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CBI छापा लालू परिवार के अंतर्कलह का नतीजा- डॉक्टर राम सागर सिंह

रेलवे भर्ती घोटाला (Railway Recruitment Scam) मामले में लालू यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं. जमीन के बदले नौकरी देने के मामले को लेकर सीबीआई ने लालू परिवार पर शिकंजा कसा है जिसके बाद आरजेडी ने बीजेपी के इशारों पर सीबीआई रेड की बात कही जा रही है, जिसपर बीजेपी प्रवक्ता डॉक्टर राम सागर सिंह ने कहा के येलालू परिवार के अंतर्कलह का नजीता है. पढ़ें पूरी खबर...

बीजेपी प्रवक्ता डॉक्टर राम सागर सिंह
बीजेपी प्रवक्ता डॉक्टर राम सागर सिंह
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Published : May 20, 2022, 9:28 PM IST

पटना: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD Supremo Lalu Prasad Yadav) और राबड़ी देवी के 17 ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की है. सीबीआई ने रेलवे भर्ती घोटाला मामले में लालू परिवार पर शिकंजा कसा है. भाजपा ने सीबीआई रेड को लालू परिवार में अंतर्कलह का नतीजा करार दिया है. भाजपा प्रवक्ता डॉक्टर राम सागर सिंह ने लालू परिवार पर निशाना (BJP Targets Lalu family) साधते हुए कहा कि सीबीआई रेड लालू परिवार के सत्ता संघर्ष का नतीजा है.

ये भी पढ़ें- RJD समर्थकों ने सीबीआई के अफसरों को सड़क पर दौड़ाया, वाहन पर चलाये लात-मुक्के

'घर का भेदी लंका ढाहे. ये जो लालू-राबड़ी आवास सहित 17 ठिकानों पर छापे मारी हो रही है. ये लालू जी के परिवार और संगे संबंधियों के बीच सत्ता संघर्ष हो रहा है. ये उसी का परिणाम है. लालू परिवार में भारी विवाद है और सत्ता के संघर्ष का ही नतीजा है कि परिवार के किसी सदस्य ने सीबीआई को इनपुट दिया है और सीबीआई ने ठोस इनपुट के आधार पर कार्रवाई की है. राजद नेताओं को सीबीआई जैसी निष्पक्ष संस्था पर आरोप लगाने से बचना चाहिए.' - डॉक्टर राम सागर सिंह, भाजपा प्रवक्ता

लालू के 17 ठिकानों पर CBI का छापा: गौरतलब है कि लालू प्रसाद के पटना, दिल्ली और गोपालगंज समेत 17 परिसरों पर एक साथ छापेमारी की गई. बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर भी सीबीआई की टीम ने छापेमारी की. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि यह मामला लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर कथित रूप से रिश्वत लेने, जमीन और संपत्ति लेने के मामले (Land for Job Scam Case) से जुड़ा है. इसकी जांच के सिलसिले में छापेमारी की गई.

जमीन के बदले नौकरी देने का मामला: दरअसल जमीन के बदले नौकरी देने का मामला साल 2017 में उठा था जिस वक्त राजद और जदयू की सरकार बिहार में बनी थी. बीजेपी प्रतिपक्ष की भूमिका में थी. उस समय पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मीडिया के माध्यम से कई ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत किए थे जिसमें नौकरी के बदले जमीन लेने का साक्ष्य मिला था. आरजेडी नेताओं की मानें तो इन दिनों नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच बढ़ रही नजदीकियों को देखते हुए एक बार फिर से बीजेपी के द्वारा जानबूझकर सीबीआई के माध्यम से कार्रवाई करवाई जा रही है.

ये भी पढ़ें- 'तोते हैं, तोतों का क्या' RJD ने CBI को घेरा, तो सुशील मोदी बोले- जल्द ही खुलासा होगा

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पटना: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD Supremo Lalu Prasad Yadav) और राबड़ी देवी के 17 ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की है. सीबीआई ने रेलवे भर्ती घोटाला मामले में लालू परिवार पर शिकंजा कसा है. भाजपा ने सीबीआई रेड को लालू परिवार में अंतर्कलह का नतीजा करार दिया है. भाजपा प्रवक्ता डॉक्टर राम सागर सिंह ने लालू परिवार पर निशाना (BJP Targets Lalu family) साधते हुए कहा कि सीबीआई रेड लालू परिवार के सत्ता संघर्ष का नतीजा है.

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'घर का भेदी लंका ढाहे. ये जो लालू-राबड़ी आवास सहित 17 ठिकानों पर छापे मारी हो रही है. ये लालू जी के परिवार और संगे संबंधियों के बीच सत्ता संघर्ष हो रहा है. ये उसी का परिणाम है. लालू परिवार में भारी विवाद है और सत्ता के संघर्ष का ही नतीजा है कि परिवार के किसी सदस्य ने सीबीआई को इनपुट दिया है और सीबीआई ने ठोस इनपुट के आधार पर कार्रवाई की है. राजद नेताओं को सीबीआई जैसी निष्पक्ष संस्था पर आरोप लगाने से बचना चाहिए.' - डॉक्टर राम सागर सिंह, भाजपा प्रवक्ता

लालू के 17 ठिकानों पर CBI का छापा: गौरतलब है कि लालू प्रसाद के पटना, दिल्ली और गोपालगंज समेत 17 परिसरों पर एक साथ छापेमारी की गई. बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर भी सीबीआई की टीम ने छापेमारी की. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि यह मामला लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर कथित रूप से रिश्वत लेने, जमीन और संपत्ति लेने के मामले (Land for Job Scam Case) से जुड़ा है. इसकी जांच के सिलसिले में छापेमारी की गई.

जमीन के बदले नौकरी देने का मामला: दरअसल जमीन के बदले नौकरी देने का मामला साल 2017 में उठा था जिस वक्त राजद और जदयू की सरकार बिहार में बनी थी. बीजेपी प्रतिपक्ष की भूमिका में थी. उस समय पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मीडिया के माध्यम से कई ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत किए थे जिसमें नौकरी के बदले जमीन लेने का साक्ष्य मिला था. आरजेडी नेताओं की मानें तो इन दिनों नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच बढ़ रही नजदीकियों को देखते हुए एक बार फिर से बीजेपी के द्वारा जानबूझकर सीबीआई के माध्यम से कार्रवाई करवाई जा रही है.

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