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पटना में रेल टिकट की कालाबाजारी धड़ल्ले से जारी, दलाली के खेल का खामियाजा भुगत रहे यात्री

पटना में रेल यात्रियों की भीड़ का सबसे ज्यादा फायदा टिकट दलाल उठाते हैं. टिकट दलाल अवैध सॉफ्टवेयर के जरिए टिकटों की बुकिंग कर लेते हैं और पटना में रेल टिकट की कालाबाजारी (Black Marketing of Train Tickets) करते हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

पटना में रेल टिकट की कालाबाजारी
पटना में रेल टिकट की कालाबाजारी
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Published : Dec 26, 2021, 6:41 PM IST

पटना: रेल यात्रियों की बढ़ती संख्या का फायदा टिकट दलाल हमेशा से उठाते रहते है. स्पेशल ट्रेनों में कंफर्म टिकट नहीं मिलने पर यात्री तत्काल की ओर ध्यान देते हैं, ताकि किसी तरह कन्फर्म टिकट मिल सकें. लेकिन, यहां भी रेलयात्रियों को राहत नहीं मिल रही है. तत्काल रेलवे टिकट का 50 फीसदी टिकट दलाल लेकर उड़ जा रहे हैं. पटना में रेल टिकट दलाल (Train Ticket Brokers in Patna) अवैध सॉफ्टवेयर के जरिए अधिकतर टिकट बुक कर लेते हैं. जो यात्री सुबह से स्टेशन पर टिकट के लिए लाइन में लगे रहते है, उनको निराशा हाथ लगती है.

ये भी पढ़ें- अब टिकट दलालों की खैर नहीं.. पूर्व मध्य रेल के स्टेशनों पर 20 नवंबर से 1 दिसंबर तक चलेगा अभियान

ईटीवी भारत की टीम ने रेल यात्रियों की बात की सत्यता को जानने के लिए पटना जंक्शन के मुख्य टिकट काउंटर के पास सुबह में पहुंचकर घंटों इंतजार कर वहां की पूरी गतिविधि को देखा. जो रेल यात्री 3 घंटे तक तत्काल टिकट के लिए कतार में लगे थे, उसमें से अधिकांश लोगों को टिकट नहीं मिल पाया. रेलयात्री रवि कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि वो तत्काल टिकट के लिए सबसे पहले नंबर में थे. लेकिन जैसे ही उनकी बारी आई तो अंदर से जवाब आया टिकट फुल हो गया है.

पटना में रेल टिकट की कालाबाजारी

''जब पहले नंबर में लगे यात्री को टिकट नहीं मिला तो और लोगों का क्या होगा. सभी लोग भली-भांति जानते हैं कि टिकट दलाली का खेल कैसे होता है. दलाली के ये खेल ऑनलाइन चलता है, इसके कई कारण भी हो सकते हैं.''- रवि कुमार, यात्री़

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''हमको सिक्किम जाना था और तत्काल टिकट लेने के लिए 2 घंटे से कतार में खड़े थे, लेकिन टिकट नहीं मिल पाया. दलाली इतनी बढ़ गई है कि रेलयात्री को टिकट नहीं मिल पा रहा है और परेशानी जस की तस बनी हुई है. ऐसे में यात्रा पर निकलते हैं तो फाइन दोगुना देना पड़ जाता है, आखिरकार रेलयात्री करें तो क्या करें.''- अनुज कुमार, यात्री

रेलवे प्रशासन के अनुसार टिकट दलालों का नेटवर्क फैला हुआ है, जिसके कारम समय समय पर धरपकड़ की जाती है. पटना जंक्शन पोस्ट आरपीएफ प्रभारी विनोद कुमार सिंह ने कहा कि टिकट दलालों की धरपकड़ के लिए वरीय अधिकारी के दिशा निर्देश अनुसार यह मुहिम लगातार जारी है.

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर हादसा: CM नीतीश ने जांच के लिए भेजी टीम, कहा- दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई

''ई टिकटिंग के माध्यम से टिकट काटने का काम करते हैं, उन पर नकेल कसने के लिए उपलब्ध डेटा के माध्यम से टीम मॉनिटरिंग करती है. टेक्निकली रूप से और मैनुअली रूप से टिकट दलालों के विरुद्ध कार्रवाई चल रही है. बीच-बीच में टिकट दलाली होते रहती है और उन पर भी लगाम कसने के लिए टीम बनाई गई है.''- विनोद कुमार सिंह, आरपीएफ इंस्पेक्टर, पटना जंक्शन

बता दें कि टिकटों की बुकिंग शुरू होते ही रेलवे के सिस्टम को हैक (Booking tickets through illegal software) कर लिया जाता है. रेलवे का टिकट काउंटर स्लो और दलाल फास्ट हो जाते हैं. टिकट दलाल इतने शातिर होते हैं कि टिकट बुक होने से पहले ही यात्री का नाम, उम्र और अन्य विवरण भरकर तैयार रहते हैं. रेलवे काउंटर पर जब तक एक टिकट बुक होता है तब तक दलाल 5 से ज्यादा टिकट बुक कर लेते हैं. उसके बाद पैसों का खेल शुरू होता है. जो रेल यात्री अधिक पैसा देगा उसको कन्फर्म टिकट मिलेगा. मजूबरी वश रेल यात्रियों को दोगुने दाम भी टिकट के लिए देना पड़ते हैं.

