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बोले चिराग.. 2024 तक टूटेगा महागठबंधन, RJD नीतीश को धक्का देने को तैयार

LJPR के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बीजेपी से बढ़ती नजदीकियों के लेकर कहा है कि वो बीजेपी के समर्थन में कभी भी नहीं रहे हैं. जब उनसे पूछा गया कि 2024 में बीजेपी से गठबंधन करेंगे तो उन्होने कहा कि 2024 में गठबंधन को लेकर अभी कैसे कहा जाए, अभी उसमें समय है. लेकिन ये तय है कि 2024 के पहले महागठबंधन टूट जाएगा. नीतीश कुमार को ना महगठबंधन सीएम के रूप में प्रोजेक्ट करेगी ना NDA. पढ़ें पूरी खबर...

LJPR के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान
LJPR के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान
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Published : Aug 13, 2022, 4:37 PM IST

पटना: सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और उनकी पार्टी जेडीयू की एनडीए से अलग हटने के बाद बीजेपी से चिराग पासवान की नजदीकियां बढ़ने की संभावना जताई जा रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी लोकसभा चुनाव 2024 और बिहार विधानसभा 2025 के चुनाव में चिराग पासवान एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. राजनीति जानकारों की मानें तो विधानसभा चुनाव के दौरान ही जदयू के साथ NDA के साथ चुनाव लड़ने पर चिराग ने आपत्ति जताई थी. उस चुनाव में चिराग मॉडल काम आया था, इसको सभी पार्टियां मानतीं हैं. लोजपा को एनडीए से अलग हटकर अकेले चुनाव लड़ने पर उनके चाचा पशुपति पारस उनसे काफी नाराज थे. जिस वजह से उन्होंने कहीं ना कहीं पार्टी भी तोड़ने का काम किया था.

ये भी पढ़ें- 'चिराग मॉडल' : 'मामा कंस की तरह मां देवकी के हर पुत्र को मार देना चाहते हैं नीतीश'

चिराग पासवान ने CM नीतीश पर कसा तंज : वहीं, उनके चाचा पशुपति पारस अभी भी एनडीए के साथ हैं. राजनीति जानकारों की माने तो बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान अकेले चुनाव लड़कर लगभग 6% वोट करीबन 15 लाख वोट पाए थे. अब नीतीश कुमार के बीजेपी से अलग होने के बाद बीजेपी किसी भी कीमत पर दलितों का वोट जो चिराग पासवान के साथ है, उसको नहीं खोना चाहेगी. नीतीश कुमार के NDA से अलग हटने के बाद कहीं ना कहीं बिहार में बीजेपी अकेले पड़ गई है, ऐसे में बीजेपी कभी भी चिराग पासवान का साथ नहीं छोड़ना चाहेगी.

2020 में चिराग ने अकेले लड़ा था चुनाव : हाल में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर केंद्रीय रक्षा मंत्री ने उनसे बातचीत के दौरान कहा था कि वह NDA के पार्ट हैं. आपको बता दें कि चिराग पासवान ने एनडीए से अलग होकर 145 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय 2020 में लिया था, हालांकि उन्हें कुछ खास कामयाबी हाथ नहीं लगी थी. उन्होंने अपना सिटिंग एमएलए सीट को भी खो दिया था. 145 सीटों में महज एक सीट पर जीत हासिल हुई थी. वह भी विधायक लोजपा का दामन छोड़कर नीतीश कुमार के साथ जाना मुनासिब समझा. हालांकि लोजपा का मानना है कि लोजपा ने अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लेकर अच्छा फैसला किया था. जिस वजह से वोट प्रतिशत में उनकी काफी वृद्धि हुई थी.

2020 बिहार विधानसभा चुनाव में LJPR को 6% वोट: बिहार की जनता ने उन्हें लगभग 6% वोट जो कि 15 लाख के करीब होता है, उन्हें प्राप्त हुआ था. हालांकि इस बार भाजपा को पिछली बार से कम 19.46 प्रतिशत ही वोट मिले हैं. पिछली बार भाजपा को 24.42 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन उसे महज 53 सीटें ही मिली थी. जबकि साल 2020 में भाजपा को 74 सीटें मिली है. दोनों दलों की वोट प्रतिशत से की बात करें तो करीबन 26% वोट होता है. ऐसे में कभी भी भाजपा, लोजपा के दलित वोटरों को नहीं खोना चाहेगी.

