पटनाः पारस अस्पताल पटना (Paras Hospital Patna) में रोहतास निवासी 17 वर्षीय आयुष रंजन की 26 जुलाई 2021 को परिजनों की मौत हो गयी थी. मामले में बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह की अध्यक्षता में विशेष जांच समिति की बैठक (Bihar Legislative Council Probe in Ayush Ranjan Death In Paras) हुई. बैठक में समिति ने प्रथम दृष्टया इलाज में लापरवाही मानते हुए मामले में 07 जून को शाम को 4.00 बजे समिति की बैठक में पारस अस्पताल प्रबंधन को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है.
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आयुष रंजन मामले की विशेष जांच समिति में सिविल सर्जन पटना, पीएमसीएच के अधीक्षक, आईजीआईसी के निदेशक एवं विशेषज्ञ चिकित्सिकों की टीम के प्रतिवेदन के अनुसार प्रथम दृष्टया इलाज में लापरवाही पायी गयी थी. बैठक में परिषद् के सदस्य रामवचन राय, प्रो. राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, केदार नाथ पाण्डेय एवं डॉ. रामचन्द्र पूर्वे उपस्थित थे.
बता दें कि बिहार विधान परिषद में जुलाई, 2021 में शून्यकाल में पारस अस्पताल को विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह ने सदन में बताया था कि रोहतास निवासी 17 वर्षीय आयुष रंजन को शौच नहीं होने की शिकायत पर 22 जुलाई को पारस अस्पताल के जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया था. राउंड पर आए इंडोक्राइनोलाजिस्ट डॉ. नीरज सिन्हा ने दवा खाने को दी, जिसके बाद लगातार शौच होने लगा और तबीयत बिगड़ती चली गई.
बाद में आयुष को सीसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया. 26 जुलाई को परिजनों को बताया गया कि आयुष की मौत हो गई. सदस्य ने कहा कि यह पूरी तरह अस्पताल की लापरवाही है. ऐसे में सदन से कार्रवाई की मांग की गई।विप के अन्य सदस्य संजय सिंह, गुलाम गौस, नवल किशोर यादव समेत कई सदस्यों ने पारस अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था पर नाराजगी जताई थी.
बता दें कि पारस अस्पताल पर पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं. अस्पताल पर पहले भी कई बार आरोप लग चुके हैं. अब बिहार विधान परिषद की जांच टीम ने पारस अस्पताल प्रबंधन को सफाई देने के लिए बुलाया है यदि विधान परिषद जांच टीम संतुष्ट नहीं हुई तो अस्पताल पर कार्रवाई भी होना तय है.
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