टिकट दलाल का नेटवर्क शहर में इस तरह से फैला हुआ है कि आईआरसीटीसी की इतनी व्यवस्था के बाद भी यह दलाल टिकट की हेराफेरी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. यहां तक कि आरपीएफ ने भी टिकट दलालों के विरुद्ध अभियान छेड़ रखी है. कई टिकट दलाल को धर दबोचा गया है. शहर में भी कई टिकट काउंटर के दुकानदारों को भी पकड़ा गया, जिसके पास से लाखों लाखों रुपए के टिकट बरामद हुए हैं. इसके बाद भी टिकट दलाली रुकने का नाम नहीं ले रही है.

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पटना: रेल यात्रियों की बढ़ती संख्या का फायदा टिकट दलाल हमेशा से उठाते रहते है. स्पेशल ट्रेनों में कंफर्म टिकट नहीं मिलने पर यात्री तत्काल की ओर ध्यान देते हैं, ताकि किसी तरह कन्फर्म टिकट मिल सकें. लेकिन, यहां भी रेलयात्रियों को राहत नहीं मिल रही है. तत्काल रेलवे टिकट का 50 फीसदी टिकट दलाल लेकर उड़ जा रहे हैं. पटना में रेल टिकट दलाल (Train Ticket Brokers in Patna) अवैध सॉफ्टवेयर के जरिए अधिकतर टिकट बुक कर लेते हैं. जो यात्री सुबह से स्टेशन पर टिकट के लिए लाइन में लगे रहते है, उनको निराशा हाथ लगती है.

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ईटीवी भारत की टीम ने रेल यात्रियों की बात की सत्यता को जानने के लिए पटना जंक्शन के मुख्य टिकट काउंटर के पास सुबह में पहुंचकर घंटों इंतजार कर वहां की पूरी गतिविधि को देखा. जो रेल यात्री 3 घंटे तक तत्काल टिकट के लिए कतार में लगे थे, उसमें से अधिकांश लोगों को टिकट नहीं मिल पाया. रेलयात्री रवि कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि वो तत्काल टिकट के लिए सबसे पहले नंबर में थे. लेकिन जैसे ही उनकी बारी आई तो अंदर से जवाब आया टिकट फुल हो गया है.

पटना में रेल टिकट की कालाबाजारी

''जब पहले नंबर में लगे यात्री को टिकट नहीं मिला तो और लोगों का क्या होगा. सभी लोग भली-भांति जानते हैं कि टिकट दलाली का खेल कैसे होता है. दलाली के ये खेल ऑनलाइन चलता है, इसके कई कारण भी हो सकते हैं.''- रवि कुमार, यात्री़

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''हमको सिक्किम जाना था और तत्काल टिकट लेने के लिए 2 घंटे से कतार में खड़े थे, लेकिन टिकट नहीं मिल पाया. दलाली इतनी बढ़ गई है कि रेलयात्री को टिकट नहीं मिल पा रहा है और परेशानी जस की तस बनी हुई है. ऐसे में यात्रा पर निकलते हैं तो फाइन दोगुना देना पड़ जाता है, आखिरकार रेलयात्री करें तो क्या करें.''- अनुज कुमार, यात्री

रेलवे प्रशासन के अनुसार टिकट दलालों का नेटवर्क फैला हुआ है, जिसके कारम समय समय पर धरपकड़ की जाती है. पटना जंक्शन पोस्ट आरपीएफ प्रभारी विनोद कुमार सिंह ने कहा कि टिकट दलालों की धरपकड़ के लिए वरीय अधिकारी के दिशा निर्देश अनुसार यह मुहिम लगातार जारी है.

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''ई टिकटिंग के माध्यम से टिकट काटने का काम करते हैं, उन पर नकेल कसने के लिए उपलब्ध डेटा के माध्यम से टीम मॉनिटरिंग करती है. टेक्निकली रूप से और मैनुअली रूप से टिकट दलालों के विरुद्ध कार्रवाई चल रही है. बीच-बीच में टिकट दलाली होते रहती है और उन पर भी लगाम कसने के लिए टीम बनाई गई है.''- विनोद कुमार सिंह, आरपीएफ इंस्पेक्टर, पटना जंक्शन

बता दें कि टिकटों की बुकिंग शुरू होते ही रेलवे के सिस्टम को हैक (Booking tickets through illegal software) कर लिया जाता है. रेलवे का टिकट काउंटर स्लो और दलाल फास्ट हो जाते हैं. टिकट दलाल इतने शातिर होते हैं कि टिकट बुक होने से पहले ही यात्री का नाम, उम्र और अन्य विवरण भरकर तैयार रहते हैं. रेलवे काउंटर पर जब तक एक टिकट बुक होता है तब तक दलाल 5 से ज्यादा टिकट बुक कर लेते हैं. उसके बाद पैसों का खेल शुरू होता है. जो रेल यात्री अधिक पैसा देगा उसको कन्फर्म टिकट मिलेगा. मजूबरी वश रेल यात्रियों को दोगुने दाम भी टिकट के लिए देना पड़ते हैं.

टिकट दलाल का नेटवर्क शहर में इस तरह से फैला हुआ है कि आईआरसीटीसी की इतनी व्यवस्था के बाद भी यह दलाल टिकट की हेराफेरी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. यहां तक कि आरपीएफ ने भी टिकट दलालों के विरुद्ध अभियान छेड़ रखी है. कई टिकट दलाल को धर दबोचा गया है. शहर में भी कई टिकट काउंटर के दुकानदारों को भी पकड़ा गया, जिसके पास से लाखों लाखों रुपए के टिकट बरामद हुए हैं. इसके बाद भी टिकट दलाली रुकने का नाम नहीं ले रही है.

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