पटना: लॉकडाउन खत्म होते ही बिहार में अनलॉक सियासत जारी है. चिराग पासवान (LJP Chief Chirag Paswan) की पार्टी एलजेपी (LJP) में बड़ी टूट के बीच चिराग पासवान खुद अपने चाचा पशुपति पारस के घर पहुंचे. हालांकि काफी देर तक उन्हें गेट पर ही इंतजार करना पड़ा. करीब 25 मिनट इंतजार करने के बाद चिराग घर में दाखिल हो सके. अब मुलाकात के बाद वो अपने घर लौट चुके हैं. वहीं दूसरी तरफ जेडीयू सांसद ललन सिंह ने एलजेपी सांसद वीणा देवी से उनके घर पर मुलाकात की है.
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Live Update:
- वीणा देवी से JDU सांसद ललन सिंह ने की मुलाकात
- वीणा देवी के आवास पर दोनों के बीच हुई बातचीत
- एलजेपी संसदीय दल के नेता चुने गए पशुपति पारस
- एलजेपी के पांच सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा था पत्र
- चाचा पशुपति पारस के घर से निकले चिराग पासवान
- करीब 25 मिनट इंतजार करने के बाद घर में हुए दाखिल
- खुद गाड़ी चलाकर पशुपति पारस के घर पहुंचे चिराग
- बताया गया कि घर पर नहीं हैं पशुपति पारस
- काफी देर कैंपस में ही गाड़ी में बैठे रहे चिराग पासवान
- 15 मिनट तक नहीं खोला गया गेट
- चाचा पशुपति पारस के घर पहुंचे चिराग पासवान
बेदखल होंगे चिराग पासवान?
सूत्रों के अनुसार, पशुपति पारस के हाथ पार्टी की कमान आ सकती है. बताया जा रहा है कि आज इस बात का फैसला हो जाएगा. दिल्ली में आज ही पशुपति पारस के नेतृत्व में पांचों सांसदों की बैठक होने वाली है. सहमति बन गई तो आज ही चिराग को अध्यक्ष पद से बेदखल कर पशुपति पारस को एलजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया जाएगा.
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बता दें कि चिराग की पार्टी एलजेपी के 6 सांसद हैं. जिसमें एक चिराग पासवान भी हैं. बताया जा रहा है चिराग को छोड़कर सभी सांसदों ने पशुपति पारस (Pashupati Paras) के नेतृत्व में पार्टी से अलग होने का फैसला कर लिया है. या यूं कहे तो चिराग को पार्टी से बेदखल कर पार्टी पर कब्जा करने की तैयारी है.
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Delhi: LJP national president Chirag Paswan arrives at the residence of party MP and uncle Pashupati Kumar Paras, to meet him. pic.twitter.com/SetC1c4hMa
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पशुपति पारस ही हैं पार्टी में इस टूट के सूत्रधार
सूत्रों के अनुसार, चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस ही पार्टी में इस टूट के सूत्रधार हैं. पशुपति पारस का सीएम नीतीश से हमेशा से अच्छे संबंध रहे हैं. सूत्र ये भी बता रहे हैं कि पांचों सांसद लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर इसके बारे में सूचना भी दे दिया है.
चिराग पासवान से नाराज हैं लोजपा सांसद
खबर है कि पार्टी के पांचों सांसद एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान से नाराज चल रहे हैं. यही कारण है कि इन सभी ने चिराग से अगल होने का फैसला लिया है. पार्टी के जिन पांच सांसदों ने चिराग से अलग होने का फैसला लिया है, इनमें पशुपति पारस, प्रिंस, महबूब अली कैसर, वीणा देवी और चंदन सिंह शामिल हैं. अगर ये सभी अलग हो जाते हैं तो पार्टी में अब चिराग अकेले ही रह जाएंगे.
कौन हैं पांचों सांसद:-
पशुपति कुमार पारस: पशुपति कुमार पारस अलौली से पांच बार विधायक रह चुके हैं. उन्होंने जेएनपी उम्मीदवार के रूप में 1977 में अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता. तब से वे एलकेडी, जेपी और एलजेपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते रहे हैं. उन्होंने बिहार सरकार में पशु और मछली संसाधन विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया. हाजीपुर से 2019 का संसदीय चुनाव जीता और संसद के सदस्य बने. इसके अलावा, वे लोक जनशक्ति पार्टी की बिहार इकाई के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
प्रिंस राज: समस्तीपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं. वे बिहार एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. 25 साल की उम्र में प्रिंस ने वर्ष 2015 में समस्तीपुर के रोसड़ा विधानसभा चुनाव लड़ा. हालांकि तब उन्हें चुनाव में शिकस्त मिली. प्रिंस राज अपने पिता रामचंद्र पासवान के साथ लगातार राजनीति में सक्रिय रहे. पिता रामचंद्र पासवान के निधन के बाद उप चुनाव में प्रिंस राज समस्तीपुर में एलजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े और शानदार जीत हासिल की.
महबूब अली कैसर: चौधरी महबूब अली कैसर कांग्रेस से अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. वह बिहार के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय चौधरी सलाहुद्दीन के पुत्र हैं. उन्होंने बिहार सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया है. 2014 के आम चुनाव से पहले लोक जनशक्ति पार्टी में शामिल हो गए. फिलहाल खगड़िया से सांसद हैं.
वीणा देवी: वीणा देवी वैशाली से सांसद हैं. वह बिहार विधानसभा की सदस्य भी रह चुकी हैं. 2019 आम चुनाव में उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर वैशाली से चुनाव लड़ा और आरजेडी के दिवंगत नेता रघुवंश प्रसाद सिंह को हराकर लोक सभा पहुंची.
चंदन सिंह: चंदन सिंह नवादा से सांसद है. इनकी सबसे बड़ी पहचान ये है कि ये सूरजभान सिंह के भाई हैं. सूरजभान सिंह एलजेपी नेता सह पूर्व सांसद हैं.
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चिराग के लिए बड़ा सियासी संकट
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव ( Bihar Assembly Election ) के वक्त एलजेपी ने जब बीजेपी-जेडीयू ( BJP-JDU ) से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला लिया था, तभी से सीएम नीतीश और उनके पार्टी के लोग चिराग से नाराज चल रहे हैं. कहा तो ये भी जाता है कि चिराग की पार्टी की वजह से ही जेडीयू की सीटें कम आयी. इतना सब कुछ होने के बाद अगर अब एलजेपी के पांच सांसदों ने पार्टी छोड़ दी, तो ये चिराग के लिए बड़ा सियासी संकट है.
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