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Bihar Politics: एक है हाईटेक तो दूसरा अपडेट भी नहीं... पार्टी दफ्तर को लेकर कांग्रेस-BJP में लगी होड़

बिहार में इन दिनों बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) में प्रदेश के सभी जिलों में दफ्तर खोलने की होड़ लगी हुई है. बीजेपी के जहां 45 सांगठनिक जिले हैं. वहीं, कांग्रेस भी इस मामले में बीजेपी से बहुत पीछे नहीं है. बिहार में पार्टी के कुल 40 सांगठनिक जिले हैं. पढ़ें रिपोर्ट..

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Published : Sep 2, 2021, 10:52 PM IST

पटना: बिहार में बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress)दोनों राष्ट्रीय दलों में पार्टी दफ्तर स्थापित करने की होड़ लगी है. जिलों में जहां कांग्रेस पार्टी के दफ्तर अपडेट नहीं है. वहीं, बीजेपी ने हाईटेक पार्टी दफ्तर (Hi-Tech Party Office) बना रखे हैं.

ये भी पढ़ें- 'पीएम मैटेरियल' के बहाने कांग्रेस ने BJP-JDU के अलग होने का किया दावा, HAM का पलटवार- गठबंधन का ज्ञान न दें

भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) संगठन को मजबूत करने के लिए लगातार आगे बढ़ रही है. शुरूआती दौर से पार्टी की प्राथमिकता कार्यालय कार्यकर्ता और कार्यक्रम रहे हैं. नीति के तहत भारतीय जनता पार्टी ने हर जिले में बीजेपी कार्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है. बिहार में भी तमाम जिलों में पार्टी दफ्तर स्थापित करने पर सहमति बनी है.

देखें रिपोर्ट

बिहार में बीजेपी के कुल 45 सांगठनिक जिले हैं. तमाम जिलों में पार्टी कार्यालय स्थापित किए जा रहे हैं. अब तक पार्टी की ओर से 37 जिलों में कार्यालय के लिए जमीन खरीदी जा चुकी है. 23 जिले के पार्टी दफ्तर फिलहाल कार्यरत हैं और 6 जिलों में जमीन उपलब्ध नहीं है. पटना, मुंगेर, जमुई, बिहार शरीफ, बगहा और हाजीपुर में पार्टी दफ्तर बनाने के लिए जमीन खरीद प्रक्रिया अधूरी है.

ये भी पढ़ें- बोले शाहनवाज- राहुल जब-जब केंद्र से मांगेंगे हिसाब, जनता तब-तब उनका कर देगी 'हिसाब'

कांग्रेस (Congress) पार्टी भी इस मामले में बीजेपी से बहुत पीछे नहीं है. बिहार में पार्टी के कुल 40 सांगठनिक जिले हैं. कमोबेश तमाम जिलों में पार्टी दफ्तर के लिए जमीन उपलब्ध है. लेकिन, रखरखाव के अभाव में पार्टी दफ्तर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. फिलहाल गोपालगंज, औरंगाबाद और वैशाली में जमीन की अनुपलब्धता है, जहां जमीन उपलब्ध है वहां भी पार्टी दफ्तर अपडेट नहीं है. राजधानी पटना स्थित कांग्रेस पार्टी का दफ्तर सदाकत आश्रम विशाल और भव्य है.

''बीजेपी ने पार्टी की मजबूती के लिए देश के तमाम हिस्सों में पार्टी दफ्तर खोलने का निर्णय लिया गया था. बिहार में भी सभी जिलों में पार्टी दफ्तर खोले जा रहे हैं. ताकि, पार्टी के कार्यक्रमों और नीतियों का क्रियान्वयन किया जा सकें.''- प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता

ये भी पढ़ें- नीतीश कुमार के बिना बिहार में BJP की कोई औकात नहीं: कांग्रेस

''पहले हमारे पास पार्टी दफ्तर नहीं थे और राजेंद्र नगर से ही हम काम करते थे. लेकिन, धीरे-धीरे परिस्थितियां बदली और हमने तमाम जिलों में पार्टी दफ्तर खोलने का निर्णय लिया. पार्टी दफ्तर खुलने से कार्यकर्ताओं के लिए भी सक्रिय राजनीति में हिस्सा लेना आसान हो गया.''- सुरेश रूंगटा, मुख्यालय प्रभारी, बीजेपी

