पटनाः बिहार में कुशेश्वरस्थान (kusheshwarsthan) और तारापुर (Tarapur) विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव (By-election) को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. ये अलग बात है कि चुनाव आयोग (Election Commission) ने इन दोनों सीटों पर उपचुनाव की तारीख घोषित नहीं की है, लेकिन जदयू (JDU) और राजद (RJD) ने इसपर अपनी-अपनी दावेदारी मजबूत करने की तैयारी में जुट गई है.
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एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों क्षेत्रों का दौरा करने रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव खुलकर दोनों सीटों को जीत लेने के लिए कार्यकर्ताओं को तैयारियों में जुट जाने का संदेश दिया है. इन सीटों पर जीत का दावा तो दोनो ही पार्टियां कर रही रही हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों का ट्रैक रिकॉर्ड देखते हुए इस बार भी जदयू के लिए जीत की राह आसान नहीं दिख रही है.
बता दें कि मुंगेर के तारापुर विधानसभा से मेवालाल चौधरी और कुशेश्वरस्थान से शशि भूषण हजारी के निधन के बाद से ये सीटें खाली हैं. अब जल्द ही इन सीटों पर चुनाव होना है. इन सीटों पर फिर से अपनी जीत दर्ज करने के लिए जदयू का खेमा काफी सक्रिय नजर आ रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हाल ही में कुशेश्वरस्थान का दौरा कर चुके हैं. गुरूवार को उन्होंने तारापुर का दौरा किया.
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इधर, तेजस्वी यादव ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को उपचुनाव की तैयारी में जुट जाने का निर्देश दिया है. तेजस्वी लगातार पार्टी के दफ्तर में और अपने आवास पर भी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं. उन्होंने इन सीटों पर अपनी जीत का दावा किया है. उन्होंने कहा कि इन दोनों सीटों पर जीत और हार का ज्यादा अंदर नहीं है. इसलिए इस बार महागठबंधन की जीत इन दोनों सीटों पर पक्की है.
"वर्तमान सरकार जनता के बीच अपना भरोसा खो चुकी है. महज 40 सीटों वाले नीतीश कुमार की पार्टी का इन दोनों सीटों पर चुनाव हारना तय है. जदयू के दावे में अब कोई दम नहीं रहा है. बिहार में जदयू की क्या स्थिति है यह हर कोई जानता है. वर्तमान सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है. इस बार हम दोनों सीटों पर जीत दर्ज करेंगे."- सारिका पासवान, राजद प्रवक्ता
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"नीतीश कुमार का काम ही उनकी पहचान है. मुख्यमंत्री पिछले कुछ समय से लगातार पूरे बिहार का दौरा कर रहे हैं. इसलिए उनके दौरे का चुनाव से कोई लेना देना नहीं है. नीतीश कुमार के काम पर ये सीटें फिर से जदयू के खाते में ही आएगी."- अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता
बिहार में कुछ पिछले कुछ सालों के ट्रैक रिकॉर्ड पर नजर डालने पर पता चलता है कि मुख्य चुनाव जिन सीटों पर एनडीए की दर्ज हुई, उन सीटों पर उपचुनाव में विपक्ष ने बाजी मार ली है. साल 2019 में नाथ नगर, सिमरी बख्तियारपुर, बेलहर, दरौंदा और किशनगंज सीट पर उपचुनाव हुए थे.
इनमें से 4 सीट जदयू के पास थी जबकि एक सीट कांग्रेस के पास थी. लेकिन उपचुनाव में जदयू 3 सीटों पर चुनाव हार गई थी और उसे महज एक सीट पर ही संतोष करना पड़ा था. इस उपचुनाव में राजद ने 2 सीटों पर बाजी मार ली थी. बाकी की एक कांग्रेस, 1 एआईएमआईएम और एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार की झोली में चली गई थी.
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इससे पहले साल 2018 में जहानाबाद और जोकीहाट विधानसभा और अररिया लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी राजद को ही जीत हासिल हुई थी. ऐसे में इस बार भी उपचुनाव में जदयू की 2 सीटों के लिए कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है.
बिहार में जदयू इस वक्त तीसरे नंबर की पार्टी है. उपचुनाव में अगर जदयू यह दोनों सीटें हार जाती है तो उसके लिए आगे की राह और भी मुश्किल हो सकती है. बिहार में चार पहियों पर चल रही एनडीए की सरकार शायद लड़खड़ा सकती है.
बिहार विधानसभा चुनाव-2020 में तारापुर विधानसभा सीट पर जदयू के मेवालाल चौधरी ने राष्ट्रीय जनता दल की दिव्या प्रकाश को 7225 वोटों से हराया था. वहीं, कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट पर जदयू के शशिभूषण हजारी ने कांग्रेस के अशोक कुमार को 7222 मतों से हराया था.