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मुकेश सहनी पर BJP की दो टूक- 'जरूरी नहीं है कि हर बात सुनी जाए' - मुकेश सहनी पर बीजेपी

VIP प्रमुख मुकेश सहनी के बयान पर BJP ने पलटवार किया है. बीजेपी नेता ने साफ-साफ कहा है कि उनकी क्या, एनडीए के सभी नेताओं की बात सुनी जाती है, लेकिन जरूरी नहीं है कि हर बात सुनी जाए. पढ़ें पूरी खबर...

mukesh shahani
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Published : Jul 26, 2021, 7:56 PM IST

पटना: वीआईपी प्रमुख और बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी ( Mukesh Sahni ) की नाराजगी पर पहली बार बीजेपी नेता मुंह खोले हैं. बीजेपी नेता और पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान ( PHED Minister Rampreet Paswan ) ने कहा कि जरूरी नहीं है कि हर बात सुनी जाए.

पटना में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुकेश सहनी बिहार सरकार में मंत्री हैं, वीआईपी के सम्मानीत नेता हैं. उनकी बात सुनी जाती है. एनडीए के सभी नेताओं की बात सुनी जाती है, लेकिन जरूरी नहीं है कि हर बात सुनी जाए.

देखें वीडियो

वहीं, बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने मुकेश शाहनी पर तंज कसते हुए कहा कि वो चुनाव हार गए थे. उनकी बात सुनी गई, तब ही न उन्हें मंत्री बनाया गया. आगे उन्होंने कहा कि एनडीए में सभी घटक दल की बात सुनी जाती है और सब को बराबर सम्मान दिया जाता है.

ये भी पढ़ें- नीतीश के मंत्री के साथ योगी का 'खेल': जाना था काशी पहुंच गए कोलकाता, समझ गए ना...

बता दें कि बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में उन्होंने अपने 4 विधायकों के साथ भाग लिया. लेकिन सदन से बाहर निकलते ही पत्रकारों के सवाल पूछे जाने पर भड़क गए थे. उन्होंने कहा था कि एनडीए की बैठक में जाने का कोई मतलब नहीं है, वहां बात नहीं सुनी जाती है.

उन्होंने कहा कि बिहार एनडीए में जो कुछ भी हो रहा है, वह ठीक नहीं है. बिहार में चार पार्टी की सरकार है, लेकिन नाम दो ही पार्टी की ली जा रही है. ऐसे में एनडीए की बैठक में जाने का कोई मतलब नहीं था.

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बता दें कि, बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र 30 जुलाई तक चलेगा. मानसून सत्र को लेकर विपक्ष की रणनीति का जवाब देने के लिए एनडीए ने यह बैठक बुलाई गई थी. कोरोना के कारण इस बार बैठक विधानसभा के सेंट्रल हॉल में बुलाई गई है. बिहार विधानसभा में बीजेपी के 74, जदयू के 43, हम के चार और वीआईपी के 4 विधायक हैं. बता दें कि एक निर्दलीय विधायक सुमित सिंह ने जदयू को समर्थन दिया है. यानी कुल 126 विधायक एनडीए पाले में है.

पटना: वीआईपी प्रमुख और बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी ( Mukesh Sahni ) की नाराजगी पर पहली बार बीजेपी नेता मुंह खोले हैं. बीजेपी नेता और पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान ( PHED Minister Rampreet Paswan ) ने कहा कि जरूरी नहीं है कि हर बात सुनी जाए.

पटना में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुकेश सहनी बिहार सरकार में मंत्री हैं, वीआईपी के सम्मानीत नेता हैं. उनकी बात सुनी जाती है. एनडीए के सभी नेताओं की बात सुनी जाती है, लेकिन जरूरी नहीं है कि हर बात सुनी जाए.

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वहीं, बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने मुकेश शाहनी पर तंज कसते हुए कहा कि वो चुनाव हार गए थे. उनकी बात सुनी गई, तब ही न उन्हें मंत्री बनाया गया. आगे उन्होंने कहा कि एनडीए में सभी घटक दल की बात सुनी जाती है और सब को बराबर सम्मान दिया जाता है.

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बता दें कि बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में उन्होंने अपने 4 विधायकों के साथ भाग लिया. लेकिन सदन से बाहर निकलते ही पत्रकारों के सवाल पूछे जाने पर भड़क गए थे. उन्होंने कहा था कि एनडीए की बैठक में जाने का कोई मतलब नहीं है, वहां बात नहीं सुनी जाती है.

उन्होंने कहा कि बिहार एनडीए में जो कुछ भी हो रहा है, वह ठीक नहीं है. बिहार में चार पार्टी की सरकार है, लेकिन नाम दो ही पार्टी की ली जा रही है. ऐसे में एनडीए की बैठक में जाने का कोई मतलब नहीं था.

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बता दें कि, बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र 30 जुलाई तक चलेगा. मानसून सत्र को लेकर विपक्ष की रणनीति का जवाब देने के लिए एनडीए ने यह बैठक बुलाई गई थी. कोरोना के कारण इस बार बैठक विधानसभा के सेंट्रल हॉल में बुलाई गई है. बिहार विधानसभा में बीजेपी के 74, जदयू के 43, हम के चार और वीआईपी के 4 विधायक हैं. बता दें कि एक निर्दलीय विधायक सुमित सिंह ने जदयू को समर्थन दिया है. यानी कुल 126 विधायक एनडीए पाले में है.

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