पटनाः पटना में 30 सितंबर को डीजल ऑटो (Disel Auto) के परिचालन की डेडलाइन समाप्त हो चुकी है. डीजल ऑटो के बदले CNG/Electrical Auto का परिचालन करना है. ऑटो चालक पिछले कई महीने से इस डेडलाइन को एक्सटेंड करने की मांग कर रहे थे. लेकिन बिहार सरकार (Bihar Government) ने अब तक समय सीमा नहीं बढ़ाई है.
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सीमा नहीं बढ़ाने से चालक असमंजस में हैं और सरकार के नए निर्देश का इंतजार कर रहे हैं. इससे पटना, दानापुर और फुलवारी शरीफ के ऑटो चालक परेशान हैं. बिहार राज्य ऑटो रिक्शा टेंपो चालक संघ के उपाध्यक्ष नवीन मिश्रा ने ईटीवी भारत को बताया कि परिवहन विभाग ने डेडलाइन नहीं बढ़ाया है. राजधानी में डीजल ऑटो के लिए सीएनजी किट उपलब्ध नहीं है. सिर्फ एक एजेंसी राजेंद्र नगर में हाल ही में आई है, लेकिन डीजल ऑटो की संख्या करीब 15,000 है. ऐसे में इसमें समय लगेगा. वहीं ऑटो चालक नवीन मिश्रा ने बताया कि सीएनजी ऑटो भरवाने में भी हमें लंबा इंतजार करना पड़ता है. इसलिए सरकार को समय सीमा बढ़ानी चाहिए.
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दरअसल सरकार ने पिछले वर्ष ही पटना में वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए डीजल ऑटो पर रोक लगाने का निर्णय लिया था. इस फैसले के तहत पटना नगर निगम, दानापुर और फुलवारीशरीफ नगर परिषद क्षेत्र में परिचालन 31 मार्च के बाद डीजल ऑटो परिचालन पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया था.
डीजल ऑटो चालकों को सरकार की ओर से निर्देश था कि या तो वे अपना ऑटो सीएनजी में कन्वर्ट कराएं या नये सीएनजी या इलेक्ट्रिक ऑटो खरीद करें. लेकिन पटना में डीजल ऑटो कनवर्टर किट उपलब्ध नहीं हो पाया. इस बीच कोरोना की वजह से सरकार ने समय सीमा बढ़ाकर 30 सितंबर तक किया था. इस दौरान बड़ी संख्या में ऑटो चालकों ने अपने वाहनों को सीएनजी में कन्वर्ट करा. इसके बाद भी करीबन 15 हजार से ज्यादा डीजल ऑटो पटना की सड़कों पर चल रहे हैं, जो सरकार से समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.