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'बिहार के अफसरों का एक ही सपना, 2047 में पूर्वांचल को इस्लामिक राष्ट्र में है बदलना'- संजय जायसवाल

बिहार के सीमावर्ती किशनगंज जिले में शिक्षा विभाग का नया कारनामा उजागर हुआ है. जिसके बाद बीजेपी, बिहार सरकारल पर हमलावर हो गई है. बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल (Bihar BJP President Sanjay Jaiswal) ने राज्य सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यह प्रश्न परीक्षा में पूछना ही बताता है कि बिहार सरकार के सरकारी पदाधिकारी और बिहार सरकार कश्मीर को भारत का अंग नहीं मानती है. पढ़ें पूरी खबर...

बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल
बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल
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Published : Oct 18, 2022, 10:19 PM IST

पटना: बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (Bihar Education Project Council) द्वारा सातवीं कक्षा के प्रश्नपत्र में कश्मीर को अलग देश बताने पर बिहार में महागठबंधन सरकार (Mahagathbandhan Government In Bihar) कटघरे में है. भाजपा ने महागठबंधन सरकार पर पीएफआई के प्रति मुलायम रवैया अपनाने के आरोप लगाए हैं. सीमांचल में कश्मीर को लेकर विवादित प्रश्न पूछे जाने पर बिहार की राजनीति गरमा गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सरकार से सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में जदयू और राजद का गठबंधन और पीएफआई समर्थक जदयू मे बैठे सरकारी पदाधिकारी और राजद के वोट बैंक में बैठे पीएफआई समर्थकों के नापाक गठजोड़ का नतीजा है, कश्मीर को प्रश्नपत्र में अलग देश बताना.

ये भी पढ़ें- शिक्षा विभाग का कारनामा: बायट के पूर्व प्राचार्य पर नहीं हुई आज तक कार्रवाई, दो-दो बार हुआ प्रपत्र 'क' का गठन

संजय जायसवाल ने बिहार सरकार पर साधा निशाना : बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि पूरे सीमांचल क्षेत्र में हिंदी स्कूलों में शुक्रवार को बंद करना और अब बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा सातवीं कक्षा का यह प्रश्नपत्र है. जिसमें यह पूछा जाना कि नेपाल, चाइना, इंग्लैंड, हिंदुस्तान और कश्मीर में रहने वाले को क्या कहते हैं? यह प्रश्न ही बताता है कि बिहार सरकार के सरकारी पदाधिकारी और बिहार सरकार कश्मीर को भारत का अंग नहीं मानती है. बिहार सरकार के इन अफसरों का एक ही सपना है कि 2047 में बिहार के पूर्वांचल को कम से कम हम इस्लामिक राष्ट्र में बदल दें.

'इसका सबसे बड़ा सबूत सातवीं कक्षा का बिहार शिक्षा परियोजना परिषद का प्रश्न पत्र है जो बच्चों के दिमाग में यह डालने का काम कर रहा है कि जिस प्रकार चीन, इंग्लैंड, भारत, नेपाल एक देश हैं, वैसे ही कश्मीर भी एक राष्ट्र है. रबर स्टैंप मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह हैसियत भी नहीं है कि इस सरकारी कर्मचारी पर कोई कार्रवाई कर सकें. क्योंकि पीएफआई समर्थक सरकारी कर्मचारियों के बदौलत ही वो मुख्यमंत्री हैं.' - संजय जायसवाल, बिहार बीजेपी अध्यक्ष

बीजेपी के निशाने पर बिहार सरकार : गौरतलब है कि बिहार के सीमावर्ती किशनगंज जिले में सातवीं कक्षा के अर्द्धवार्षिक परीक्षा में एक प्रश्न पूछा गया है, जिसे देखकर सभी हैरान हैं. बिहार शिक्षा बोर्ड द्वारा सरकारी स्कूलों के कक्षा 7 के प्रश्न पत्र में दावा किया गया है कि कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं है, बल्कि एक अलग देश (Kashmir Separate Nation In Kishanganj School Exam) है. छात्रों से परीक्षा में यह प्रश्न पूछा गया कि पांच देशों- चीन, नेपाल, इंग्लैंड, कश्मीर और भारत के लोगों को क्या कहा जाता है. जिसके बाद बिहार सरकार बीजेपी के निशाने पर आ गई है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है सीमांचल में शुक्रवार के दिन स्कूल बंद कराए जाने को लेकर बवाल हो चुका है और अब जो सवाल पूछे गए हैं, उसे लेकर बवाल है. जिसमें कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं बताया गया है. विवादित प्रश्न को लेकर भाजपा हमलावर है.