चिराग ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोला : राजनीतिक जानकारों की माने तो चिराग पासवान बिहार विधानसभा चुनाव के पहले से ही लगातार नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोले (Chirag Paswan Targeted CM Nitish Kumar) हुए हैं. और कहीं ना कहीं वह मौजूदा वक्त में जिस तरह से लगातार बिहार में अपनी पार्टी और संगठन को मजबूत करने में जुटे हुए हैं, वो काबिलेतारीफ है. नीतीश कुमार एनडीए से अलग हटने के बाद महागठबंधन के साथ फिर से दोबारा सरकार बनाए हैं. ऐसे में नीतीश कुमार के खिलाफ अपनी बातों को रखने वाले प्रखर नेताओं की जरूरत है. उनमें से एक चिराग पासवान हैं. दरसल चिराग पासवान 2020 में भी नहीं चाहते थे कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए चुनाव लड़े.

चिराग के निशाने पर CM नीतीश : वो हमेशा बिहार बिहार में बढ़ रही आपराधिक वारदातों, जहरीली शराब से हो रही मौत के साथ-साथ सरकार की चलाई जा रही, सात निश्चय योजना के खिलाफ मुखर होकर अपनी आवाज उठाते रहे हैं. हालांकि राजनीतिक जानकारों की माने तो चिराग पासवान 2019 में या उससे पहले 2014 में सांसद बने थे. तो वह कहीं ना कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को लेकर सांसद बने थे. उनकी पार्टी 7 सीटों पर चुनाव में जीत हासिल की थी तो वजह थी एनडीए सरकार. इन सबके बीच बीजेपी से उनकी नजदीकियों को लोकर बात हो रही है, लेकिन इस बात को लेकर चिराग पासवान का साफ तौर पर कहना है कि अभी चुनाव में समय है. चुनाव के वक्त बीजेपी से गंठबंधन को लेकर देखा जाएगा.

'लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद चिराग पासवान ने कहा कि- 'बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आगामी 2025 में एनडीए और ना ही महागठबंधन मुख्यमंत्री के उम्मीदवार बनाने जा रहा है, जिस वजह से उन्होंने एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन का दामन थामा है. महागठबंधन भी चाहती है कि वह अब केंद्र की राजनीति करें ताकि बिहार का मुख्यमंत्री का चेहरा महागठबंधन का दूसरा कोई उम्मीदवार हो सके. महागठबंधन में काफी सारे बड़े प्रधानमंत्री के चेहरे हैं, इसलिए 2024 आते-आते फिर से एक बार महागठबंधन टूटेगा. नीतीश कुमार प्रधानमंत्री का चेहरा 2024 में बनना चाहते हैं. वह कभी भी मुमकिन नहीं हो सकता है.' - चिराग पासवान, राष्ट्रीय अध्यक्ष, लोजपा रामविलास

'2024 तक महागठबंधन टूट जाएगा' : उन्होंने बताया कि 2024 में मध्यवर्ती चुनाव होना तय है. चिराग पासवान का दावा है कि बिहार में विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होगा. उन्होंने साफ-साफ कहा कि मुझे गठबंधन करने की कोई जल्दी बाजी नहीं है. चुनाव के समय इस पर निर्णय लिया जाएगा कि वह किस से गठबंधन के साथ जाते हैं. बीजेपी से बढ़ रही नजदीकियों को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि ऐसा कौन सा बीजेपी ने काम किया है, जिससे उनकी नजदीकियां बढ़ेगी. आज बीजेपी जो सरकार से हट गई है तो जहरीली शराब पर सवाल खड़ा कर रही है. जब चिराग पासवान इसको लेकर बोलते थे तब क्यों नहीं बीजेपी उनके साथ खड़ी हुई थी.

'नीतीश कुमार कभी भी पलटी मार सकते हैं' : चिराग पासवान ने कहा कि मैंने शुरू से ही बीजेपी को आगाह किया था कि नीतीश कुमार कभी भी पलटी मार कर NDA को छोड़कर जा सकते हैं. ऐसे में उस समय बीजेपी वालों को इस पर विश्वास नहीं था, आज वही हुआ जो मैंने पहले कहा था. उन्होंने खुद को एंटी नीतीश दल का चेहरा बताते हुए कहा कि जिस 6% प्रतिशत वोट की आप बात कर रहे हैं, वो बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान था. पिछले 22 महीनों में लोक जनशक्ति रामविलास हर पंचायत तक अपना विजन डॉक्यूमेंट, बिहारी फर्स्ट, बिहार फर्स्ट लेकर गई. आगामी चुनाव में इसका परिणाम देखने को मिलेगा.

'जदयू में हिम्मत नहीं है कि वह चुनाव लड़े' : चिराग पासवान ने कहा कि दो दशक से जदयू सरकार में बनी हुई है लेकिन अभी भी जदयू में हिम्मत नहीं है कि वह चुनाव लड़ सकती है. लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास इकलौती ऐसी पार्टी रही है जो अकेले दम पर चुनाव लड़कर 6% वोट लाने का काम किया था. बीजेपी से लोजपा की बढ़ रही नजदीकियों को उन्होंने निराधार बताते हुए कहा कि अभी किसी तरह के गठबंधन वह नहीं करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान जो बोलता हैं, वही करते हैं. यही नीतीश कुमार जो भाजपा और तेजस्वी यादव के बारे में क्या कुछ नहीं कहा था, आज सब चीज को भुलाकर वह फिर से सरकार उनके साथ बना लिए हैं.

