पटना: आरजेडी की इफ्तार पार्टी (RJD iftar party) के बाद एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मुलाकात हुई है. मुख्यमंत्री खुद तेजस्वी यादव को उनकी गाड़ी तक छोड़ने आये थे. भले ही यह शिष्टाचार के नाते हो लेकिन राजनीतिक गलियारों में बिहार की सियासत को लेकर चर्चा तेज हो गयी है. बिहार में नये सियासी समीकरण और सूबे में सत्ता परिवर्तन तक कि अटकलें लगायी जा रही है. इसी बीच बीजेपी ने दोनों नेताओं के बीच मुलाकातों (BJP on Nitish Tejashwi meetings) को महत्व नहीं देते हुए दावा किया है कि इसका कोई असर नहीं होने वाला. इसके साथ ही बीजेपी कहना है कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD supremo Lalu Prasad Yadav) अब स्वास्थ्य लाभ करें. राम नाम का भजन करें. इसके अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं हैं. समय के अनुसार लोग काम करते हैं.
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आरजेडी की सत्ता में वापसी संभव नहीं: बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा कि तेजस्वी यादव और लालू यादव जरूर यह चाह रहे हैं कि वे किसी तरह बिहार की सत्ता में आ जाएं लेकिन ऐसा अभी संभव नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डिप्टी सीएम रहते तेजस्वी से जो सवाल किए थे, आज तक राजद ने उसका जवाब नहीं दिया है. उनके पास इसका जवाब ही नहीं है तो कैसे मुख्यमंत्री उनकों साथ ले सकते हैं. सीएम नीतीश कुमार नहीं चाहेंगे कि बिहार में जंगलराज की (Jungle Raj in bihar) वापसी हो.
उम्र के अंतिम पड़ाव पर लालू यादव: विनोद शर्मा से जब पूछा गया कि लालू प्रसाद यादव भी पटना आ रहे हैं, क्या ऐसे में बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल होगी. उन्होने कहा कि लालू यादव अब उम्र के अंतिम पड़ाव पर हैं. बिहार की राजनीति में अब उनका जादू नहीं चल सकता है, वे अब थक चुके हैं. इसीलिए हमलोग उन्हें सलाह देना चाहेंगे कि अब वे राजनीति में नहीं पड़े बल्कि राम-राम करें. अपने को आगे के लिए तैयार करें. उसी में उनका कल्याण होगा.
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