पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने सड़क मार्ग से आरा और सारण जिले के बाढ़ से प्रभावित इलाकों (Flood Affected Areas) का जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने 11 अगस्त को भी पटना सहित कई स्थानों पर गंगा नदी के जलस्तर को जाकर देखा था. पहले सड़क मार्ग से, उसके बाद हवाई सर्वेक्षण कर परिस्थिति का जायजा लिया था. अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी 12 जिलों के डीएम को अलर्ट रहने का निर्देश दिया था.
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आज भी निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक की है. बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही राहत कार्य में तेजी लाने के लिए भी कहा. समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में हुई क्षति का ठीक से आकलन कराएं. साथ ही किसानों की धान रोपनी की क्षति का भी आकलन कराया जाये. प्रभावित लोगों से संपर्क में रहें और पूरी तत्परता के साथ सभी लोगों की सहायता करें. जिलाधिकारियों से निरंतर संपर्क में रहें और स्थिति पर नजर बनाए रखें. राहत एवं बचाव कार्य तेजी से करें ताकि लोगों की त्वरित सहायता हो सके.
समीक्षा बैठक के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया. गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर को भी उन्होंने देखा. मुख्यमंत्री कोईलवर और बबुरा का जायजा लेते हुये छपरा पहुंचे. छपरा के डोरीगंज, मौजमपुर होते हुये सोनपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भी उन्होंने जायजा लिया.
मुख्यमंत्री ने सारण जिले के मुसेपुर चौक पर बाढ़ प्रभावित लोगों के लिये चलाये जा रहे सामुदायिक किचेन का निरीक्षण किया. सामुदायिक किचेन में भोजन कर रहे लोगों से उन्होंने बातचीत की और वहां की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली. कम्युनिटी किचेन के निकट चलाये जा रहे कोविड टीकाकरण केन्द्र का भी मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया. इस दौरान दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि यहां पर रह रहे सभी लोगों की कोरोना जांच अवश्य कराएं और जो भी संक्रमित पाए जाते हैं तो उनके लिए अलग से व्यवस्था करें. जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है, उनका टीकाकरण अवश्य कराएं.
उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि सामुदायिक किचेन को और बड़ा किया जाए ताकि सहूलियत से अधिक लोग भोजन कर सकें. इसका ख्याल रखा जाये कि लोगों को यहां किसी प्रकार की दिक्कत न हो. यहां टेंट के साथ-साथ अन्य जरूरी चीजों की भी पूरी व्यवस्था रखें. पशु चारा की पूरी उपलब्धता हो. उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी बातचीत की और कहा कि लोगों को राहत दिलाने के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर काम करें. सारण के जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को प्रभावित आबादी की जानकारी दी और नावों के परिचालन एवं अन्य राहत कार्यों से अवगत कराया.
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मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित फोरलेन कोईलवर पुल पर ठहरकर सोन नदी एवं वीर कुंवर सिंह सेतु पर गंगा नदी की धारा एवं जलस्तर का जायजा लिया. पटना वापस आने के क्रम में मुख्यमंत्री ने जे.पी. सेतु पर से गंगा नदी के जलस्तर का जायजा लिया.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के दौरान जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा (Minister Sanjay Kumar Jha), आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत (Additional Chief Secretary Pratyaya Amrit), मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, जिलों के जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधिकारी उपस्थित थे. पटना लौटने के पश्चात मुख्यमंत्री ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में आपदा प्रबंधन एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की.