पटनाः काफी समय से इंतजार कर रहे बिहार व्यवहार न्यायालय अधिकारी व कर्मचारी (नियुक्ति, प्रोन्नति, तबादला व अन्य सेवा शर्तें) नियमावली, 2022 को बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से मंजूरी (Bihar Behavioral Court Officer and Employee Manual Notified ) दे दी गयी है. सामान्य प्रशासन विभाग (Department of General Administration) की ओर से 19 अप्रेल को इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गयी है. संविधान के अनुच्छेद 309 के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए ये नियमावली बनायी गयी है.
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जिला जज के अधिकार में बढ़ोतरीः नए नियम से कर्मियों की नियुक्ति, प्रोनत्ति, वित्तीय प्रगति, तबादला, अनुकंपा आधारित नियुक्ति और कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की प्रक्रिया में तेजी आएगी. नए नियम के तहत अब जिला जज को नियुक्ति के साथ ही साथ अनुशासनात्मक अधिकारी बनाया गया है. इस प्रकार के सभी मामले अब जिला जज के स्तर पर ही निपटाए जाएंगे. इसके पहले पटना हाई कोर्ट के महानिबंधक नियुक्ति और अनुशासनात्मक अधिकारी इसका निपटारा करते थे.
गजट में प्रकाशन से होगा लागूः इस तरह के मामले पटना हाईकोर्ट के महानिबंधक (Registrar General of Patna High Court) की ओर से निपटाए जाते थे. ये नियमावली पटना हाईकोर्ट के अधीन बिहार राज्य के सभी व्यवहार न्यायालयों में लागू होगी और बिहार सरकार के राजपत्र में प्रकाशन की तिथि से लागू हो जाचेगा. नियमावली के तहत अपीलीय प्राधिकार से मतलब है हाईकोर्ट की स्थाई समिति. नियमावली के अध्याय - II में अन्य बातों के अलावा यह भी कहा गया है कि राज्य सिविल कोर्ट और अनुमंडलीय सिविल कोर्ट के प्रशासन हेतु इस नियमावली की आरंभ की तारीख से एक बिहार राज्य सिविल कोर्ट स्थापना सेवा प्रवृत्त होगी.
हाईकोर्ट में अपील की अनुमतिः आरक्षण को लेकर राज्य सरकार (सामान्य प्रशासन विभाग) की ओर से लागू आरक्षण संबंधी नियम (समयानुसार संशोधित) ही न्यायालय कर्मियों की नियुक्ति / प्रोनत्ति में लागू होंगे. वही, नियमावली के तहत प्रशिक्षण को लेकर सीधी नियुक्ति अथवा समूह-ग पद की परीक्षा से नियुक्त कर्मचारी, जिसकी उम्र 55 वर्ष से कम होगी, उन्हें उच्च न्यायालय की ओर से विहित उस विनिर्दिष्ट पद के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा. कोई कर्मचारी अपने ऊपर अनुशासनात्मक प्राधिकार की ओर से अधिरोपित लघु या वृहत सजा के विरुद्ध, उक्त सजा की प्रति की प्राप्ति की तिथि से 30 दिनों के भीतर हाईकोर्ट में अपील कर सकता है.
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