पटना: पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने ब्राह्मणों को गाली दी (Jitan Ram Manjhi abused Brahmins) थी और उनके इसी बयान के बाद बिहार में सियासी बयानबाजी तेज हो गई थी. कांग्रेस के नेताओं ने एक सुर में यह मांग की थी कि जीतन राम मांझी को एनडीए गठबंधन से बाहर किया जाए. इसको लेकर कांग्रेस के नेताओं ने फिर से प्रतिक्रिया दी है.
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कांग्रेस ने बिहार एनडीए पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष सहित विधान पार्षद ने जीतन राम मांझी को एनडीए से निष्कासित करने की मांग की थी. लेकिन, अभी तक ना ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने और ना ही बीजेपी के किसी बड़े नेता ने मांझी पर कोई कार्रवाई की है.
''जो बयान जीतनराम मांझी ने ब्राह्मणों को लेकर दिया था कहीं न कहीं उसमें पार्टी के लोगों की भी शह उन्हें मिली है. यही कारण है कि मांझी पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जो कि गलत है. जनता जान गई है कि किसके कहने पर मांझी खुलेआम मंच से ब्राह्मणों और हिन्दू धर्म के देवी देवताओं को गाली देते हैं.''- राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता
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वहीं, जीतनराम मांझी विवाद (Jitan Ram Manjhi Controversy) को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस के बयान पर पलटवार किया है. बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि बिहार में एनडीए की सरकार है और सामाजिक समरसता बनी रहे इसको लेकर हम लोग लगातार काम कर रहे हैं. मांझी ने जरूर गलत बयानबाजी की है, लेकिन उन्होंने माफी भी मांगी है.
''हम लोगों ने अपनी तरफ से उनके बयान को गलत भी बताया है और जिस तरह की स्थिति बिहार में अभी है, ऐसे में यह बयान ठीक नहीं है. लेकिन, कांग्रेस के जो लोग इस तरह की बात कर रहे हैं उन्हें पहले जवाब देना चाहिए कि कर्नाटक में उनके विधायक ने महिलाओं के लिए किस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया था. कांग्रेस के नेता अगर बोले तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, लेकिन एनडीए के कोई लोग अगर किसी भी तरह की बात बोले तुरंत कार्रवाई की मांग करते हैं. यह कहां तक उचित है.''- प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता
बता दें कि बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी अपने विवादित बयान को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं. मांझी ने एक सभा में ब्राह्मणों को लेकर अपशब्द कह दिए. इसको लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है. इससे पहले भी जीतनराम मांझी अपने विवाद बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे थे. बीते दिनों उन्होंने भगवान राम को काल्पनिक बताते हुए नए विवाद को जन्म दिया था. उस दौरान उन्होंने कहा था कि राम तो काल्पनिक हैं. राम से कई गुणा बड़े रामायण के लेखक महर्षि वाल्मिकी थे.
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