कश्मीर को बताया अगल राष्ट्र: बता दें की जिले के माध्यमिक विद्यालयों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत परीक्षा आयोजित की जा रही है. जो राज्य में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपीसी) द्वारा देखी जाती है. ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है, इससे पूर्व 2017 में भी इस तरह का मामला प्रकाश में आया था और इसी प्रश्न को तब भी पूछा गया था. तब काफी हाय तौबा मची थी और मानवीय भूल बताया गया था.

पटना: बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (Bihar Education Project Council) द्वारा सातवीं कक्षा के प्रश्नपत्र में कश्मीर को अलग देश बताने पर बिहार में महागठबंधन सरकार (Mahagathbandhan Government In Bihar) कटघरे में है. भाजपा ने महागठबंधन सरकार पर पीएफआई के प्रति मुलायम रवैया अपनाने के आरोप लगाए हैं. सीमांचल में कश्मीर को लेकर विवादित प्रश्न पूछे जाने पर बिहार की राजनीति गरमा गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सरकार से सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में जदयू और राजद का गठबंधन और पीएफआई समर्थक जदयू मे बैठे सरकारी पदाधिकारी और राजद के वोट बैंक में बैठे पीएफआई समर्थकों के नापाक गठजोड़ का नतीजा है, कश्मीर को प्रश्नपत्र में अलग देश बताना.

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संजय जायसवाल ने बिहार सरकार पर साधा निशाना : बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि पूरे सीमांचल क्षेत्र में हिंदी स्कूलों में शुक्रवार को बंद करना और अब बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा सातवीं कक्षा का यह प्रश्नपत्र है. जिसमें यह पूछा जाना कि नेपाल, चाइना, इंग्लैंड, हिंदुस्तान और कश्मीर में रहने वाले को क्या कहते हैं? यह प्रश्न ही बताता है कि बिहार सरकार के सरकारी पदाधिकारी और बिहार सरकार कश्मीर को भारत का अंग नहीं मानती है. बिहार सरकार के इन अफसरों का एक ही सपना है कि 2047 में बिहार के पूर्वांचल को कम से कम हम इस्लामिक राष्ट्र में बदल दें.

'इसका सबसे बड़ा सबूत सातवीं कक्षा का बिहार शिक्षा परियोजना परिषद का प्रश्न पत्र है जो बच्चों के दिमाग में यह डालने का काम कर रहा है कि जिस प्रकार चीन, इंग्लैंड, भारत, नेपाल एक देश हैं, वैसे ही कश्मीर भी एक राष्ट्र है. रबर स्टैंप मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह हैसियत भी नहीं है कि इस सरकारी कर्मचारी पर कोई कार्रवाई कर सकें. क्योंकि पीएफआई समर्थक सरकारी कर्मचारियों के बदौलत ही वो मुख्यमंत्री हैं.' - संजय जायसवाल, बिहार बीजेपी अध्यक्ष

बीजेपी के निशाने पर बिहार सरकार : गौरतलब है कि बिहार के सीमावर्ती किशनगंज जिले में सातवीं कक्षा के अर्द्धवार्षिक परीक्षा में एक प्रश्न पूछा गया है, जिसे देखकर सभी हैरान हैं. बिहार शिक्षा बोर्ड द्वारा सरकारी स्कूलों के कक्षा 7 के प्रश्न पत्र में दावा किया गया है कि कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं है, बल्कि एक अलग देश (Kashmir Separate Nation In Kishanganj School Exam) है. छात्रों से परीक्षा में यह प्रश्न पूछा गया कि पांच देशों- चीन, नेपाल, इंग्लैंड, कश्मीर और भारत के लोगों को क्या कहा जाता है. जिसके बाद बिहार सरकार बीजेपी के निशाने पर आ गई है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है सीमांचल में शुक्रवार के दिन स्कूल बंद कराए जाने को लेकर बवाल हो चुका है और अब जो सवाल पूछे गए हैं, उसे लेकर बवाल है. जिसमें कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं बताया गया है. विवादित प्रश्न को लेकर भाजपा हमलावर है.

कश्मीर को बताया अगल राष्ट्र: बता दें की जिले के माध्यमिक विद्यालयों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत परीक्षा आयोजित की जा रही है. जो राज्य में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपीसी) द्वारा देखी जाती है. ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है, इससे पूर्व 2017 में भी इस तरह का मामला प्रकाश में आया था और इसी प्रश्न को तब भी पूछा गया था. तब काफी हाय तौबा मची थी और मानवीय भूल बताया गया था.

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