पटना: बिहार सरकार ( Bihar Government ) ने मृत सरकारी सेवक के पति-पत्नी में से किसी एक के पेंशनर होने की स्थिति में आश्रित को अनुकंपा पर नियुक्ति ( Compassionate Restoration ) के लाभ को लेकर नया आदेश जारी किया है. जारी आदेश के अनुसार, यदि पति-पत्नी, दोनों सरकारी सेवा में हो और किसी एक की मृत्यु हो जाए तो ऐसी स्थिति में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति का लाभ उनके परिवार के किसी आश्रित को नहीं मिलेगा.
सामान्य प्रशासन विभाग ( Department of General Adminstration ) के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने इस संबंध में पत्र जारी कर दिया है. सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी किए गए पत्र में सभी सरकारी विभाग, सभी विभागाध्यक्ष, सभी प्रमंडलीय आयुक्त और सभी जिला पदाधिकारी को सूचना दी गई है. अनुकंपा पर नियुक्ति को लेकर लगातार हो रहे दावे के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने यह नया फैसला लिया है. 1991 के पहले तक ऐसे मामले में आश्रित को वर्ग तीन या चार के पदों पर अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल जाती थी.
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दरअसल, सामान्य प्रशासन विभाग ने इस विषय में विधि विभाग की राय मांगी थी. विधि विभाग के पास उदाहरण के तौर पर एक मामला दिया गया. विधि विभाग की राय थी कि पति-पत्नी में कोई एक अवकाश ग्रहण कर चुका है और किसी एक की कार्यकाल में मृत्यु हो जाती है तो ऐसे में मृत सरकारी सेवक के आश्रित को अनुकंपा के आधार पर बहाल किया जा सकता है.
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विधि विभाग का मानना था कि क्योंकि सेवा निवृति के बाद किसी को सरकारी सेवक नहीं माना जा सकता है. वहीं, सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना में साफ कहा गया है कि अनुकंपा आधारित बहाली में छूट के बावजूद आश्रित को अन्य मामलों में कोई छूट नहीं दी जाएगी. उन्हें जिस वर्ग में नियुक्ति दी जाएगी, उसके लिए तय योग्यता की अन्य शर्तें पूरी करनी होगी. तब ही वे अनुकंपा आधारित बहाली में शामिल हो सकते हैं.