''कांग्रेस पार्टी के पास तमाम जिलों में अपनी जमीन है. कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमीन दान में दी है. धन के अभाव में हम बिहार के तमाम जिलों में पार्टी दफ्तर संचालित नहीं कर पा रहे हैं. जहां तक बीजेपी का सवाल है, तो बीजेपी ने नोटबंदी के दौरान जमीन खरीदी थी और पूंजी पतियों की मदद से पूरे देश में पार्टी दफ्तर स्थापित किए जा रहे हैं. हम कांग्रेसी दफ्तर को अपडेट करने के लिए कार्यकर्ताओं से सहयोग मांगने पर अमल कर रहे हैं.''- समीर सिंह, कांग्रेसी नेता और विधान पार्षद

पटना: बिहार में बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress)दोनों राष्ट्रीय दलों में पार्टी दफ्तर स्थापित करने की होड़ लगी है. जिलों में जहां कांग्रेस पार्टी के दफ्तर अपडेट नहीं है. वहीं, बीजेपी ने हाईटेक पार्टी दफ्तर (Hi-Tech Party Office) बना रखे हैं.

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भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) संगठन को मजबूत करने के लिए लगातार आगे बढ़ रही है. शुरूआती दौर से पार्टी की प्राथमिकता कार्यालय कार्यकर्ता और कार्यक्रम रहे हैं. नीति के तहत भारतीय जनता पार्टी ने हर जिले में बीजेपी कार्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है. बिहार में भी तमाम जिलों में पार्टी दफ्तर स्थापित करने पर सहमति बनी है.

देखें रिपोर्ट

बिहार में बीजेपी के कुल 45 सांगठनिक जिले हैं. तमाम जिलों में पार्टी कार्यालय स्थापित किए जा रहे हैं. अब तक पार्टी की ओर से 37 जिलों में कार्यालय के लिए जमीन खरीदी जा चुकी है. 23 जिले के पार्टी दफ्तर फिलहाल कार्यरत हैं और 6 जिलों में जमीन उपलब्ध नहीं है. पटना, मुंगेर, जमुई, बिहार शरीफ, बगहा और हाजीपुर में पार्टी दफ्तर बनाने के लिए जमीन खरीद प्रक्रिया अधूरी है.

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कांग्रेस (Congress) पार्टी भी इस मामले में बीजेपी से बहुत पीछे नहीं है. बिहार में पार्टी के कुल 40 सांगठनिक जिले हैं. कमोबेश तमाम जिलों में पार्टी दफ्तर के लिए जमीन उपलब्ध है. लेकिन, रखरखाव के अभाव में पार्टी दफ्तर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. फिलहाल गोपालगंज, औरंगाबाद और वैशाली में जमीन की अनुपलब्धता है, जहां जमीन उपलब्ध है वहां भी पार्टी दफ्तर अपडेट नहीं है. राजधानी पटना स्थित कांग्रेस पार्टी का दफ्तर सदाकत आश्रम विशाल और भव्य है.

''बीजेपी ने पार्टी की मजबूती के लिए देश के तमाम हिस्सों में पार्टी दफ्तर खोलने का निर्णय लिया गया था. बिहार में भी सभी जिलों में पार्टी दफ्तर खोले जा रहे हैं. ताकि, पार्टी के कार्यक्रमों और नीतियों का क्रियान्वयन किया जा सकें.''- प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता

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''पहले हमारे पास पार्टी दफ्तर नहीं थे और राजेंद्र नगर से ही हम काम करते थे. लेकिन, धीरे-धीरे परिस्थितियां बदली और हमने तमाम जिलों में पार्टी दफ्तर खोलने का निर्णय लिया. पार्टी दफ्तर खुलने से कार्यकर्ताओं के लिए भी सक्रिय राजनीति में हिस्सा लेना आसान हो गया.''- सुरेश रूंगटा, मुख्यालय प्रभारी, बीजेपी

''कांग्रेस पार्टी के पास तमाम जिलों में अपनी जमीन है. कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमीन दान में दी है. धन के अभाव में हम बिहार के तमाम जिलों में पार्टी दफ्तर संचालित नहीं कर पा रहे हैं. जहां तक बीजेपी का सवाल है, तो बीजेपी ने नोटबंदी के दौरान जमीन खरीदी थी और पूंजी पतियों की मदद से पूरे देश में पार्टी दफ्तर स्थापित किए जा रहे हैं. हम कांग्रेसी दफ्तर को अपडेट करने के लिए कार्यकर्ताओं से सहयोग मांगने पर अमल कर रहे हैं.''- समीर सिंह, कांग्रेसी नेता और विधान पार्षद

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