पटना: बिहार में जातिगत जनगणना (Caste Census in Bihar) और स्पेशल स्टेटस को लेकर जहां राजनीतिक संग्राम छिड़ा है. वहीं, आरजेडी नेता खेला होने का दावा कर रहे हैं. बीजेपी ने आरजेडी के दावों को सिरे से खारिज कर दिया है. पार्टी की ओर से कहा गया है कि आरजेडी में ही बवंडर होने वाला है. जातिगत जनगणना के मसले पर आरजेडी ने आर-पार की लड़ाई छेड़ दी है. आरजेडी नेताओं ने नीतीश कुमार को ऑफर भी दे दिया है. आरजेडी नेता लगातार ये दावा कर रहे हैं कि बिहार की राजनीति में खेला होगा. आरजेडी के दावों पर बीजेपी ने पलटवार किया है.
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इन दिनों आरजेडी और जेडीयू नेताओं का मेलजोल बढ़ गया है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की थी. उसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि बिहार में राजनीतिक उलटफेर होगा. जिस पर बीजेपी ने आरजेडी पर हमला (BJP attack on RJD) किया है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा है कि ''आरजेडी नेता दिवास्वप्न देख रहे हैं. बिहार में कोई खेला नहीं होने वाला है. खेला तो आरजेडी में होगा. दोनों भाइयों में संग्राम छिड़ा हुआ है और बड़े भाई ने विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवार खड़े करने की घोषणा कर दी है. आरजेडी नेता बिहार में जातीय उन्माद फैलाना चाहते हैं, हालांकि वो अपने मंसूबों में कामयाब होने वाले नहीं हैं.''
आपको बता दें कि 243 सीट वाली बिहार विधानसभा में एनडीए के पास 126 विधायकों का समर्थन है. जबकि महागठबंधन खेमे को 115 विधायकों का समर्थन हासिल है. राजद के पास 75 विधायक हैं तो बीजेपी कोटे में विधायकों की संख्या 74 है. जेडीयू के 45 विधायक हैं. आरजेडी और जेडीयू एक साथ हो लेते हैं तो ये बहुमत का आंकड़ा छू लेंगे. दोनों दलों के विधायकों की संख्या 120 हो जाती है. वाम दल और कांग्रेस विधायकों को जोड़ देंगे तो आंकड़ा बहुमत से बहुत ज्यादा हो जाएगा.
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