पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सचिवालय परिसर में आयोजित जनता के दरबार (Nitish Kumar Janata Darbar) में शामिल हुए. जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में उन्होंने राज्य के विभिन्न जिलों से आये 133 फरियादियों की समस्याएं सुनी और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए. जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, वित्त विभाग, संसदीय कार्य विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, श्रम संसाधन विभाग तथा आपदा प्रबंधन विभाग से संबंधित मामलों पर सुनवाई हुई.
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कोरोना से मौत पर मुआवजा नहीं मिलने की शिकायत: वैशाली से आई एक महिला ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि उसके पति की मौत कोरोना से हो गई थी लेकिन अब तक मुआवजे की राशि नहीं मिली है. वहीं अररिया से आये एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से कहा कि हमारे भाई की वर्ष 2021 में कोरोना से मौत हो गई थी. मुआवजे की राशि के लिए लगातार दौड़ रहे हैं लेकिन अब तक सहायता राशि नहीं मिल सकी है. मुख्यमंत्री ने मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
आईटीआई संस्थान में शिक्षक नहीं: पटना से आयी छात्रा ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि मैट्रिक और इंटर पास करने पर राज्य सरकार की ओर से जो स्कॉलरशिप दी जाती है, वो अभी तक नहीं मिल पायी है. वहीं समस्तीपुर से आये एक छात्र ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि उसका एडमिशन राजकीय आईटीआई संस्थान में हुआ था. संस्थान में शिक्षक नहीं रहने के कारण पढ़ाई नहीं हो पा रही है. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
छात्रावास से छात्र वंचित: आरा के जगदीशपुर से आए एक फरियादी ने गुहार लगाते हुए कहा कि आपके द्वारा 2007 में दो छात्रावास का निर्माण करवाया गया था लेकिन पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग के बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. जब से छात्रावास बना है, उसमें एक भी छात्र नहीं रहते हैं. इसकी सही देख-रेख होने से शाहाबाद प्रक्षेत्र के चार जिलों के छात्र लाभान्वित होंगे. मुख्यमंत्री ने इसे काफी गंभीरता से लिया और मामले की जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
आंगनबाड़ी में सहायिका की बहाली में अनियमितता: समस्तीपुर से आये एक सरकारी कर्मचारी ने मुख्यमंत्री से फरियाद करते हुए कहा कि उसे विपश्यना केंद्र में 15 दिनों के मेडिटेशन कोर्स के लिए विभाग द्वारा अवकाश नहीं दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने इस पर कहा कि इसके लिए तो सरकार ने आदेश जारी कर दिया था. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया. पूर्वी चंपारण से आयी एक महिला ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि वर्ष 2018 की आंगनबाड़ी चयन को लंबित रखा गया है. वहीं, समस्तीपुर से आयी एक महिला ने आंगनबाड़ी में सहायिका की बहाली में अनियमितता की शिकायत की. आंगनबाड़ी बहाली में हो रही गड़बड़ी और लगातार मिल रही शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने संबद्ध विभाग के अधिकारियों से कहा कि बहाली को लेकर विस्तृत समीक्षा करें. इतनी भारी संख्या में शिकायतें आ रही हैं. इसकाे व्यापक स्तर पर देखें और उचित कदम उठाएं.
यूनिवर्सिटी पर डिग्री नहीं देने का आरोप: आरा से आए एक छात्र ने गुहार लगाते हुए कहा कि वर्ष 2019 में स्नातक पास करने के उपरांत प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा हूं. एक साल से यूनिवर्सिटी द्वारा मेरी डिग्री निर्गत नहीं किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया. वहीं, हुलासगंज, जहानाबाद की एक महिला ने अब तक पारिवारिक पेंशन नहीं मिलने की शिकायत की. मुख्यमंत्री ने मामले में जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डे, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान, सूचना प्रावैधिकी सह श्रम संसाधन मंत्री जिवेश कुमार, कला संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री आलोक रंजन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव उपस्थित थे.
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