पटना: जलवायु परिवर्तन के भयानक दुष्परिणाम अब सामने आने लगे हैं. साल 2019 बिहार के लिए इस मामले में काफी बुरा अनुभव देने वाला रहा. प्रदेश में भीषण गर्मी पड़ी, सूखे का व्यापक असर हुआ और कई जगह भूमिगत जलस्तर भी नीचे चला गया. इसके बाद बिहार सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया. साल 2019 में मिशन मोड पर जल जीवन हरियाली अभियान शुरू किया गया.
जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत
बिहार ने पूरे देश के लिए इस साल एक मिसाल कायम की. जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत से बिहार सरकार ने दूसरों को एक बड़ा रास्ता भी दिखाया. इसकी शुरुआत 13 जुलाई 2019 को शुरुआत हुई. बिहार में सभी विधायकों और विधान पार्षदों की एक बैठक विशेष रूप से बुलाई गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जलवायु परिवर्तन के प्रकोप पर चर्चा करने और इसके दुष्प्रभावों से निपटने के लिए बिहार के तमाम जनप्रतिनिधियों के साथ इस विशेष बैठक के जरिए उनकी राय ली और इसके बाद जल जीवन हरियाली अभियान को एक दिशा मिली.
11 सरकारी विभागों को अभियान के तहत जोड़ा गया
13 जुलाई की यह बैठक मील का पत्थर साबित हुई जिसके आधार पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल जीवन हरियाली अभियान के शुभारंभ की. इस अभियान के तहत बिहार के करीब 11 सरकारी विभागों को जोड़ा गया है. 3 साल तक बिहार सरकार अपने बजट से 24 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करेगी. अभियान में पुराने तालाब, आहर, पईन, पोखर और कुओं का जीर्णोद्धार किया जाएगा. चापाकल और नलकूप के नजदीक सोख्ता का निर्माण कराया जाएगा ताकि भूमिगत जल का स्तर बना रहे.
ग्रामीण विकास विभाग को बनाया गया नोडल विभाग
इस अभियान के लिए बिहार के ग्रामीण विकास विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है. वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि देश के कई राज्य अलग अलग तरीके से हरियाली अभियान चला रहे हैं लेकिन एक मिशन मोड के तहत ऐसी शुरुआत करने वाला बिहार इकलौता राज्य है.