पटना: जनता के दरबार में मुख्यमंत्री (CM Nitish Kumar Janta Darbar) कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए गंगा नदी की सफाई से जुड़े सवाल पर सीएम नीतीश ने कहा कि इसमें हम लोग लगे हुए हैं, इसकी समीक्षा करवाते रहते हैं. जब बचपन में हम बख्तियारपुर में गंगा नदी में नहाने के लिए जाते थे तो हम वहीं से पीने के लिए पानी भी लेकर आते थे. चारों तरफ से गंदा पानी जाने की वजह से आज कल गंगा नदी के जल में खराबी तो आ ही गई है. कहीं से गंगा में गंदा पानी न जाए, इसको लेकर हम लोगों ने समीक्षा की है, ताकि इस पर तेजी से काम हो. हम लोग चाहते हैं कि पानी में कोई गड़बड़ी नही हो और पानी स्वच्छ हो.
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''गंगा जल को तीन-चार जगहों पर पहुंचाने के लिए हम लोगों ने योजना बनाई है और उस पर तेजी से काम चल रहा है. बरसात के समय चार माह गंगा के जल को तीन-चार जगहों पर स्टोर किया जाएगा, जिसे शुद्ध कर इसे पेयजल के रुप में सप्लाई करेंगे. बोधगया, गया, राजगीर और नवादा में पानी की समस्या है तो इन सब जगहों के लिए यह काम किया जा रहा है. इतना नीचे से लोग पानी को निकाल रहे हैं, अगर इससे मुक्ति मिलेगी तो जल का लेवल ठीक रहेगा. अभी कुछ जगहों पर इसको शुरू किया गया है, अगर इसमें सफलता मिलेगी तो आगे पटना के लिए भी यह व्यवस्था करेंगे.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
भूजल दोहन चिंता का विषय: नीतीश कुमार ने कहा कि घर-घर बोरिंग कर भूजल दोहन पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि आज घर-घर बोरिंग करा कर लोग भूजल का दोहन कर रहे हैं, जो ठीक नहीं है. हमारी कोशिश है कि गंगा के पानी का फिर से पीने में इस्तेमाल हो. उन्होंने कहा कि काम करने में पैसा और संसाधन की जरूरत होती है. उन्होंने स्पष्ट लहजे में यह भी कहा कि जितनी तेजी से काम करना चाहते हैं, उतना नहीं हो पाता, संसाधन की कमी तो एक समस्या है ही.
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