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बड़े समाज सुधारकों की फेहरिस्त में शामिल होने की ओर CM नीतीश! कुरीतियों के खिलाफ चला रहे अभियान

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Published : Feb 21, 2022, 7:58 AM IST

Updated : Feb 21, 2022, 8:39 AM IST

बिहार में सीएम नीतीश कुमार समाज सुधार का बड़ा अभियान चला रहे हैं. देश में कई बड़े समाज सुधारक हुए हैं लेकिन बिहार में ऐसा कोई बड़ा समाज सुधार (Social Reform Campaign in Bihar) का अभियान अब तक नहीं चला है. विशेषज्ञ कहते हैं कि नीतीश कुमार भी बड़े समाज सुधारकों (Samaj Sudhar Abhiyan) की फेहरिस्त में शामिल होने की ओर अपना कदम बढ़ा रहे हैं. उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता भी कहते हैं कि नीतीश समाज को बदलने के लिए बड़े फैसले ले रहे हैं. वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, विनोबा भावे जैसे महापुरुषों के रास्ते पर चल रहे हैं. पहले भी जितने बड़े राजनेता हुए हैं, वे सभी बड़े समाज सुधारक भी रहे हैं.

नीतीश कुमार
नीतीश कुमार

पटना: देश स्तर पर कई समाज सुधारक हुए हैं. उन्होंने समाज की कई बड़ी कुरीतियों को समाप्त कराने में बड़ी भूमिका निभाई लेकिन बिहार में उस तरह के समाज सुधारक नहीं हुए. बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) शराबबंदी (liquor ban in bihar) से लेकर नशा मुक्ति और दहेज प्रथा के साथ बाल विवाह उन्मूलन (child marriage abolition) को लेकर जिस प्रकार से अभियान (CM Nitish Kumar Social Reform Campaign) चला रहे हैं, इससे विशेषज्ञ भी कहते हैं कि यह कोई आसान काम नहीं है. बिहार कई राज्यों की सीमा से जुड़ा हुआ है. इंटरनेशनल बॉर्डर से भी जुड़ा हुआ है. इसके बावजूद शराब बंदी का फैसला लिया गया.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के कहने पर पूर्ण शराब बंदी लागू की है. इसका असर भी दिख रहा है. वे पूरे देश में मिसाल बने हुए हैं. उसी तरह दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान (Campaign against dowry system) का ही असर है कि शादी ब्याह के कार्ड पर अब लिखा जाने लगा है 'दहेज मुक्त शादी'. बाल विवाह को लेकर भी नीतीश कुमार जागरूक कर रहे हैं. जिस तरह के अभियान नीतीश कुमार चला रहे हैं, वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का तो यहां तक कहना है कि आने वाले दिनों में नीतीश कुमार बड़े समाज सुधारक के रूप में जाने जाएंगे.

देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: आज नीतीश कैबिनेट की बैठक, कल समाज सुधार अभियान पर निकलेंगे CM

देश के बड़े समाज सुधारकों की बात करें तो स्वामी विवेकानंद, ईश्वर चंद्र विद्यासागर, रामकृष्ण परमहंस, राजा राममोहन राय, महात्मा गांधी, विनोबा भावे, ज्योति राव फूले जैसे कई नाम सामने आते हैं. सभी ने समाज सुधार का कार्य सरकार के बाहर रहते हुए किया था लेकिन नीतीश कुमार पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए यह अभियान चला रहे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है नीतीश कुमार ने समाज सुधार की बड़ी जिम्मेदारी ली है. वे समाज को बदलने का प्रयास कर रहे हैं, कार्यक्रम चला रहे हैं. विकास के साथ समाज सुधार का अभियान भी चलेगा तो उसका व्यापक असर समाज पर होगा. देश में पहले जितने बड़े राजनेता हुए हैं, वे बड़े समाज सुधारक भी रहे थे. नीतीश महात्मा गांधी, लोहिया और जयप्रकाश नारायण के रास्ते पर चल रहे हैं.