पटना: सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और उनकी पार्टी जेडीयू की एनडीए से अलग हटने के बाद बीजेपी से चिराग पासवान की नजदीकियां बढ़ने की संभावना जताई जा रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी लोकसभा चुनाव 2024 और बिहार विधानसभा 2025 के चुनाव में चिराग पासवान एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. राजनीति जानकारों की मानें तो विधानसभा चुनाव के दौरान ही जदयू के साथ NDA के साथ चुनाव लड़ने पर चिराग ने आपत्ति जताई थी. उस चुनाव में चिराग मॉडल काम आया था, इसको सभी पार्टियां मानतीं हैं. लोजपा को एनडीए से अलग हटकर अकेले चुनाव लड़ने पर उनके चाचा पशुपति पारस उनसे काफी नाराज थे. जिस वजह से उन्होंने कहीं ना कहीं पार्टी भी तोड़ने का काम किया था.

ये भी पढ़ें- 'चिराग मॉडल' : 'मामा कंस की तरह मां देवकी के हर पुत्र को मार देना चाहते हैं नीतीश'

चिराग पासवान ने CM नीतीश पर कसा तंज : वहीं, उनके चाचा पशुपति पारस अभी भी एनडीए के साथ हैं. राजनीति जानकारों की माने तो बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान अकेले चुनाव लड़कर लगभग 6% वोट करीबन 15 लाख वोट पाए थे. अब नीतीश कुमार के बीजेपी से अलग होने के बाद बीजेपी किसी भी कीमत पर दलितों का वोट जो चिराग पासवान के साथ है, उसको नहीं खोना चाहेगी. नीतीश कुमार के NDA से अलग हटने के बाद कहीं ना कहीं बिहार में बीजेपी अकेले पड़ गई है, ऐसे में बीजेपी कभी भी चिराग पासवान का साथ नहीं छोड़ना चाहेगी.

2020 में चिराग ने अकेले लड़ा था चुनाव : हाल में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर केंद्रीय रक्षा मंत्री ने उनसे बातचीत के दौरान कहा था कि वह NDA के पार्ट हैं. आपको बता दें कि चिराग पासवान ने एनडीए से अलग होकर 145 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय 2020 में लिया था, हालांकि उन्हें कुछ खास कामयाबी हाथ नहीं लगी थी. उन्होंने अपना सिटिंग एमएलए सीट को भी खो दिया था. 145 सीटों में महज एक सीट पर जीत हासिल हुई थी. वह भी विधायक लोजपा का दामन छोड़कर नीतीश कुमार के साथ जाना मुनासिब समझा. हालांकि लोजपा का मानना है कि लोजपा ने अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लेकर अच्छा फैसला किया था. जिस वजह से वोट प्रतिशत में उनकी काफी वृद्धि हुई थी.

2020 बिहार विधानसभा चुनाव में LJPR को 6% वोट: बिहार की जनता ने उन्हें लगभग 6% वोट जो कि 15 लाख के करीब होता है, उन्हें प्राप्त हुआ था. हालांकि इस बार भाजपा को पिछली बार से कम 19.46 प्रतिशत ही वोट मिले हैं. पिछली बार भाजपा को 24.42 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन उसे महज 53 सीटें ही मिली थी. जबकि साल 2020 में भाजपा को 74 सीटें मिली है. दोनों दलों की वोट प्रतिशत से की बात करें तो करीबन 26% वोट होता है. ऐसे में कभी भी भाजपा, लोजपा के दलित वोटरों को नहीं खोना चाहेगी.

चिराग ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोला : राजनीतिक जानकारों की माने तो चिराग पासवान बिहार विधानसभा चुनाव के पहले से ही लगातार नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोले (Chirag Paswan Targeted CM Nitish Kumar) हुए हैं. और कहीं ना कहीं वह मौजूदा वक्त में जिस तरह से लगातार बिहार में अपनी पार्टी और संगठन को मजबूत करने में जुटे हुए हैं, वो काबिलेतारीफ है. नीतीश कुमार एनडीए से अलग हटने के बाद महागठबंधन के साथ फिर से दोबारा सरकार बनाए हैं. ऐसे में नीतीश कुमार के खिलाफ अपनी बातों को रखने वाले प्रखर नेताओं की जरूरत है. उनमें से एक चिराग पासवान हैं. दरसल चिराग पासवान 2020 में भी नहीं चाहते थे कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए चुनाव लड़े.

