पटना: सहरसा के डीआईजी शिवदीप लांडे (Saharsa DIG Shivdeep Lande) अपने करियर के शुरुआती दौर से अपने कार्यों के चलते खासे चर्चित हैं. अब उनका एक फेसबुक पोस्ट पेशेवरों जिम्मेदारियों के साथ ही पारिवारिक दायित्वों को प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. इससे स्पष्ट होता होता है कि वर्दी को पहनने के बाद अक्सर नाते-रिश्ते और पारिवारिक जिम्मेदारियों का त्यागना पड़ता है. आईपीएस अफसर शिवदीप लांडे कुछ ऐसे ही अनुभवों से गुजर रहे हैं. खाकी का फर्ज निभाने के लिए वे अपनी बिटिया की खुशियों में शामिल नहीं हो पाये और उसके लिए उन्हें 'सॉरी' कहना पड़ा.
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सहरसा के डीआईजी शिवदीप लांडे की नन्हीं बेटी अरहा का 10 अप्रैल को जन्मदिन (IPS Shivdeep Lande Daughter Birthday) था. उनका परिवार मुंबई में रहता है. उनकी पत्नी पेशे से डॉक्टर हैं. बेटी अरहा वहीं स्कूल में पढ़ती है. बेटी के बर्थडे के लिए के वे मुंबई जाना चाहते थे. सूत्रों के मुताबिक शिवदीप लांडे ने छुट्टी के लिए बिहार पुलिस मुख्यालय में अर्जी भी दी थी लेकिन 10 अप्रैल को रामनवमी के त्योहार को देखते हुए उनकी छुट्टी मंजूर नहीं हुई. इस वजह से वे अपनी बेटी का बर्थडे सेलिब्रेट करने मुंबई नहीं पहुंच सके. इसके बाद उन्होंने एक पिता के तौर पर फेसबुक पोस्ट (IPS Shivdeep Lande Wrote Emotional Post) लिखकर बेटी अरहा से माफी मांगी है.
अपने फेसबुक पोस्ट में शिवदीप लांडे ने नन्हीं अरहा को अपने कंधे पर बिठाए एक तस्वीर लगा रखी है. उन्होंने लिखा है, 'अरहा, मुझे माफ करना कि यहां छुट्टी न मिलने पाने की वजह से मैं आपके बर्थडे पर आज मुंबई में आपके पास नहीं हो सकता हूं. मैंने सर्वदा खाकी के फर्ज को सर्वोपरि माना है परंतु शायद मैं यह भूल गया था कि खाकी में कोई पिता नहीं होता..'. शिवदीप लांडे ने फेसबुक पोस्ट पर काफी संख्या में यूजर्स अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
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शिवदीप के नाम से कांपते हैं अपराधी: शिवदीप वामन राव लांडे का नाम बिहार के लिए नया नहीं हैं. बिहार कैडर के 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे यहां अपनी तैनाती के दौरान हमेशा चर्चाओं में रहे हैं. आईपीएस के तौर पर मुंगेर जिले से अपने करियर की शुरूआत करने वाले इस अधिकारी के नााम से अपराधी कांपते हैं. कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी व मानवता के लिए किये गये उनके काम भी लोगों को याद है. राजधानी पटना में करीब दस महीने के अपने कार्यकाल में नकली उत्पाद विक्रेताओं सहित बड़े-बड़े दवा-माफियाओं और जाली नोट के कारोबारियों के खिलाफ मुहिम चलाया था.
लहरियाकट बाइकर्स के खिलाफ विशेष अभियान: वे एसटीएफ के अलावा पटना के सिटी एसपी, रोहतास और अररिया में एसपी के पद पर योगदान दे चुके हैं. वे सबसे पहले मुंगेर के एसपी बने थे. उसके बाद पटना में सिटी एसपी बनाये गये थे. उन्होंने पटना में ट्रैफिक एसपी के पद पर भी काम किया था. शिवदीप लांडे ने लहरियाकट बाइकर्स के खिलाफ विशेष अभियान चलाया था. बाइक पर हेलमेट लगाकर नहीं चलने वालों के खिलाफ उनके एक्शन से हड़कंप मच गया था.रोहतास में तैनाती के दौरान उन्होंने बेलमाग बालू और पत्थर माफियाओं की नकेल कस दी थी. लांडे ने कई माफिया को दबोच कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया था. अपने इस काम चलते के काफी चर्चा में आए थे.
अपराधियों को सरेराह पीटा: वहीं, PMCH के पास अशोक राजपथ पर एक कपड़ा शोरूम के मालिक की हत्या के बाद जब अपराधियों के भय से व्यवसायियों ने दुकानें बंद कर दी थी, तब लांडे ने उसे दबोच कर पीएमसीएच गेट पर सरेराह पिटाई की थी. जिसके बाद इलाके की सारी दुकानें खुल गई. बता दें कि शिवदीप लांडे पटना में सिटी एसपी रहने के अलावा अररिया और रोहतास के पुलिस अधीक्षक भी रह चुके हैं. रोहतास में पोस्टिंग के दौरान बालू और पत्थर माफियाओं के खिलाफ शिवदीप लांडे ने एक मुहिम चलाकर कार्रवाई की थी. यहां पर उन्होंने कई पत्थर माफियाओं को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया था.
रिश्वत लेते दारोगा को पकड़ा था: पटना के एसपी रहने के दौरान शिवदीप लांडे को फोन पर जानकारी मिली कि शहर में यूपी पुलिस के एक दारोगा सर्वचंद घूस ले रहे हैं. वे अपनी पहचान छिपाने के लिए गमछा डालकर निकले और इंस्पेक्टर सर्वचंद को रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ लिया था. हालांकि सबूतों के अभाव में इंस्पेक्टर सर्वचंद्र को बाद में छोड़ दिया गया था.
हमले के भी हुए थे शिकार: हालांकि अपने करियर के शुरुआती दौर में ही मुंगेर में पत्थर माफिया ने उन पर हमला कर दिया था. इसमें वे घायल भी हुए थे. इसके बावजूद उनके जोश और जज्बे में कोई कमी नहीं आयी.
ट्रांसफर के विरोध में सड़क पर उतर गए थे लोग: शिवदीप लांडे लोकप्रियता ऐसी थी कि जब उनका ट्रांसफर पटना सिटी एसपी से पुलिस हेड क्वॉर्टर में कर दिया था तब लोग इसके विरोध में सड़कों पर उतर आये थे. गांधी मौदान से लेकर डाकबंगला चौराहा तक कैंडल मार्च भी निकाला गया था. यही नहीं, गांधी मैदान स्थित उनके ऑफिस में पहुंच कर लोग रोने लगे थे.
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