पटनाः राज्य में चल रहे पंचायत चुनाव (Panchayat Election) के छठे चरण का मतदान सुबह 7 बजे से जारी है. इस बार पंचायत चुनाव को काफी हाईटेक बनाया गया है. मतदान से लेकर मतगणना की प्रक्रिया में काफी कुछ टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके चुनाव कराया जा रहा है. निर्वाचन आयोग के कंट्रोल रूम में काफी संख्या में कर्मचारी भी लगे हैं, जो फोन अटेंड कर रहे हैं. लोगों की समस्याओं को सुन रहे हैं. लेकिन कई जगहों पर हुई चुनिंदा घटनाओं की खबर कंट्रोल रूम के पास नहीं है. पूछने पर कहा जा रहा है कि शाम में प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही जानकारी दी जाएगी.
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पंचायत चुनाव में वैशाली, मुजफ्फरपुर, छपरा जिलों के कई प्रखंडों से यह सूचना प्राप्त हुई है कि ईवीएम तोड़ी गई है. कई बूथों पर मारपीट की भी सूचना प्राप्त हुई है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने जब कंट्रोल और आयोग से इस मामले पर जानकारी लेने की कोशिश की तो आयोग के तरफ से यह बताया गया कि शाम में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जानकारी दी जाएगी.
सवाल तो यह उठ रहा है कि कंट्रोल रूम के पास मुकम्मल जानकारी नहीं मिल पा रही है. इसका नतीजा यह है कि मतदान अपडेट भी सही समय पर नहीं मिल पा रहा है. कितने ईवीएम टूटे, कितने लोग हिरासत में लिए गए और मतदान उस बूथ पर शुरू हुआ या नहीं, कंट्रोल रूम के पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है.
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव का संचालन किया जा रहा है. पंचायत चुनाव की घोषणा के समय ही राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से कहा गया था कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन चुनाव में करना अति आवश्यक है. लेकिन निर्वाचन आयोग के कंट्रोल रूम में लगे कर्मचारी बिना मास्क के बैठे नजर आते हैं. ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि जब राज्य निर्वाचन आयोग के कंट्रोल रूम में ही आयोग के निर्देशों की अनदेखी की जाएगी तो बूथों पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का कितना पालन होगा.
डिस्प्ले बोर्ड पर मतदान अपडेट दिखाई तो देता है लेकिन 2 घंटे पहले का. कोई अपडेट निर्वाचन आयोग की ओर से उपलब्ध नहीं कराया जाता. कुल मिलाकर देखा जाए तो राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से पंचायत चुनाव की जो तैयारी है, वह सिर्फ खानापूर्ति के लिए है. निर्वाचन आयोग के कंट्रोल के पास कोई अपडेट जानकारी नहीं मिल पाती है.
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