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आखिर क्या रही होगी मजबूरी!.. पटना में जिगर के टुकड़े को सड़क पर छोड़ गए मां-बाप

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Published : Oct 7, 2022, 2:24 PM IST

पटना में सड़क किनारे एक चार वर्षीय बच्चा सड़क किनारे मिला. बच्चे को उसके मां-बाप यहां छोड़कर चले गए हैं. स्थनीय लोगों की सूचना पर पुलिस ने बच्चे को बरामद कर इलाज कराया और चाइल्ड लाइन को सौंप (Police Handed Over Child to Child Line ) दिया. बच्चे की पहचान नहीं हो सकी है. पढ़ें पूरी खबर..

पटना में सड़क पर मिला बच्चा
पटना में सड़क पर मिला बच्चा

पटना: बिहार की राजधानी पटना से सटे खगौल में सड़क किनारे चार साल का एक बच्चा मिला (Child Found on Road in Patna ) है. बच्चा शारीरिक रूप से दिव्यांग है. आसपास के लोगों के बीच इस बच्चे को लेकर चर्चा हो रही है कि आखिर क्या मजबूरी रही होगी कि अपने जिगर के टुकड़े को कोई सड़क पर छोड़कर चला गया. साथ ही लोग कई तरह के कयास लगा रहे हैं. बच्चा खगौल के नेउरा कॉलोनी स्थित 25 नम्बर रोड पर लावारिस रूप में मिला है. बच्चे ने पुलिस ने बरामद किया है.

ये भी पढ़ेंः रोहतास में मानवता शर्मसार, सड़क किनारे मिली नवजात

एक समाजसेवी ने बच्चे को कपड़ा पहनाकर पुलिस के सुपुर्द कियाः चार साल के दिव्यांग बच्चे को सड़क किनारे फेंक कर उसके परिजन फरार हो गए हैं. बच्चा नेउरा कॉलोनी के पास मुख्य सड़क पर मिला है. किसी अनजान व्यक्ति ने रोड पर से उसे हटाकर नेउरा कॉलोनी के रोड नंबर 25 पर लाकर रख दिया. सुबह जब लोगों की नींद खुली और घूमने के लिए निकले तो बच्चे को लावारिस हालत में देखा. लोगों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और बच्चे का हालचाल लिया. एक समाजसेवी रणविजय नाम के युवक को जब यह जानकारी हुई तो वह तुरंत पहुंचे और बच्चे को नहला कर कपड़ा पहनाया और उसे इलाज के लिए खगौल पीएचसी ले गए. इसके बाद फिलहाल पुलिस को बच्चा सौंप दिया गया है.

बच्चे को किसने फेंका नहीं चल पाया है पताः बच्चा किसका है किसने फेंका है यह अभी पता नहीं चला है. लोगों का कहना है कि बच्चे को जिस तरह से फेंका गया उससे तो यही लगता है कि इसके परिजन नहीं कोई जल्लाद हैं. बच्चा मानसिक रूप से दिव्यांग और पोलियो ग्रस्त है. शायद इसी कारण इसे रोड किनारे फेंक दिया गया हो. ऐसे में आम लोग भी इसे देखकर उस मां-बाप को कोसते नजर आए. इसके बावजूद सवाल यह है कि इतने बड़े बच्चे को इतने दिनों बाद कोई मां-बाप क्यों इस तरह से फेंक जाएगा. आखिर, उनलोगों की क्या मजबूरियां रही होगी. जिसने इसे जन्म दिया और अब बच्चे की ऐसी हालत देख उसे पाला नहीं गया.

पुलिस ने बच्चा चाइल्ड लाइन को सौंपाः पुलिस फिलहाल बच्चे का इलाज करवाने के बाद पटना चाइल्ड लाइन को फोन कर बुलाई है. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस बच्चे के परिजनों को पुलिस खोज पाती है या नहीं. जिस तरह से परिजनों ने इस बच्चे को रोड किनारे फेंका है. उससे सबकी जुबां पर यही सवाल है कि कलयुग में भी ऐसे मां बाप हैं जो अपने लाल को बेहाल छोड़ देते हैं. दानापुर खगौल पुलिस ने लावारिस बच्चे को पीएचसी में स्थानीय लोगों की मदद से इलाज करवाकर चाइल्ड होम भेज दिया. अभी तक बच्चा की पहचान नहीं हो पाई है. पुलिस बच्चे की मां-बाप का पता करने में जुट गई है.


