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PM मोदी के साथ बैठक से CM नीतीश रहे गैरहाजिर.. क्या BJP से बना रहे दूरियां?

बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की संयुक्त बैठक में भाग नहीं लिया. पीएम मोदी के साथ बैठक में नीतीश कुमार की गैरहाजिरी (CM Nitish absence in meeting with PM Modi) को बीजेपी से रिश्तों में खटास के तौर पर देखा जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

बिहार के सीएम नीतीश कुमार
बिहार के सीएम नीतीश कुमार
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Published : May 1, 2022, 9:06 PM IST

पटना: दिल्ली में शनिवार को मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की एक संयुक्त सम्मेलन का आयोजन किया गया. केंद्रीय कानून मंत्रालय की बैठक (Union Law Ministry meet) में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बैठक में शामिल नहीं हुए. जबकि इस बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल शामिल हुए. जिसे सहयोगी बीजेपी के साथ सीएम नीतीश के संबंधों में तनाव के तौर पर देखा जा रहा है. कार्यक्रम की अध्यक्षता भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने की. ये वही एनवी रमना हैं जो बिहार के शराबबंदी कानून को लेकर कई बार सख्त टिप्पणी कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें- नीतीश कुमार चौंकाने वाले फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं.. कहीं 2024-25 की तो नहीं है तैयारी!

मिशन 'बीजेपी का मुख्यमंत्री' से नाराज नीतीश!: केंद्रीय कानून मंत्रालय की इस बैठक में शामिल होने से नीतीश कुमार के इनकार को एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है. उन्हें सहयोगी बीजेपी के रुख से सीएम नीतीश नाराज (CM Nitish upset with BJP) बताया जा रहा है, क्योंकि बीजेपी विभिन्न नेताओं के हालिया बयानों में उनकी जगह 'बीजेपी का मुख्यमंत्री' बनाने का सुझाव दिया गया था. बीजेपी विधायक विनय बिहारी जैसे कुछ लोग खुले तौर पर कह चुके हैं कि नीतीश कुमार को हटा दिया जाना चाहिए और उनकी जगह भाजपा के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए. उनके कई सहयोगियों का भी यही कहना है और उनकी आवाजें और तेज होती जा रही हैं. इस बीच नीतीश कुमार अपनी उपस्थिति बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

BJP के शीर्ष नेतृत्व से चाहते थे गारंटी!: सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ना केवल बिहार बीजेपी के नेताओं से बल्कि शीर्ष नेतृत्व से भी इस बात की सार्वजनिक तौर पर गारंटी चाह रहे थे कि वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) के हालिया पटना दौरे के दौरान नीतीश कुमार ऐसे ही आश्वासन की तलाश में थे, लेकिन वो उनको मिला नहीं. जिसके बाद से ही बीजेपी और जेडीयू के रिश्तों में खटास देखी जा रही है.

ये भी पढ़ें- '2025 तक नीतीश कुमार रहेंगे एनडीए के सीएम, कोई मुंगेरी लाल के सपने न देखे..'

JDU की इफ्तार पार्टी में भी दिखी दूरी: जेडीयू की इफ्तार पार्टी के दौरान भी बीजेपी और जेडीयू के बीच के तनाव को देखा गया था. जब सीएम नीतीश कुमार को डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद की तुलना में राष्ट्रीय जनता दल के विपक्षी नेता तेजस्वी यादव को अधिक गर्मजोशी से बधाई देते देखा गया. नीतीश कुमार तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव को मुख्यमंत्री की परंपरा से हटकर आगे बढ़कर कार्यक्रम स्थल से विदा करने आए. हालांकि, जेडीयू के नेताओं ने दावा किया कि वह केवल अच्छे मेजबान की भूमिका निभा रहे थे.

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पटना: दिल्ली में शनिवार को मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की एक संयुक्त सम्मेलन का आयोजन किया गया. केंद्रीय कानून मंत्रालय की बैठक (Union Law Ministry meet) में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बैठक में शामिल नहीं हुए. जबकि इस बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल शामिल हुए. जिसे सहयोगी बीजेपी के साथ सीएम नीतीश के संबंधों में तनाव के तौर पर देखा जा रहा है. कार्यक्रम की अध्यक्षता भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने की. ये वही एनवी रमना हैं जो बिहार के शराबबंदी कानून को लेकर कई बार सख्त टिप्पणी कर चुके हैं.

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मिशन 'बीजेपी का मुख्यमंत्री' से नाराज नीतीश!: केंद्रीय कानून मंत्रालय की इस बैठक में शामिल होने से नीतीश कुमार के इनकार को एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है. उन्हें सहयोगी बीजेपी के रुख से सीएम नीतीश नाराज (CM Nitish upset with BJP) बताया जा रहा है, क्योंकि बीजेपी विभिन्न नेताओं के हालिया बयानों में उनकी जगह 'बीजेपी का मुख्यमंत्री' बनाने का सुझाव दिया गया था. बीजेपी विधायक विनय बिहारी जैसे कुछ लोग खुले तौर पर कह चुके हैं कि नीतीश कुमार को हटा दिया जाना चाहिए और उनकी जगह भाजपा के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए. उनके कई सहयोगियों का भी यही कहना है और उनकी आवाजें और तेज होती जा रही हैं. इस बीच नीतीश कुमार अपनी उपस्थिति बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

BJP के शीर्ष नेतृत्व से चाहते थे गारंटी!: सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ना केवल बिहार बीजेपी के नेताओं से बल्कि शीर्ष नेतृत्व से भी इस बात की सार्वजनिक तौर पर गारंटी चाह रहे थे कि वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) के हालिया पटना दौरे के दौरान नीतीश कुमार ऐसे ही आश्वासन की तलाश में थे, लेकिन वो उनको मिला नहीं. जिसके बाद से ही बीजेपी और जेडीयू के रिश्तों में खटास देखी जा रही है.

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