पटना: बिहार में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्व वाली पार्टी जदयू ने बिहार में महागठबंधन को मजबूती देने का फैसला लिया है और सीएम नीतीश कुमार बिहार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए तैयार हैं. भाजपा और जदयू के बीच गठबंधन टूटने की घटना के बाद से पार्टी नेता और कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए है. एक और जहां नीतीश कुमार को धोखेबाज, पलटू राम, गिरगिट कुमार और कई उपाधियों से विभूषित किया जाने लगा है. वहीं भाजपा नीतीश कुमार को लेकर खास रणनीति पर काम कर रही है. एक और जहां नीतीश कुमार के पुराने वीडियो सोशल मीडिया पर डाले जा रहे हैं तो दूसरी तरफ बिहार में उनकी नाकामियों को भी उजागर किया जा रहा है.
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JDU और बीजेपी नेताओं में जुबानी जंग तेज : जदयू नेता और कार्यकर्ता भी सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए है. जदयू नेता पीएम मोदी को सीधे-सीधे निशाना बनाने लगे हैं. नीतीश कुमार को सोशल मीडिया पर पीएम मैटेरियल बताया जा रहा है और बकायदा फेसबुक पेज भी बनाया गया हैं. नए-नए नारों से लोगों को आकर्षित करने की कोशिश की जा रही है. सोशल मीडिया पर नए-नए नारे दिख रहे हैं. जैसे- प्रदेश में दिखा, देश में भी दिखेगा. जुमला नहीं हकीकत और 70 साल की कमाई 8 साल में उड़ाई जैसे स्लोगन से भाजपा को ट्रोल कराया जा रहा है.
''हमारी लड़ाई किसी से नहीं है. हम नीति और सिद्धांतों की राजनीति करते हैं. हमारे कार्यकर्ता प्रखंड स्तर से लेकर राज्य स्तर पर सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं. सोशल मीडिया के जरिए हम अपनी बात आम लोगों तक ले जा रहे हैं. हमारी लड़ाई किसी दल से नहीं है." - अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता
"हम राष्ट्रीय स्तर की पार्टी है और आज की परिस्थितियों में हमें कोई चुनौती देने वाला नहीं है. लेकिन जदयू को लगता है कि सोशल मीडिया और पोस्टरों के जरिए वो हमें चुनौती दे सकते हैं, तो हकीकत का पता उन्हें चल जाएगा. महागठबंधन में नीतीश कुमार कितने सीटों पर लड़ेंगे और कितने जीत पाएंगे, ये आंकलन कर लें तो उन्हें अपनी ताकत का अंदाजा हो जाएगा." - संजय टाइगर, भाजपा प्रवक्ता