पटना: बिहार में बाढ़ (Bihar Flood) से इस बार 3763.85 करोड़ नुकसान का आकलन (Assessment Of The Damage) किया गया है. साल 2007 में 17059 करोड़ का नुकसान हुआ था. 2008 में 14800 करोड़, 2016 में 4112 करोड़, 2017 में 7636 करोड़, 2019 में 4500 करोड़, 2020 में 3328 करोड़ का नुकसान हुआ था.
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बिहार में बाढ़ से क्षति (Flood Damages In Bihar) का डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट द्वारा 1168.59 करोड़, एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट द्वारा 661.16 करोड़, एनिमल हसबेंडरी एंड फिशरीज 4.04 करोड़, रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के द्वारा 203.14 करोड़, ग्रामीण विभाग द्वारा 234.70 करोड़, वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट द्वारा 1469.99 करोड़, ऊर्जा विभाग द्वारा 14.37 करोड़, पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग के दौरा 7.86 करोड़ का आकलन किया गया है. कुल 3763.85 करोड़ क्षति का आकलन किया गया है. जो केंद्रीय टीम के समक्ष प्रस्तुत कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.
बता दें कि 2017 में केंद्र से 1700 करोड़ की मदद मिली थी. 2019 में करीब 1000 करोड़ की आर्थिक सहायता केंद्र से मिली थी और 2020 में केंद्र सरकार से 1255 करोड़ की मदद मिली थी.
बिहार में इस साल 26 जिले के लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इस बार जून के महीने से ही बाढ़ का सामना बिहार को करना पड़ा है और अभी भी बाढ़ समाप्त हो गई है, ऐसा नहीं है. बिहार में बाढ़ से इस साल भी 200 करोड़ से अधिक पथ निर्माण विभाग की सड़कों का अब तक नुकसान हो चुका है. ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों का भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. इसके साथ ही कई विभागों और केंद्र सरकार की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है. निजी संपत्ति को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है.
बाढ़ से राज्य में हुए नुकसान का आकलन करने आई टीम की अध्यक्षता केन्द्रीय गृह मंत्रालय के सचिव कर रहे हैं. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा था कि केंद्रीय टीम बिहार में बाढ़ प्रभावित जिलों का जायजा लेगी. बाढ़ के कारण जो भी नुकसान हुआ है, उसका आकलन किया जाएगा. साथ ही बिहार के विभिन्न बाढ़ प्रभावित जिलों का एरियल सर्वे और सड़क मार्ग से सर्वे किया जाएगा. जिसके बाद केंद्रीय टीम अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी. अब बिहार सरकार ने केंद्रीय टीम को बाढ़ से लगभग 3763 करोड़ की क्षति का आकलन दे दिया है. केंद्रीय टीम इसे केंद्र सरकार को भेजेगी.
मालूम हो कि पहले राज्य सरकार की रिपोर्ट के आधार पर ही केंद्र सरकार अधिकारियों को भेजती थी और बिहार सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान का जो आकलन किया है और कितना सही है, उसकी जांच करते थे. लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के केंद्र में आने के बाद से अब केंद्र सरकार क्षति आकलन के लिए पहले ही अधिकारियों को भेज देती है और अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकारों को मदद भी पहुंचाती है.
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