"मेन रोड से इस बच्चे को लाकर इधर अंदर रोड के किनारे घास पर लिटा दिया. हमलोग जब देखने गए तो देखा बच्चा लकवाग्रस्त है. इसके बाद बच्चे को रोटी और पानी दिये. हमलोग को नहीं पता कि कौन इसको यहां फेंक कर गया है"- अंजू कुमारी स्थानीय महिला

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पटना: बिहार की राजधानी पटना से सटे खगौल में सड़क किनारे चार साल का एक बच्चा मिला (Child Found on Road in Patna ) है. बच्चा शारीरिक रूप से दिव्यांग है. आसपास के लोगों के बीच इस बच्चे को लेकर चर्चा हो रही है कि आखिर क्या मजबूरी रही होगी कि अपने जिगर के टुकड़े को कोई सड़क पर छोड़कर चला गया. साथ ही लोग कई तरह के कयास लगा रहे हैं. बच्चा खगौल के नेउरा कॉलोनी स्थित 25 नम्बर रोड पर लावारिस रूप में मिला है. बच्चे ने पुलिस ने बरामद किया है.

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एक समाजसेवी ने बच्चे को कपड़ा पहनाकर पुलिस के सुपुर्द कियाः चार साल के दिव्यांग बच्चे को सड़क किनारे फेंक कर उसके परिजन फरार हो गए हैं. बच्चा नेउरा कॉलोनी के पास मुख्य सड़क पर मिला है. किसी अनजान व्यक्ति ने रोड पर से उसे हटाकर नेउरा कॉलोनी के रोड नंबर 25 पर लाकर रख दिया. सुबह जब लोगों की नींद खुली और घूमने के लिए निकले तो बच्चे को लावारिस हालत में देखा. लोगों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और बच्चे का हालचाल लिया. एक समाजसेवी रणविजय नाम के युवक को जब यह जानकारी हुई तो वह तुरंत पहुंचे और बच्चे को नहला कर कपड़ा पहनाया और उसे इलाज के लिए खगौल पीएचसी ले गए. इसके बाद फिलहाल पुलिस को बच्चा सौंप दिया गया है.

बच्चे को किसने फेंका नहीं चल पाया है पताः बच्चा किसका है किसने फेंका है यह अभी पता नहीं चला है. लोगों का कहना है कि बच्चे को जिस तरह से फेंका गया उससे तो यही लगता है कि इसके परिजन नहीं कोई जल्लाद हैं. बच्चा मानसिक रूप से दिव्यांग और पोलियो ग्रस्त है. शायद इसी कारण इसे रोड किनारे फेंक दिया गया हो. ऐसे में आम लोग भी इसे देखकर उस मां-बाप को कोसते नजर आए. इसके बावजूद सवाल यह है कि इतने बड़े बच्चे को इतने दिनों बाद कोई मां-बाप क्यों इस तरह से फेंक जाएगा. आखिर, उनलोगों की क्या मजबूरियां रही होगी. जिसने इसे जन्म दिया और अब बच्चे की ऐसी हालत देख उसे पाला नहीं गया.

पुलिस ने बच्चा चाइल्ड लाइन को सौंपाः पुलिस फिलहाल बच्चे का इलाज करवाने के बाद पटना चाइल्ड लाइन को फोन कर बुलाई है. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस बच्चे के परिजनों को पुलिस खोज पाती है या नहीं. जिस तरह से परिजनों ने इस बच्चे को रोड किनारे फेंका है. उससे सबकी जुबां पर यही सवाल है कि कलयुग में भी ऐसे मां बाप हैं जो अपने लाल को बेहाल छोड़ देते हैं. दानापुर खगौल पुलिस ने लावारिस बच्चे को पीएचसी में स्थानीय लोगों की मदद से इलाज करवाकर चाइल्ड होम भेज दिया. अभी तक बच्चा की पहचान नहीं हो पाई है. पुलिस बच्चे की मां-बाप का पता करने में जुट गई है.


"मेन रोड से इस बच्चे को लाकर इधर अंदर रोड के किनारे घास पर लिटा दिया. हमलोग जब देखने गए तो देखा बच्चा लकवाग्रस्त है. इसके बाद बच्चे को रोटी और पानी दिये. हमलोग को नहीं पता कि कौन इसको यहां फेंक कर गया है"- अंजू कुमारी स्थानीय महिला

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