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'.. अगर मैट्रिक और इंटर की परीक्षा समय पर हो सकती है तो शिक्षक नियुक्ति क्यों नहीं?'

प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया ( Bihar Teacher Niyojan ) पर एक बार फिर ब्रेक लगने के आसार बढ़ गए हैं. शिक्षा विभाग ने पहले ही इसका संकेत दे दिया है और ऐसे में 17 जनवरी से शुरू होने वाली थर्ड राउंड की काउंसलिंग भी प्रभावित हो सकती है. पढ़ें पूरी खबर...

Bihar Teacher Niyojan
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Published : Jan 12, 2022, 12:37 PM IST

पटना: क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ( Crisis Management Group ) ने अगर कड़े प्रतिबंध लगाए तो जाहिर तौर पर इसका सीधा असर बहाली प्रक्रिया पर पड़ेगा. अगर काउंसलिंग स्थगित हुई तो 25 फरवरी को नियुक्ति पत्र देने की तारीख भी आगे बढ़ जाएगी. शिक्षा विभाग ( Bihar Education Department ) से मिली जानकारी के मुताबिक, सचिवालय में कई बड़े अधिकारी कोविड पॉजिटिव हैं. यही स्थिति कई जिलों में जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय और नियोजन से संबंधित स्कूलों की भी है, जिसकी वजह से ना सिर्फ काउंसलिंग की प्रक्रिया बल्कि सर्टिफिकेट जांच की प्रक्रिया भी प्रभावित हुई है.

ये भी पढ़ें- कोरोना इफेक्ट: बिहार में स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान तत्काल प्रभाव से बंद

इन सबके बीच क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप राज्य में तेजी से फैल रहे संक्रमण ( Bihar Corona Update ) को देखते हुए कड़े प्रतिबंध लगाने की तैयारी में भी है और अगर प्रतिबंध कड़े लागू हुए तो काउंसलिंग की प्रक्रिया पर भी ब्रेक लगने के आसार हैं. बता दें कि माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 32,714 पद जबकि प्राथमिक और मध्य विद्यालय शिक्षकों के 90,762 पदों पर बहाली की प्रक्रिया चल रही है. माध्यमिक, उच्च माध्यमिक शिक्षकों के छठे चरण के वर्तमान शेड्यूल के मुताबिक उन्हें 17 और 18 फरवरी को नियुक्ति पत्र देना है. जबकि प्राथमिक और मध्य विद्यालय के शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने की तारीख 25 फरवरी तय की गई है, लेकिन यह तभी संभव होगा जब इन दोनों की काउंसलिंग समय पर हो.

ये भी पढ़ें- बहुत सतर्क रहने की जरूरत! बिहार में कोरोना से 2 दिनों में 12 मौत.. कहीं दूसरी लहर जैसी स्थिति ना बन जाए

इन सबके बीच शिक्षक अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि अगर बिहार में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा समय पर ली जा सकती है तो फिर नियुक्ति को क्यों टालने की बात कही जा रही है. मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में जितने अभ्यर्थी शामिल होंगे, उनसे कम लोग ही नियुक्ति की प्रक्रिया में शामिल होंगे. शिक्षक अभ्यर्थी पप्पू कुमार ने बताया कि कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए सरकार समय पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर सकती है. वर्ष 2019 में छठे चरण के शिक्षक नियोजन के तहत करीब एक लाख 25 हजार शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया शुरू हुई थी. 3 साल बाद भी इस बहाली प्रक्रिया पर लगा ग्रहण हटता नजर नहीं आ रहा.

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पटना: क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ( Crisis Management Group ) ने अगर कड़े प्रतिबंध लगाए तो जाहिर तौर पर इसका सीधा असर बहाली प्रक्रिया पर पड़ेगा. अगर काउंसलिंग स्थगित हुई तो 25 फरवरी को नियुक्ति पत्र देने की तारीख भी आगे बढ़ जाएगी. शिक्षा विभाग ( Bihar Education Department ) से मिली जानकारी के मुताबिक, सचिवालय में कई बड़े अधिकारी कोविड पॉजिटिव हैं. यही स्थिति कई जिलों में जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय और नियोजन से संबंधित स्कूलों की भी है, जिसकी वजह से ना सिर्फ काउंसलिंग की प्रक्रिया बल्कि सर्टिफिकेट जांच की प्रक्रिया भी प्रभावित हुई है.

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इन सबके बीच क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप राज्य में तेजी से फैल रहे संक्रमण ( Bihar Corona Update ) को देखते हुए कड़े प्रतिबंध लगाने की तैयारी में भी है और अगर प्रतिबंध कड़े लागू हुए तो काउंसलिंग की प्रक्रिया पर भी ब्रेक लगने के आसार हैं. बता दें कि माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 32,714 पद जबकि प्राथमिक और मध्य विद्यालय शिक्षकों के 90,762 पदों पर बहाली की प्रक्रिया चल रही है. माध्यमिक, उच्च माध्यमिक शिक्षकों के छठे चरण के वर्तमान शेड्यूल के मुताबिक उन्हें 17 और 18 फरवरी को नियुक्ति पत्र देना है. जबकि प्राथमिक और मध्य विद्यालय के शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने की तारीख 25 फरवरी तय की गई है, लेकिन यह तभी संभव होगा जब इन दोनों की काउंसलिंग समय पर हो.

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इन सबके बीच शिक्षक अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि अगर बिहार में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा समय पर ली जा सकती है तो फिर नियुक्ति को क्यों टालने की बात कही जा रही है. मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में जितने अभ्यर्थी शामिल होंगे, उनसे कम लोग ही नियुक्ति की प्रक्रिया में शामिल होंगे. शिक्षक अभ्यर्थी पप्पू कुमार ने बताया कि कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए सरकार समय पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर सकती है. वर्ष 2019 में छठे चरण के शिक्षक नियोजन के तहत करीब एक लाख 25 हजार शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया शुरू हुई थी. 3 साल बाद भी इस बहाली प्रक्रिया पर लगा ग्रहण हटता नजर नहीं आ रहा.

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