पटनाः महागठबंधन की सरकार बनने के बाद बिहार में CBI की ताबड़तोड़ छापेमारी (CBI Raids in Bihar) की कारवाई पर सत्ताधारी दलों के नेताओं में काफी नाराजगी है. महागठबंधन में शामिल घटक दलों में सहमति बन गई है कि सीबीआई की बिहार में डायरेक्ट इंट्री पर नकेल (Bihar Government Preparation Withdrawing General Consent To CBI) कसा जाय. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार रविवार को पटना स्थित जदयू कार्यलय में महागठबंधन में शामिल सभी पार्टियों की बैठक (Meeting Of Mahagathbandhan Leaders) के दौरान यह फैसला लिया गया की बिना सरकार के अनुमति के सीबीआई आगे से कोई कार्रवाई बिहार में ना करे. इस फैसले को कानूनी अमलीजामा पहनाने के लिए बिहार सरकार की ओर से फैसले को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके तहत सीबीआई को पूर्व में राज्य सरकारी की तरफ से दी गई सहमति शक्ति को वापस ले लिया जायेगा.
पढ़ें-ED और CBI के छापे पर बोले सीएम नीतीश, आगे आगे देखिए होता है क्या
"बिहार से पहले बंगाल, राजस्थान, पंजाब, मेघालय सहित कई राज्य सरकारों ने सीबीआई को राज्य में प्रवेश से पहले अनुमति लेने की अनिवार्यता को लागू कर दिया है. उन राज्यों ने इस तरह के फैसले पहले ही ले रखा है. इनमें ज्यादातर विपक्ष के शाषित राज्य हैं."- शिवानंद तिवारी, राजद नेता
इन नौ राज्यों में सीबीआई की इंट्री पर है बैनः पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब, मिजोरम, महाराष्ट्र, केरल, झारखंड, मेघालय सहित नौ राज्यों ने अपने अधिकार क्षेत्र में मामलों की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के लिए सामान्य सहमति वापस ले ली है. वहीं बिहार में एनडीए छोड़ नीतीश कुमार जैसे महागठबंधन के साथ आये तो ऐसा माना जा रहा था कि केंद्र सरकार की एजेंसियां जल्द ही बिहार में छापे को तेज करेगी. महागठबंधन के नेताओं का अंदेशा सच हुआ. एक तरफ महागठबंधन की सरकार की ओर से सदन में बहुत हासिल करने की प्रक्रिया चल रही थी, तो दूसरी तरफ राजद नेताओं के यहां छापे मारे जा रहे थे. इसके बाद से राज्य में सीबीआई को बैन करने कार्रवाई के विकल्प पर विचार चल रहा है.
लालू परिवार के खिलाफ चल रहे हैं सीबीआई के कई मामलेः बता दें कि लालू परिवार के विरुद्ध सीबीआई लगातार कार्रवाई कर रही है. चारा घोटाले में CBI की जांच में दोषी पाए जाने के बाद लालू प्रसाद पांच मामलों नें सजायाफ्ता हैं और सालों तक जेल की सजा काट चुके हैं. इसके साथ ही IRCTC घोटाला और रेलवे की नौकरी के बदले जमीन मामले में भी लालू प्रसाद और उनका परिवार आरोपी है. इधर बीजेपी नेता लगातर कहना है की जल्द ही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी जेल जाएंगे. उनपर भी सीबीआई जांच की तलवार लटक रही है.
जल्द बिहार में भी सीबीआई की इंट्री पर रोक की तैयारीः लालू प्रसाद के हनुमान कहे जाने वाले भोला यादव भी CBI जांच के बाद अब जेल में हैं. हाल ही में लालू परिवार के करीबी और राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई कहे जाने वाले एमएलसी सुनील सिंह और राज्यसभा सांसद फैयाज अहमद समेत कुल पांच नेताओ के ठिकाने पर छापेमारी की थी. इससे पहले पटना में राबड़ी आवास समेत लालू प्रसाद के कई ठिकानों पर CBI ने छापेमारी की थी. इन सभी कार्रवाई को देखते हुए अब बिहार सरकार राज्य में सीबीआई को बैन करने की तैयारी में है. अगर यह फैसला लागू हो जाता है तो बिहार सरकार की अनुमति के बिना CBI बिहार में कार्रवाई नहीं कर सकती है.
पढ़ें-RJD नेताओं के ठिकानों पर CBI का छापा.. टीम के हाथ लगे 200 लैंड डीड और 20 किलो सोना