पटना: बिहार में लंबे समय से समाजवादी नेता सत्ता के शीर्ष पर कायम हैं, लेकिन अब जेपी आंदोलन से निकले नेताओं को युवाओं से कड़ी चुनौती मिल रही है. तारापुर और कुशेश्वरस्थान उपचुनाव (Tarapur and Kusheshwarsthan By-elections) में भी युवाओं की इंट्री से मुकाबला दिलचस्प हो गया है. बिहार के राजनीतिक दल भी युवाओं के महत्व को समझ रहे हैं. लिहाजा उसी हिसाब से राजनीति में उनकी भागीदारी भी सुनिश्चित की जा रही है.
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बिहार विधानसभा उपचुनाव में राजनीतिक दल स्टार प्रचारक के तौर पर जहां युवाओं को आगे कर रहे हैं, वहीं युवाओं से जुड़े मुद्दों को भी उठाया जा रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) युवा चेहरा हैं और विधानसभा चुनाव में उन्होंने युवाओं को खूब रिझाया था. रोजगार के मुद्दे पर उनको युवाओं का समर्थन भी मिला था और उपचुनाव में भी आरजेडी (RJD) को युवाओं से उम्मीद है. वहीं, तेजस्वी के बड़े भाई तेजप्रताप यादव भी राजनीति में भविष्य तलाश रहे हैं.
इधर कांग्रेस (Congress) भी युवा नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी में है. पार्टी की तरफ से उपचुनाव में कन्हैया कुमार, हार्दिक पटेल जिग्नेश मेवानी और इमरान प्रतापगढ़ी सरीखे नेता मैदान में आने को तैयार हैं. कांग्रेस उम्मीदवारों को जिताने की जिम्मेदारी इन्हीं युवा नेताओं के कंधों पर है.
उधर, जमुई से सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) भी युवा चेहरा हैं. बिहार की राजनीति में 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' का नारा देने वाले चिराग के हाथ से 'बंगला' छिन चुका है, लेकिन उपचुनाव में चिराग भी दो-दो हाथ के लिए तैयार हैं.
दूसरी तरफ जेपी आंदोलन के घर से निकले नेताओं के लिए चुनौती बड़ी है राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से नीतीश कुमार (Nitish Kumar), सुशील मोदी, जीतनराम मांझी, तारकिशोर प्रसाद,रेणु देवी और मुकेश सहनी सरीखे नेता चुनाव प्रचार की कमान संभालने के लिए तैयार हैं. तमाम तजुर्बेकार नेताओं के समक्ष दोनों सीटें बचाने की चुनौती है.
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आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने दावा किया है कि युवाओं का समर्थन तेजस्वी यादव के साथ है. विधानसभा चुनाव के दौरान युवाओं का समर्थन हमें ही मिला और आने वाले दिनों में भी युवाओं का समर्थन हमें मिलेगा. हमारे नेता तेजस्वी यादव युवाओं के हितों की चिंता करते हैं और लगातार आवाज भी उठा रहे हैं.
वहीं, कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा है कि नीतीश कुमार के चेहरे से बिहार की जनता ऊब चुकी है. हमारे सर्वमान्य नेता राहुल गांधी खुद युवा हैं और कन्हैया कुमार और हार्दिक पटेल समेत कई युवा चेहरे चुनाव प्रचार में आने के लिए तैयार हैं. युवाओं का समर्थन हमारी पार्टी को मिलना तय है.
उधर जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि जिनके (चिराग) संसदीय क्षेत्र तारापुर में चुनाव होना है, क्या वह चुनाव के बाद तारापुर में नजर आएंगे. जेडीयू नेता ने कहा कि कांग्रेस नेता यह बताएं कि क्या वह 'तेजस्वी यादव जिंदाबाद' का नारा लगाएंगे.
एनडीए के एक और सहयोगी बीजेपी के प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा है कि हमारे यहां युवा नेता और अनुभवी नेता दोनों हैं. हमारे यहां लीडरशिप की कमी नहीं है. दूसरे दलों से असफल नेताओं को शामिल कराकर ताल ठोक रहे दलों को कुछ हासिल नहीं होगा, एनडीए की जीत उपचुनाव में तय है.
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राजनीतिक दलों के दावों के बीच राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार का मानना है कि विधानसभा उपचुनाव दिलचस्प मोड़ पर है. तजुर्बेकार नेता और युवा नेताओं के बीच सीधा मुकाबला है. चुनाव के नतीजे बिहार की राजनीति की दिशा और दशा तय करेंगे. युवा नेता युवाओं की आकांक्षाओं को पंख लगाने की कोशिश करेंगे तो अनुभवी नेता अतीत का भय दिखाने की कोशिश करेंगे, लेकिन फैसला अंतत: जनता को ही करना है.
आपको बता दें कि बिहार सबसे अधिक युवा आबादी वाला राज्य है. 25 साल से कम उम्र के युवा 57 फीसदी से ज्यादा है. रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में 57.4% पुरुष और 56.9% महिलाओं की आबादी 25 साल से कम है. वर्तमान समय में युवा ही राजनीति की दिशा और दशा तय कर रहे हैं.