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RJD ने की शराबबंदी पर पुनर्विचार की मांग, BJP ने पूछा- सदन में मेज थपथपाने वालों को अब प्राप्त हुआ ज्ञान?

बिहार में शराबबंदी कानून (RJD on Liquor Ban) को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आरोप प्रत्यारोप करते नजर आए. राजद (RJD) ने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Ban Law in Bihar) पर पुनर्विचार होना चाहिए. वहीं, बीजेपी (BJP) ने पलटवार करते हुए कहा कि सदन में मेज थपथपाने वाले आज क्या-क्या बोल रहे हैं, उनको खुद नहीं पता है.

बिहार में शराबबंदी कानून
बिहार में शराबबंदी कानून
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Published : Nov 29, 2021, 4:42 PM IST

पटना: बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र (Winter Session of Bihar Legislature) सोमवार से शुरू हो गया है. सत्र शुरू होने के पहले दिन ही बिहार में शराबबंदी पर विपक्ष आक्रामक दिखाई दिया. शराबबंदी पर विधायक भाई वीरेंद्र (Bhai Virendra) ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) ने जिस तरह से बिहार में शराबबंदी कानून को लागू करने की बात कही थी, उस तरह ये यह लागू नहीं किया गया है.

ये भी पढ़ें- विधानमंडल का शीतकालीन सत्र: भाकपा माले के सदस्यों ने शराबबंदी को लेकर किया हंगामा

''हम लोग शुरू से ये बात कह रहे हैं कि हमारे नेता लालू यादव (Lalu Yadav) ने भी कहा था कि बहुत सोच विचार कर शराबबंदी कानून बनना चाहिए था, लेकिन नीतीश कुमार ने ऐसा नहीं किया है. हम चाहते हैं कि इस कानून पर पुनर्विचार हो. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के इर्द गिर्द बैठने वाले लोग शराब माफिया का साथ दे रहे हैं, उस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.''- भाई वीरेंद्र, राजद विधायक

देखें वीडियो

वहीं, राजद विधायक भाई वीरेंद्र के बयान पर बीजेपी विधान पार्षद संजय मयूख (Sanjay Mayukh) ने भी पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि जिस समय वो मेज थपथपा रहे थे, उस समय तो ये कानून अच्छा लग रहा था, आज शराबबंदी कानून खराब हो गया है. इन लोगों का क्या विचार है, खुल कर बताएं.

ये भी पढ़ें- शराबबंदी और पुलिस एक्शन : पटनावासियों की राय सुनकर सरकार हो जाएगी परेशान

''आम जनता शराबबंदी कानून से खुश है, लेकिन विपक्ष के पेट में दर्द हो रहा है. लगता है कि शराब के व्यवसाय करने वाले इनके करीबी थे, लेकिन सरकार ने ठाना है कि पूर्व शराबबंदी को लेकर जो कार्रवाई है वो होते रहेगी, क्योंकि ये समाज सुधार के लिए है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी समीक्षा भी की है और ये पूरी कड़ाई से लागू होगा''- संजय मयूख, बीजेपी विधान पार्षद

बता दें कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने महिलाओं से शराबबंदी का वादा किया था. इसका एक उद्देश्य घरेलू हिंसा को रोकना था. चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपना वादा निभाया. एक अप्रैल 2016 बिहार निषेध एवं आबकारी अधिनियम के तहत बिहार में शराबबंदी लागू कर दी गई. तब से सरकार के दावे के बावजूद शराब की तस्करी और बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. इसका प्रमाण शराब की बरामदगी और इस धंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी है. वहीं, सीएम नीतीश की समीक्षा बैठक के बाद से शराबबंदी कानून सख्ती से लागू करने को लेकर पुलिस मुस्तैद नजर आ रही है.

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पटना: बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र (Winter Session of Bihar Legislature) सोमवार से शुरू हो गया है. सत्र शुरू होने के पहले दिन ही बिहार में शराबबंदी पर विपक्ष आक्रामक दिखाई दिया. शराबबंदी पर विधायक भाई वीरेंद्र (Bhai Virendra) ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) ने जिस तरह से बिहार में शराबबंदी कानून को लागू करने की बात कही थी, उस तरह ये यह लागू नहीं किया गया है.

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''हम लोग शुरू से ये बात कह रहे हैं कि हमारे नेता लालू यादव (Lalu Yadav) ने भी कहा था कि बहुत सोच विचार कर शराबबंदी कानून बनना चाहिए था, लेकिन नीतीश कुमार ने ऐसा नहीं किया है. हम चाहते हैं कि इस कानून पर पुनर्विचार हो. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के इर्द गिर्द बैठने वाले लोग शराब माफिया का साथ दे रहे हैं, उस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.''- भाई वीरेंद्र, राजद विधायक

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वहीं, राजद विधायक भाई वीरेंद्र के बयान पर बीजेपी विधान पार्षद संजय मयूख (Sanjay Mayukh) ने भी पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि जिस समय वो मेज थपथपा रहे थे, उस समय तो ये कानून अच्छा लग रहा था, आज शराबबंदी कानून खराब हो गया है. इन लोगों का क्या विचार है, खुल कर बताएं.

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''आम जनता शराबबंदी कानून से खुश है, लेकिन विपक्ष के पेट में दर्द हो रहा है. लगता है कि शराब के व्यवसाय करने वाले इनके करीबी थे, लेकिन सरकार ने ठाना है कि पूर्व शराबबंदी को लेकर जो कार्रवाई है वो होते रहेगी, क्योंकि ये समाज सुधार के लिए है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी समीक्षा भी की है और ये पूरी कड़ाई से लागू होगा''- संजय मयूख, बीजेपी विधान पार्षद

बता दें कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने महिलाओं से शराबबंदी का वादा किया था. इसका एक उद्देश्य घरेलू हिंसा को रोकना था. चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपना वादा निभाया. एक अप्रैल 2016 बिहार निषेध एवं आबकारी अधिनियम के तहत बिहार में शराबबंदी लागू कर दी गई. तब से सरकार के दावे के बावजूद शराब की तस्करी और बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. इसका प्रमाण शराब की बरामदगी और इस धंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी है. वहीं, सीएम नीतीश की समीक्षा बैठक के बाद से शराबबंदी कानून सख्ती से लागू करने को लेकर पुलिस मुस्तैद नजर आ रही है.

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