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गोपालगंज और मोकामा उपचुनाव में कमल खिलाने की चुनौती, अनंत सिंह के गढ़ में BJP की अग्निपरीक्षा - ईटीवी बिहार न्यूज

अनंत सिंह के मोकामा में उपचुनाव होना है. साथ ही गोपालगंज सीट पर दिलचस्प लड़ाई होने वाली. महागठबंधन और बीजेपी दोनों तरफ से जोर आजमाइश हो रही है. बीजेपी के लिए यह उपचुनाव काफी अहम माना जा रहा है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Aug 30, 2022, 4:42 PM IST

पटना : बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से जेडीयू के निकल जाने के कारण बीजेपी विधानसभा में अकेले पड़ गई है. ऐसे में आने वाले समय में दो सीटों गोपालगंज और मोकामा में होने वाला उपचुनाव बीजेपी के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं (Byelection In Bihar) होगी. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार चल रही है, जिसे सात दलों का समर्थन प्राप्त है.

ये भी पढ़ें - 10 साल की सजा सुनाए जाने पर बिफरे अनंत सिंह, कहा- 'ये सरकार का आदमी है'

बनाया जा रहा जीत का समीकरण : बता दें कि गोपालगंज पर पिछली बार बीजेपी और मोकामा पर राजद को जीत मिली थी. गोपालगंज के विधायक सुभाष सिंह का निधन हो गया है, जबकि मोकामा के विधायक अनंत सिंह (Byelection In Mokama) एक मामले में सजायाफ्ता होने के बाद सदस्यता खो दी है. गोपालगंज बीजेपी की परंपरागत सीट रही है. उप चुनाव की अभी तिथि घोषित नहीं हुई है लेकिन दोनों गठबंधन अपनी जीत को लेकर समीकरण बनाने में जुटे हैं.

नई दिशा तय करेगा यह चुनाव : बीजेपी जहां गोपालगंज सीट बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करेगी वहीं महागठबंधन मोकामा सीट बचाते हुए गोपालगंज सीट जीतकर बीजेपी पर मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने की हर संभव कोशिश करेगी. ऐसे में यह उपचुनाव दिलचस्प होने वाला है और बिहार की राजनीति की दिशा भी तय करेगा. इसमें कोई शक नहीं कि जेडीयू के साथ गठबंधन करने के बाद राजद अभी मजबूत स्थिति में दिख रही है. हालांकि बीजेपी अपने गढ़ को इतनी आसानी से छोड़ देगा यह असंभव है.

मिथिलेश तिवारी का नाम आगे : इस सीट को बीजेपी के सुभाष सिंह लगातार चार बार से जीत रहे थे. पिछले चुनाव में राजद ने 2020 में इस सीट को कांग्रेस के लिए छोड़ दी थी, और बीजेपी यहां से जीत दर्ज की थी. माना जा रहा है कि बीजेपी ने अगर सुभाष के परिवार से किसी को टिकट दिया तो सहानुभूति लहर का लाभ मिल सकता है. वैसे, बीजेपी के मिथिलेश तिवारी को भी यहां से टिकट का दावेदार माना जा रहा है.

टिकट को लेकर रस्साकस्सी : महागठबंधन की ओर से कांग्रेस की दावेदारी प्रबल है, लेकिन सूत्रों का दावा है कि जेडीयू यहां से अपना प्रत्याशी उतार सकती है. देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस मामले पर कितना पीछे हटती है. इधर, विधायक अनंत सिंह के मोकामा प्रारंभ से ही आसान सीट रही है. अनंत सिंह यहां निर्दलीय, राजद और जेडीयू से चुनाव जीत चुके है. अनंत सिंह की पत्नी का उप चुनाव में राजद के टिकट पर चुनाव लड़ना तय है. बीजेपी मोकामा सीट से अपने उम्मीदवार उतारेगी या केंद्र में सहयोगी राष्ट्रीय लोजपा को टिकट देगी तय नहीं है.

पटना : बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से जेडीयू के निकल जाने के कारण बीजेपी विधानसभा में अकेले पड़ गई है. ऐसे में आने वाले समय में दो सीटों गोपालगंज और मोकामा में होने वाला उपचुनाव बीजेपी के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं (Byelection In Bihar) होगी. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार चल रही है, जिसे सात दलों का समर्थन प्राप्त है.

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बनाया जा रहा जीत का समीकरण : बता दें कि गोपालगंज पर पिछली बार बीजेपी और मोकामा पर राजद को जीत मिली थी. गोपालगंज के विधायक सुभाष सिंह का निधन हो गया है, जबकि मोकामा के विधायक अनंत सिंह (Byelection In Mokama) एक मामले में सजायाफ्ता होने के बाद सदस्यता खो दी है. गोपालगंज बीजेपी की परंपरागत सीट रही है. उप चुनाव की अभी तिथि घोषित नहीं हुई है लेकिन दोनों गठबंधन अपनी जीत को लेकर समीकरण बनाने में जुटे हैं.

नई दिशा तय करेगा यह चुनाव : बीजेपी जहां गोपालगंज सीट बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करेगी वहीं महागठबंधन मोकामा सीट बचाते हुए गोपालगंज सीट जीतकर बीजेपी पर मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने की हर संभव कोशिश करेगी. ऐसे में यह उपचुनाव दिलचस्प होने वाला है और बिहार की राजनीति की दिशा भी तय करेगा. इसमें कोई शक नहीं कि जेडीयू के साथ गठबंधन करने के बाद राजद अभी मजबूत स्थिति में दिख रही है. हालांकि बीजेपी अपने गढ़ को इतनी आसानी से छोड़ देगा यह असंभव है.

मिथिलेश तिवारी का नाम आगे : इस सीट को बीजेपी के सुभाष सिंह लगातार चार बार से जीत रहे थे. पिछले चुनाव में राजद ने 2020 में इस सीट को कांग्रेस के लिए छोड़ दी थी, और बीजेपी यहां से जीत दर्ज की थी. माना जा रहा है कि बीजेपी ने अगर सुभाष के परिवार से किसी को टिकट दिया तो सहानुभूति लहर का लाभ मिल सकता है. वैसे, बीजेपी के मिथिलेश तिवारी को भी यहां से टिकट का दावेदार माना जा रहा है.

टिकट को लेकर रस्साकस्सी : महागठबंधन की ओर से कांग्रेस की दावेदारी प्रबल है, लेकिन सूत्रों का दावा है कि जेडीयू यहां से अपना प्रत्याशी उतार सकती है. देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस मामले पर कितना पीछे हटती है. इधर, विधायक अनंत सिंह के मोकामा प्रारंभ से ही आसान सीट रही है. अनंत सिंह यहां निर्दलीय, राजद और जेडीयू से चुनाव जीत चुके है. अनंत सिंह की पत्नी का उप चुनाव में राजद के टिकट पर चुनाव लड़ना तय है. बीजेपी मोकामा सीट से अपने उम्मीदवार उतारेगी या केंद्र में सहयोगी राष्ट्रीय लोजपा को टिकट देगी तय नहीं है.

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