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घर में रहें सुरक्षित: बिहार के इन 5 जिलों में गिरने वाला है ठनका

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Published : Aug 7, 2021, 5:26 PM IST

बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग और मौसम विभाग ने 5 जिलों के लिए येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया है. इस दौरान इन जिलों में गरज और वज्रपात (Thunderclap) के साथ बारिश की प्रबल संभावना जतायी गयी है.

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पटना: बिहार में मानसून (Monsoon in Bihar) अभी भी पूरी तरह से सक्रिय है. मौलम में भी बदलाव हो रहा है. इन बदलावों पर मौसम विभाग (Meteorological Department) भी नजर बनाए हुए है. मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश के 5 जिलों में मध्यम दर्जे की मेघ गर्जन तथा वज्रपात के साथ हल्की से मध्यम वर्षा की प्रबल संभावना है.

मौसम विभाग ने बक्सर, रोहतास, औरंगाबाद, नालंदा तथा नवादा जिले के कुछ भागों के लिए येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया है. इधर, आपदा प्रबंधन विभाग ने भी भारी वज्रपात को लेकर चेतावनी जारी की है. औरंगाबाद, रोहतास तथा गया जिले के सभी प्रखंडों के लिए अलर्ट जारी किया है.

मौसम विभाग (Meteorological Department) के अनुसार पूरे बिहार में इसका असर देखने को मिलेगा. साथ ही लोगों से अपील की जा रही है कि जब बारिश हो या बिजली की गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई दे तो लोग पक्के मकान में शरण लें और पूरी सावधानी बरतें. खुले मैदान, नदियां, जलजमाव वाले क्षेत्र, आम और लीची के बागान जैसी जगहों पर बिजली गिरने की संभावनाएं अधिक है.

ब्लू अलर्ट (Blue Alert): जिन इलाकों में बारिश की संभावना होती है उसके लिए मौसम विभाग ब्लू अलर्ट जारी करता है. इस दौरान जिले के कई इलाकों में गरज के साथ बारिश के आसार की चेतावनी होती है.

येलो अलर्ट (Yellow Alert): भारी बारिश, तूफान, बाढ़ या ऐसी प्राकृतिक आपदा से पहले लोगों को सचेत करने के लिए मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है. इस चेतावनी का मतलब है कि 7.5 से 15 मिमी की भारी बारिश होने की संभावना है. अलर्ट जारी होने के कुछ घंटों तक बारिश जारी रहने की संभावना रहती है. बाढ़ आने की आशंका भी रहती है.

ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert): चक्रवात के कारण मौसम के बहुत अधिक खराब होने की आशंका होती है जो कि सड़क और वायु परिवहन को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ जान और माल की क्षति भी कर सकता है. ऐसे में ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है. जैसे-जैसे मौसम और खराब होता है, येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज कर दिया जाता है. ऑरेंज अलर्ट में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जाती है.

रेड अलर्ट (Red Alert): जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने का खतरा रहता है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है. जब भी कोई चक्रवात अधिक तीव्रता के साथ आता है तो मौसम विभाग की ओर से तूफान की रेंज में पड़ने वाले इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया जाता है. ऐसे में प्रशासन से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा जाता है.

ग्रीन अलर्ट (Green Alert): कई बार विभाग मौसमी बदलावों की संभावना पर ग्रीन अलर्ट की घोषणा करता है. हालांकि, बारिश तो होगी लेकिन वह सामान्य स्थिति रहेगी. यानी संबंधित जगह पर कोई खतरा नहीं है.

पटना: बिहार में मानसून (Monsoon in Bihar) अभी भी पूरी तरह से सक्रिय है. मौलम में भी बदलाव हो रहा है. इन बदलावों पर मौसम विभाग (Meteorological Department) भी नजर बनाए हुए है. मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश के 5 जिलों में मध्यम दर्जे की मेघ गर्जन तथा वज्रपात के साथ हल्की से मध्यम वर्षा की प्रबल संभावना है.

मौसम विभाग ने बक्सर, रोहतास, औरंगाबाद, नालंदा तथा नवादा जिले के कुछ भागों के लिए येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया है. इधर, आपदा प्रबंधन विभाग ने भी भारी वज्रपात को लेकर चेतावनी जारी की है. औरंगाबाद, रोहतास तथा गया जिले के सभी प्रखंडों के लिए अलर्ट जारी किया है.

मौसम विभाग (Meteorological Department) के अनुसार पूरे बिहार में इसका असर देखने को मिलेगा. साथ ही लोगों से अपील की जा रही है कि जब बारिश हो या बिजली की गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई दे तो लोग पक्के मकान में शरण लें और पूरी सावधानी बरतें. खुले मैदान, नदियां, जलजमाव वाले क्षेत्र, आम और लीची के बागान जैसी जगहों पर बिजली गिरने की संभावनाएं अधिक है.

ब्लू अलर्ट (Blue Alert): जिन इलाकों में बारिश की संभावना होती है उसके लिए मौसम विभाग ब्लू अलर्ट जारी करता है. इस दौरान जिले के कई इलाकों में गरज के साथ बारिश के आसार की चेतावनी होती है.

येलो अलर्ट (Yellow Alert): भारी बारिश, तूफान, बाढ़ या ऐसी प्राकृतिक आपदा से पहले लोगों को सचेत करने के लिए मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है. इस चेतावनी का मतलब है कि 7.5 से 15 मिमी की भारी बारिश होने की संभावना है. अलर्ट जारी होने के कुछ घंटों तक बारिश जारी रहने की संभावना रहती है. बाढ़ आने की आशंका भी रहती है.

ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert): चक्रवात के कारण मौसम के बहुत अधिक खराब होने की आशंका होती है जो कि सड़क और वायु परिवहन को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ जान और माल की क्षति भी कर सकता है. ऐसे में ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है. जैसे-जैसे मौसम और खराब होता है, येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज कर दिया जाता है. ऑरेंज अलर्ट में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जाती है.

रेड अलर्ट (Red Alert): जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने का खतरा रहता है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है. जब भी कोई चक्रवात अधिक तीव्रता के साथ आता है तो मौसम विभाग की ओर से तूफान की रेंज में पड़ने वाले इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया जाता है. ऐसे में प्रशासन से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा जाता है.

ग्रीन अलर्ट (Green Alert): कई बार विभाग मौसमी बदलावों की संभावना पर ग्रीन अलर्ट की घोषणा करता है. हालांकि, बारिश तो होगी लेकिन वह सामान्य स्थिति रहेगी. यानी संबंधित जगह पर कोई खतरा नहीं है.

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