पटना: 'अग्निपथ' योजना के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन (Protest against Agnipath Scheme) को लेकर बिहार में बीजेपी और जेडीयू के बीच तनातनी बढ़ती ही जा रही है. दोनों ओर से बयानों के तीर चलाए जा रहे हैं. बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Bihar BJP President Sanjay Jaiswal) के बयान पर जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा और जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह आक्रमक हो गए तो भाजपा की ओर से भी जवाबी हमले का दौर जारी है. भाजपा के एक प्रवक्ता ने जदयू के कुछ नेताओं की तुलना मंथरा से की. साथ ही कहा कि भाजपा उस ऋषि मुनि की तरह है जो बार-बार डंक मारे जाने के बाद भी बिच्छू को हाथ पर लेकर जीवन दान दे रही है.
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भाजपा और जदयू के बीच शीत युद्धः वहीं अग्निपथ योजना को लेकर बिहार में भाजपा और जदयू के बीच शीत युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. भाजपा जहां आंदोलन को लेकर जदयू को लेकर कटघरे में खड़े कर रही है. वहीं जदयू भी आक्रमक दिख रही है और जदयू के बड़े नेता मामले में राज्य सरकार की भूमिका पर आमने-सामने है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल की ओर से प्रशासनिक कार्रवाई पर उंगली उठाई तो जदयू के तमाम बड़े नेता सामने आ गए हैं.
संजय जायसवाल का आरोप: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इस दौरान जिस तरह प्रशासन की भूमिका रही है वह भी अच्छी नहीं रही है. प्रशासन का काम होता है शांति बनाना. बीजेपी के मधेपुरा कार्यालय को जलाया गया, वहां 300 पुलिसकर्मी थे, सभी दर्शक बनकर बैठे रहे.
नवादा में भी बीजेपी कार्यालय तोड़ा गया, वहां भी पुलिस थी. कहीं न कहीं प्रशासन की दयनीय स्थिति रही. आज प्रशासन सक्रिय रहा तो बहुत कुछ देखने को नहीं मिला. यह पूरी तरह एक साजिश है. हम सभी अलग-अलग दल के है, लेकिन जिस तरह खास पार्टी के दफ्तरों को टारगेट बनाकर जलाया गया, वह गलत है. हमलोग भी प्रशासन का हिस्सा हैं. जो हो रहा है वह बहुत गलत हो रहा है. जिस तरह बिहार में हो रहा है वह हिंदुस्तान में कहीं नहीं हो रहा है.
क्या बोले उपेन्द्र कुशवाहा? : पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी संजय जयसवाल पर हमला बोला है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि संजय जयसवाल को बेवजह बयान देने की आदत है. संजय जयसवाल के बयान को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है. किसी को गठबंधन में रहकर इस तरह का बयान सही नहीं है. संजय जयसवाल के कारण हमारा गठबंधन नहीं है. संजय जयसवाल को अगर दिक्कत है तो वह डीजीपी को आवेदन दे सकते हैं.
"जदयू के अंदर कुछ ऐसे नेता हैं, जो नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनने देना चाहते थे. उनकी भूमिका आज मंथरा वाली है. साथ ही जदयू के अंदर कुछ ऐसे भी नेता हैं जिनका स्वभाव बिच्छू की तरह है. भाजपा उस ऋषि मुनि की तरह है जो बार-बार डंक मारे जाने के बाद भी बिच्छू को हाथ पर ले रहे हैं."- अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता
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