चिराग के निशाने पर CM नीतीश : वो हमेशा बिहार बिहार में बढ़ रही आपराधिक वारदातों, जहरीली शराब से हो रही मौत के साथ-साथ सरकार की चलाई जा रही, सात निश्चय योजना के खिलाफ मुखर होकर अपनी आवाज उठाते रहे हैं. हालांकि राजनीतिक जानकारों की माने तो चिराग पासवान 2019 में या उससे पहले 2014 में सांसद बने थे. तो वह कहीं ना कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को लेकर सांसद बने थे. उनकी पार्टी 7 सीटों पर चुनाव में जीत हासिल की थी तो वजह थी एनडीए सरकार. इन सबके बीच बीजेपी से उनकी नजदीकियों को लोकर बात हो रही है, लेकिन इस बात को लेकर चिराग पासवान का साफ तौर पर कहना है कि अभी चुनाव में समय है. चुनाव के वक्त बीजेपी से गंठबंधन को लेकर देखा जाएगा.

'लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद चिराग पासवान ने कहा कि- 'बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आगामी 2025 में एनडीए और ना ही महागठबंधन मुख्यमंत्री के उम्मीदवार बनाने जा रहा है, जिस वजह से उन्होंने एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन का दामन थामा है. महागठबंधन भी चाहती है कि वह अब केंद्र की राजनीति करें ताकि बिहार का मुख्यमंत्री का चेहरा महागठबंधन का दूसरा कोई उम्मीदवार हो सके. महागठबंधन में काफी सारे बड़े प्रधानमंत्री के चेहरे हैं, इसलिए 2024 आते-आते फिर से एक बार महागठबंधन टूटेगा. नीतीश कुमार प्रधानमंत्री का चेहरा 2024 में बनना चाहते हैं. वह कभी भी मुमकिन नहीं हो सकता है.' - चिराग पासवान, राष्ट्रीय अध्यक्ष, लोजपा रामविलास

'2024 तक महागठबंधन टूट जाएगा' : उन्होंने बताया कि 2024 में मध्यवर्ती चुनाव होना तय है. चिराग पासवान का दावा है कि बिहार में विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होगा. उन्होंने साफ-साफ कहा कि मुझे गठबंधन करने की कोई जल्दी बाजी नहीं है. चुनाव के समय इस पर निर्णय लिया जाएगा कि वह किस से गठबंधन के साथ जाते हैं. बीजेपी से बढ़ रही नजदीकियों को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि ऐसा कौन सा बीजेपी ने काम किया है, जिससे उनकी नजदीकियां बढ़ेगी. आज बीजेपी जो सरकार से हट गई है तो जहरीली शराब पर सवाल खड़ा कर रही है. जब चिराग पासवान इसको लेकर बोलते थे तब क्यों नहीं बीजेपी उनके साथ खड़ी हुई थी.

'नीतीश कुमार कभी भी पलटी मार सकते हैं' : चिराग पासवान ने कहा कि मैंने शुरू से ही बीजेपी को आगाह किया था कि नीतीश कुमार कभी भी पलटी मार कर NDA को छोड़कर जा सकते हैं. ऐसे में उस समय बीजेपी वालों को इस पर विश्वास नहीं था, आज वही हुआ जो मैंने पहले कहा था. उन्होंने खुद को एंटी नीतीश दल का चेहरा बताते हुए कहा कि जिस 6% प्रतिशत वोट की आप बात कर रहे हैं, वो बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान था. पिछले 22 महीनों में लोक जनशक्ति रामविलास हर पंचायत तक अपना विजन डॉक्यूमेंट, बिहारी फर्स्ट, बिहार फर्स्ट लेकर गई. आगामी चुनाव में इसका परिणाम देखने को मिलेगा.

'जदयू में हिम्मत नहीं है कि वह चुनाव लड़े' : चिराग पासवान ने कहा कि दो दशक से जदयू सरकार में बनी हुई है लेकिन अभी भी जदयू में हिम्मत नहीं है कि वह चुनाव लड़ सकती है. लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास इकलौती ऐसी पार्टी रही है जो अकेले दम पर चुनाव लड़कर 6% वोट लाने का काम किया था. बीजेपी से लोजपा की बढ़ रही नजदीकियों को उन्होंने निराधार बताते हुए कहा कि अभी किसी तरह के गठबंधन वह नहीं करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान जो बोलता हैं, वही करते हैं. यही नीतीश कुमार जो भाजपा और तेजस्वी यादव के बारे में क्या कुछ नहीं कहा था, आज सब चीज को भुलाकर वह फिर से सरकार उनके साथ बना लिए हैं.

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