पटनाः बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census In Bihar) को लेकर एक बार सियासत तेज हो गई है. एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना के बारे में कहा था कि बीजेपी का इंतजार बाकि है. इस पर राजनीति गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म होने लगा है. चर्चा है कि एनडीए में सीएम नीतीश कुमार की नहीं चल रही है. इस मुद्दे पर कांग्रेस और आरजेडी (Congress RJD on Caste Census in Bihar) ने भी अपने बयान दिए हैं.
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'मुख्यमंत्री ने खुद कल स्वीकार किया है कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर बीजेपी उनका साथ नहीं दे रही है. निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री को सोचना चाहिए कि डबल इंजन की सरकार में उनका कुछ नहीं चल रहा है. यही समय है, मुख्यमंत्री को एनडीए छोड़ कर बाहर आ जाना चाहिए. नए साल में मुख्यमंत्री को तेजस्वी यादव को आशीर्वाद देना चाहिए और नई सरकार बनानी चाहिए. क्योंकि जातीय जनगणना के मुद्दे पर बीजेपी शुरू से ही विरोध करती रही है. उसका विरोध अब तक जारी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बात एनडीए में नहीं चलती है, तो फिर वहां रहने से क्या फायदा है.' -मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी
'जातीय जनगणना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री की मंशा ठीक नहीं है. यही कारण है कि बीजेपी के विरोध के बावजूद भी वह एनडीए में टिके हुए हैं और गद्दी से चिपके हुए हैं. जब विपक्ष भी जातीय जनगणना के मुद्दे पर उनका साथ दे रहा है, तो फिर बीजेपी क्यों नहीं साथ दे रही है, इन सब बातों को गौर से सोचना चाहिए. एक कठोर निर्णय लेना चाहिए. वर्तमान समय में बिहार के लिए जातीय जनगणना जरूरी है. कांग्रेस शुरू से ही समर्थन कर रहा है. अगर मुख्यमंत्री की बात एनडीए में नहीं चल रही है, तो फिर क्यों एनडीए के साथ बने हुए हैं. जब तक मुख्यमंत्री कोई ठोस निर्णय नहीं लेते हैं, हम लोग तो यह कहेंगे कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री की मंशा ही ठीक नहीं है. यही कारण है कि बिहार में अभी तक जातीय जनगणना नहीं शुरू करायी जा सकी है.' -राजेश राठौर, प्रवक्ता, कांग्रेस
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