नीतीश कुमार के इस अभियान को एक तरफ जहां बीजेपी ने सराहा है वहीं, आरजेडी इसे दिखावा करार देते हुए तंज कसा है. बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा कि समाज सुधार का अभियान लंबे समय तक चलता है, तब जाकर उसका असर होता है. वहीं, आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है यह सब आई वाश है. नीतीश कुमार ने अपनी विचारधारा बदल ली है.

'मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद भी नीतीश कुमार समाज सुधार के बड़े अभियान चला रहे हैं. यह महत्वपूर्ण है. समाज सुधार का अभियान लंबे समय तक चलता है, तब जाकर उसका असर होता है. पहले भी जो अभियान चले हैं, उसे देखा जा सकता है.' -बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा

'यह सब आई वाश है. कुर्सी के लिए ही नीतीश कुमार यह सब कर रहे हैं. विचारधारा भी इन्होंने बदल ली है और कैसा समाज सुधार जब हर जगह लोग शराब पी रहे हैं. महिलाओं का उत्पीड़न हो ही रहा है.' आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद

ये भी पढ़ें: JDU में होगी PK की वापसी! दिल्ली में नीतीश कुमार से मिले प्रशांत किशोर तो बिहार में सियासी हलचल तेज

समाज सुधार अभियान को लेकर नीतीश कुमार की पहल-

1. 1 अप्रैल 2016 से बिहार में शराबबंदी लागू की.
2. 21 जनवरी 2017 को नशा मुक्ति अभियान की सफलता के लिए विश्व का सबसे बड़ा मानव श्रृंखला बनाया.
3. समाज सुधार अभियान यात्रा निकाल रहे हैं.
4. नशा मुक्ति के साथ समाज सुधार के अन्य अभियानों की सफलता के लिए जीविका दीदियों को विशेष जिम्मेवारी दी गई है.
5. समाज सुधार अभियान की सफलता के लिए लगातार समीक्षा करते रहे हैं.
6. 2005 में सत्ता संभालने के बाद कई बड़े फैसले लिए हैं. पंचायतों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण, नौकरियों में 35% आरक्षण, साइकिल योजना और स्कॉलरशिप योजना.

नीतीश कुमार पर यह आरोप लगता रहा कि शराब को गांव-गांव तक इन्होंने पहुंचा दिया लेकिन उन्होंने ही पूर्ण शराबबंदी का बड़ा फैसला लिया. इससे सरकार को हर साल 5000 करोड़ रुपये से भी अधिक का राजस्व का नुकसान हो रहा है. वहीं, दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ भी नीतीश कुमार लगातार कार्यक्रम कर रहे हैं. इन दिनों समाज सुधार अभियान यात्रा भी कर रहे हैं. विशेषज्ञ कहते हैं कि बिहार में नीतीश कुमार इतने बड़े पैमाने पर अभियान चलाने वाले पहले व्यक्ति हैं.

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पटना: देश स्तर पर कई समाज सुधारक हुए हैं. उन्होंने समाज की कई बड़ी कुरीतियों को समाप्त कराने में बड़ी भूमिका निभाई लेकिन बिहार में उस तरह के समाज सुधारक नहीं हुए. बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) शराबबंदी (liquor ban in bihar) से लेकर नशा मुक्ति और दहेज प्रथा के साथ बाल विवाह उन्मूलन (child marriage abolition) को लेकर जिस प्रकार से अभियान (CM Nitish Kumar Social Reform Campaign) चला रहे हैं, इससे विशेषज्ञ भी कहते हैं कि यह कोई आसान काम नहीं है. बिहार कई राज्यों की सीमा से जुड़ा हुआ है. इंटरनेशनल बॉर्डर से भी जुड़ा हुआ है. इसके बावजूद शराब बंदी का फैसला लिया गया.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के कहने पर पूर्ण शराब बंदी लागू की है. इसका असर भी दिख रहा है. वे पूरे देश में मिसाल बने हुए हैं. उसी तरह दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान (Campaign against dowry system) का ही असर है कि शादी ब्याह के कार्ड पर अब लिखा जाने लगा है 'दहेज मुक्त शादी'. बाल विवाह को लेकर भी नीतीश कुमार जागरूक कर रहे हैं. जिस तरह के अभियान नीतीश कुमार चला रहे हैं, वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का तो यहां तक कहना है कि आने वाले दिनों में नीतीश कुमार बड़े समाज सुधारक के रूप में जाने जाएंगे.

