी 30 नवंबर तक कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन (Strictly Follow Corona Guidelines) कराने का निर्देश दिए हैं. कोरोना को लेकर गृह मंत्रालय ने 30 नवंबर तक अलर्ट पर सभी राज्यों को रखा है लेकिन छठ पूजा (Chhath Puja) में गंगा घाटों पर जिस प्रकार लोगों की बेतरतीब भीड़ बिना मास्क के नजर आई, इससे एक बार प्रदेश में फिर से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. सर्वाधिक खतरा उन लोगों पर ह, जो अब तक वैक्सीनेटेड नहीं है. खासकर 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर संक्रमण का खतरा काफी अधिक है.

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छठ के दौरान जिला प्रशासन की ओर से लगातार कोरोना गाइडलाइन के पालन की अपील की जाती रही. कोरोना को लेकर हर जगह गंभीरता का दावा भी किया गया, लेकिन सख्ती के नाम पर कुछ भी नजर नहीं आया. कोरोना गाइडलाइन पालन कराने के लिए दंडाधिकारियों, अधिकारियों, पुलिस बल आदि की पर्याप्त नियुक्ति की गई, लेकिन जब पालन कराने की बात आई तो घाट पर गाइडलाइन पालन कराते कोई नजर नहीं आया. घाट पर जब छठ घाट निर्माण की तैयारी शुरू हुई तो वरीय अधिकारी बीते 2 सप्ताह से सभी अधिकारियों को गाइडलाइन कैसे पालन करना है. इस बात की प्रतिदिन जानकारी देते थे. समीक्षा बैठक में अलग से कोरोना गाइडलाइंस को लेकर आधे से 1 घंटे तक चर्चा होती थी, लेकिन पटना शहर की बात करें तो दीघा से लेकर पटना सिटी तक कहीं कोरोना को लेकर गंभीरता नहीं दिखी.

पटना शहर में कुल 96 घाट बनाए गए और जिले में कुल 550 घाट लेकिन हर जगह वही दृश्य नजर आया. लोग जिस प्रकार भीड़ में बिना चेहरे पर मास्क के दिखे हैं, उसके बाद चिकित्सक आने वाले दिनों के लिए चिंता जाहिर कर रहे हैं. चिकित्सकों का कहना है कि अगले 2 सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण हैं खासकर बच्चों के दृष्टिकोण से. जो बच्चे छठ घाट पर बिना चेहरे पर मास्क के भीड़ में छठ इंजॉय करते नजर आए हैं, उनके अभिभावकों को उनके स्वास्थ्य पर 2 सप्ताह गंभीरता से नजर बनाए रखनी होगी. फ्लू और फीवर की शिकायत आने पर तुरंत चिकित्सकों से परामर्श करें और कोरोना जांच कराएं.

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डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि लोग छठ मनाने बाहर से आए हैं और उन प्रदेशों से भी आए हैं, जहां संक्रमण के मामले अभी भी काफी अधिक हैं. ऐसे लोग भले ही दोनों डोज का वैक्सीनेशन करा लिए हों, लेकिन वह साइलेंट कैरियर के तौर पर हो सकते हैं. इसलिए सतर्क रहने की आवश्यकता है.

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