देखें रिपोर्ट

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देश के बड़े समाज सुधारकों की बात करें तो स्वामी विवेकानंद, ईश्वर चंद्र विद्यासागर, रामकृष्ण परमहंस, राजा राममोहन राय, महात्मा गांधी, विनोबा भावे, ज्योति राव फूले जैसे कई नाम सामने आते हैं. सभी ने समाज सुधार का कार्य सरकार के बाहर रहते हुए किया था लेकिन नीतीश कुमार पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए यह अभियान चला रहे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है नीतीश कुमार ने समाज सुधार की बड़ी जिम्मेदारी ली है. वे समाज को बदलने का प्रयास कर रहे हैं, कार्यक्रम चला रहे हैं. विकास के साथ समाज सुधार का अभियान भी चलेगा तो उसका व्यापक असर समाज पर होगा. देश में पहले जितने बड़े राजनेता हुए हैं, वे बड़े समाज सुधारक भी रहे थे. नीतीश महात्मा गांधी, लोहिया और जयप्रकाश नारायण के रास्ते पर चल रहे हैं.

नीतीश कुमार के इस अभियान को एक तरफ जहां बीजेपी ने सराहा है वहीं, आरजेडी इसे दिखावा करार देते हुए तंज कसा है. बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा कि समाज सुधार का अभियान लंबे समय तक चलता है, तब जाकर उसका असर होता है. वहीं, आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है यह सब आई वाश है. नीतीश कुमार ने अपनी विचारधारा बदल ली है.

'मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद भी नीतीश कुमार समाज सुधार के बड़े अभियान चला रहे हैं. यह महत्वपूर्ण है. समाज सुधार का अभियान लंबे समय तक चलता है, तब जाकर उसका असर होता है. पहले भी जो अभियान चले हैं, उसे देखा जा सकता है.' -बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा

'यह सब आई वाश है. कुर्सी के लिए ही नीतीश कुमार यह सब कर रहे हैं. विचारधारा भी इन्होंने बदल ली है और कैसा समाज सुधार जब हर जगह लोग शराब पी रहे हैं. महिलाओं का उत्पीड़न हो ही रहा है.' आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद

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समाज सुधार अभियान को लेकर नीतीश कुमार की पहल-

1. 1 अप्रैल 2016 से बिहार में शराबबंदी लागू की.
2. 21 जनवरी 2017 को नशा मुक्ति अभियान की सफलता के लिए विश्व का सबसे बड़ा मानव श्रृंखला बनाया.
3. समाज सुधार अभियान यात्रा निकाल रहे हैं.
4. नशा मुक्ति के साथ समाज सुधार के अन्य अभियानों की सफलता के लिए जीविका दीदियों को विशेष जिम्मेवारी दी गई है.
5. समाज सुधार अभियान की सफलता के लिए लगातार समीक्षा करते रहे हैं.
6. 2005 में सत्ता संभालने के बाद कई बड़े फैसले लिए हैं. पंचायतों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण, नौकरियों में 35% आरक्षण, साइकिल योजना और स्कॉलरशिप योजना.

नीतीश कुमार पर यह आरोप लगता रहा कि शराब को गांव-गांव तक इन्होंने पहुंचा दिया लेकिन उन्होंने ही पूर्ण शराबबंदी का बड़ा फैसला लिया. इससे सरकार को हर साल 5000 करोड़ रुपये से भी अधिक का राजस्व का नुकसान हो रहा है. वहीं, दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ भी नीतीश कुमार लगातार कार्यक्रम कर रहे हैं. इन दिनों समाज सुधार अभियान यात्रा भी कर रहे हैं. विशेषज्ञ कहते हैं कि बिहार में नीतीश कुमार इतने बड़े पैमाने पर अभियान चलाने वाले पहले व्यक्ति हैं.

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Last Updated : Feb 21, 2022, 8:39 AM IST
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